अब तो हद पार हो गई, इतना अत्याचार तो मुगलों के समय भी नही होगा

31 January 2024

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आपने आशारामजी बापू का नाम तो काफी सुना होगा, कि वो इस वक़्त जोधपुर जेल में हैं।लेकिन उनके आजीवन कारावास की सजा के पीछे क्या सच्चाई है और अभी तक उनके बार-बार बीमार पड़ने पर भी क्यों बेल की अर्जियां ख़ारिज की जा रही हैं,यह जानना भी बेहद ज़रूरी है।

 

आज उनकी उम्र 87 साल की है और जेल में 11 साल से हैं। उन्हें काफी पहले से ट्रायजेमिनल न्यूरॉल्जिया , सायटिका और अन्य कष्टप्रद बीमारियां थी ही। फिर इतने समय से जेल में रहने और वहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण उनको 3 साल पहले कोरोना भी हो गया था, शरीर बिल्कुल रुग्ण हो गया और दवाओं के काफी सारे साइड ईफेक्ट्स भी हो गए ।

 

इतनी बड़ी उम्र में शरीर इतना कमजोर होने और जेल के कष्टदायक परिस्थितियों के चलते उनको कई गंभीर बीमारियों ने घेर लिया है। जिसके कारण पिछले लगभग 20 दिनों से वे जोधपुर एम्स अस्पताल में भर्ती हैं और बिना पैरोल के वहीं कैद में ही उनका इलाज ( उनकी मर्जी के अनुसार इलाज मुहैय्या नहीं हो रहे उन्हें ) चल रहा है।

 

जेल जाने के पीछे का कारण क्या थे?

 

मीडिया ने आज तक जितना आशाराम बापू के खिलाफ मनगढ़ंत और फ़ेक मीडिया ट्रायल चलाए हैं , उतने किसी के खिलाफ नहीं चलाए होंगे , जानना चाहते हैं क्यों…!?

क्योंकि आशारामजी बापू ने गुनाह ही इतने बड़े-बड़े किये थे !

 

आशारामजी बापू के गुनाहों की फ़ेहरिस्त…

 

उनके गुनाहों की लिस्ट इतनी लंबी कि यहाँ सीमित स्थान व समय में सारा कुछ बता पाना संभव नहीं है,फिर भी उनमें से कुछेक यहाँ बता रहे हैं।

 

1) उन्होंने संस्कृति जागरण अभियान, नर सेवा ही नारायण सेवा अभियान , और अन्य प्रकल्पों के माध्यम से इसाई बना दिए गए लाखों हिंदू आदिवासियों की घर वापसी करवाई । और तो और 11 साल से जेल में होकर भी अपनी उस मुहिम को रुकने नहीं दिए। अभी भी उनके आश्रम व समितियां उनके पद चिन्हों का अनुसरण कर रही हैं।

 

2) करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति कट्टर बना दिया उन्होंने। सैकड़ों वैदिक शिक्षा पद्धति के गुरुकुल और 17000++ बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।450+ आश्रमों में दिन-रात आश्रमवासियों द्वारा देश व धर्म सेवा के कार्यक्रम चलते रहते हैं।

 

3) कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाया, उनके पालन-पोषण हेतु अनेकों गौशालाएं खोल दीं।

 

4) 2006 में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के बदले मातृ-पितृ पूजन शुरू करवा दिया।

आज उनके करोड़ो अनुयायियों के साथ-साथ देश भर में सभी धर्म के लोग बड़ी कृतज्ञता से सहर्ष इस पावन पर्व को मनाने लगे हैं। इसकी सुवास अन्य देशों में भी फैल रही है।

 

5)इतना ही नहीं विदेशों में भी उन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति का परचम खूब ऊंचा फहराया । वहाँ भी उनके अनगिनत अनुयायी बन चुके थे।

 

6)25 December को क्रिसमस के बदले तुलसी पूजन दिवस शुरू करवाये।

 

7) 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक “विश्व गुरू भारत अभियान” शुरू करवाए…

 

आज कौन नहीं वाकिफ इस बात से कि पूरे साल भर में यही वो सप्ताह है , जिसमें कुछ साल पहले तक व्यभिचार अपने चरम पर होता था।आशाराम जी के प्रयासों से ही आज सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं।

 

शराब, मांस भक्क्षण,युवाओ ,युवतियों द्वारा खुलेआम व्यभिचार, कुंवारी किशोरियों से लेकर युवतियों तक का गर्भवती होकर समाज पर बोझ होना। बलात्कार, छेडछाड, लडाई, दंगे फ़साद, खून खराबा, आत्महत्याएं और हत्याएं आदि…..अब कितने नाम गिनाए जाएं, ये सबकुछ इसी सप्ताह में खूब बढते थे।

पर आज , आज देशवासी 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन करते हैं और भी कई सुन्दर प्रकल्प होते हैं इस सप्ताह में आशाराम जी के आश्रमों और साधकों द्वारा ।।

 

8) सनातनधर्म की रक्षा और सबका मंगल सबका भला करने के लिए उन्होंने रात-दिन एक करके पिछले 60 सालों से अप्रतिम सेवाएं कीं। सेवा, सत्संग दान और सुसंस्कार सिंचन के इतने विशाल यज्ञ कुण्ड में मानो उन्होंने स्वयं समेत अपने परिवार और अपनी तमाम खुशियों को भी अर्पण कर दिया।

 

9) देश विदेश में करोड़ों लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया।

उनके सत्संग सान्निध्य के बाद करोडों लोगों ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगे ।

हालाँकि इसके बड़े खतरनाक साइड ईफेक्ट्स भी हुए…

इसके कारण भारत को आंतरिक रूप से अपने अधीन करने का सपना लेकर यहाँ व्यापार कर रही विदेशी कंपनियों को अरबों-खरबों रुपयों के घाटे होने लगे।

 

क्यों चलाई गई षड़यंत्रों की आंधी!?

 

ईसाई मिशनरियों की धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं, फिर पूरे सुनियोजित ढंग से इन मिशनरीज ने भारत के ही हिन्दूधर्म विरोधी व राष्ट्र विरोधी ताकतों , दोगली मीडिया व स्वार्थी राजनेताओं की सांठ-गांठ से आशाराम जी के खिलाफ गहरा षड्यंत्र रच डाला ।

 

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी जी और सुदर्शन न्यूज़ चैनल के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने अपने वक्तव्यों में बताया है कि , उन्होंने आशाराम जी बापू को पहले ही बता दिया था… कि “आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं, उसके कारण वेटिकन सिटी के कर्ता-धर्ता बहुत नाराज हैं और वो लोग तत्कालीन भारत सरकार के सांठ-गांठ में आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

…इस पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊँगा लेकिन हिन्दू धर्म की हानि नहीं होने दूँगा।”

 

आपको बता दें कि आशारामजी बापू के ऊपर आरोप लगाने वाली लड़की ने जो FIR लिखवाया उसमें रेप शब्द का जिक्र ही नहीं…

यहाँ तक कि उसका मेडिकल करवाया गया तो रिपोर्ट में आया कि उसके शरीर पर एक खरोंच का निशान तक नहीं मिला ! मतलब साफ़ है कि आरोपकर्ता लड़की के साथ कुछ हुआ ही नहीं…

अर्थात् मेडिकल रिपोर्ट द्वारा छेड़छाड़ का आरोप भी खारिज हो गया।

 

मीडिया ने आखिर किसके इशारे पर रेप रेप का हल्ला मचाया…!?

अब यह सच भी देश की जनता के सामने आ गया है।

 

आश्चर्य ये कि मीडिया ने खूब दुष्प्रचार किया कि लड़की के साथ रेप हुआ है। जबकि खुद तत्कालीन जांच ऑफिसर अजय पाल लाम्बा ने बताया कि ” FIR में रेप का आरोप है ही नहीं,सिर्फ छेड़छाड़ का आरोप है!” और मेडिकल रिपोर्ट से उसका भी खण्डन हो गया।

फिर भी विदेशी फंडेड बिकाऊ मीडिया निर्दोष हिन्दू संत को अपने स्वार्थ में अंधी होकर बदनाम करती ही रही। और आज तक एक भी सही खबर इस केस की अपने चैनल्स पर नहीं दिखाई !

 

न्यायपालिका का आश्चर्यजनक रूप से उदासीन और कट्टर रवैया…

 

अब सोचने वाली बात है कि इन 11 सालों में अनगिनत आरोपियों और यहाँ तक कि अपराध सिद्ध नेताओ,अभिनेताओ, व्यवसायियों , मीडिया कर्मियों और तो और खूंखार आतंकियों तक को रिहाई , बेल और पैरोल मिली है।

…पर गंभीर रूप से बीमार होकर भी जमानत नहीं मिली तो सिर्फ आशाराम जी को !!

 

सलमान खान को निचली अदालत से सजा होने के बाद भी ऊपरी कोर्ट तुरंत जमानत दे देती है । आतंकवादियों के हथियार रखने के मामले में सजायाफ्ता संजय दत्त को बेतुके कारणों से भी बार बार पैरोल देती रही…

वो ही न्यायालय हिंदू संत आशाराम जी बापू को 11 साल में एक दिन भी जमानत अथवा पैरोल नहीं देती , आख़िर क्यो !?

 

घोर आश्चर्य !

जो कानून दिल्ली के इमाम बुखारी पर सैंकड़ों गैर जमानती वारंट होने के बाद भी उसको और पूरे भारत में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को आजतक गिरफ्तार नहीं कर पाया , वही कानून गंभीर बीमारियों से जूझ रहे निर्दोष हिंदू संत आशाराम जी बापू को 11 साल से जेल में कैद रखे हुए है।

 

गौरतलब है कि जो मीडिया सिर्फ हिंदू धर्म के साधु-संतों, मठ-मंदिरों आश्रमों के खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर बदनाम करती है वही मीडिया इन सब पर चुप्पी साध लेती है !!

और सेक्युलरिज्म की भयानक बीमारी के शिकार कुछ हिन्दू दोगली मीडिया की बात को ही सच्चा मानकर अपने धर्मगुरुओं के खिलाफ बोलना चालू कर देते हैं !!

 

कोंग्रेस सरकार के समय कोई हिंदू धर्म के पक्ष में बोलने वाला नहीं था। वर्तमान प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उनके खिलाफ़ षड्यंत्र चल रहे थे , तब उनके अच्छे कार्यो को देखते हुए आशाराम जी बापू ने भरपूर समर्थन किया था और उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद भी दिया था ।

लेकिन आश्चर्य कि आज वही माननीय प्रधानमंत्री जी आशाराम जी बापू के साथ हो रहे अत्याचार और अन्याय को अनदेखा कर रहे हैं !!

 

स्वामी रामदेव पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने लाठी चार्ज करवाया था, तब आशाराम जी बापू ने नारा दिया था, कि ” सोनिया मैडम भारत छोड़ो ” और राम देव बाबा का पूरा साथ दिया लेकिन लगता है कि वो भी आज आशाराम जी बापू को भूल गए ।

 

जागो हिंदुओ !!

अब समझ जाओ कि सनातन धर्म की रक्षा करने वालों को ही यहाँ कैसे षड़यंत्रों में फंसाया और सताया जाता है !

अभी भी समय है ! अपने आश्रमों,देवी-देवताओं और खाकर साधु-संतों के खिलाफ हो रहे षड्यंत्र पर आवाज़ उठाओ।

मत भूलो कि संत हैं तो ही संस्कृति है, इसलिए आशाराम जी बापू की शीघ्र रिहाई की आवाज बुलंद करो…नहीं तो हमें प्रकृति भी माफ नहीं करेगी !!

 

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