क्यों खाएं सूर्यास्त से पूर्व: रात्रिभोज

09-04-20223

आयुर्वेदानुसार सूर्यास्त से पहले खाना खा लेना चाहिए। जैन धर्म में इस नियम की अत्यधिक महत्ता है। सभी धर्मों में भोजन करने से संबंधित अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार नियम निर्धारित किए गए हैं जैसे खाने से पहले पानी पीना सर्वोत्तम, बीच में मध्य और भोजन उपरांत निम्न माना जाता है। भोजन से पहले आधा घंटा पूर्व, मध्य में एक बार और खाने के बाद लगभग पौने घंटे पूर्व पानी पीना चाहिए। सुबह से शाम तक के लिए विभिन्न नियम और सिद्धांत बनाए गए हैं। जिनके वैज्ञानिक कारण भी हैं।

कहते हैं की कुछ पशु या पक्षी भी सूर्यास्त के पश्चात भोजन नहीं करते। प्राचीन समय में मनुष्य भी सूर्यास्त से पहले खाना खा लते थे परंतु आग के अविष्कार के बाद भोजन करने की आदत में थोड़ा बदलाव हुआ लेकिन बिजली के अविष्कार के पश्चात आदतें पूर्ण रुप से परिवर्तित हो गई। सूर्यास्त के पश्चात भोजन करने वाले को निशाचर कहते हैं परंतु मानव निशाचर प्राणी नहीं है। बहुत से इंसानों को यह ज्ञात नहीं है कि सूर्यास्त से पहले भोजन करने का क्या कारण हैै। व्यक्ति स्वस्थ रहे इसके लिए नियम बनाया गया है। जिसके निम्न कारण हैं-

 

– पहला कारण :  सूर्यास्त से पूर्व खाना खाने से भोजन को पचने के लिए सुबह तक उचित समय मिल जाता है। जिससे पाचन तंत्र तंदुरुस्त रहता है।

 

– दूसरा कारण : इस समय भोजन करने से कई प्रकार के रोगों से बचाव हो जाता है। रात के समय भोजन में बैक्टीरिया और अन्य जीव चिपक जाते हैं या स्वयं उत्पन्न हो जाते हैं।

 

– तीसरा कारण : सूर्य ढलने के पश्चात मौसम में नमी की मात्रा बढ़ने के कारण सूक्ष्म जीव और बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं। दिन के समय सूर्य की तपश के कारण ये पनपते नहीं लेकिन सूर्यास्त के बाद नमी बढ़ने से ये सक्रिय हो जाते हैं।

 

– चौथा कारण :  सूर्यास्त के पश्चात पेड़-पौधे, पशु-पक्षी अपने-अपने घरौंदे में चले जाते  हैं। भोजन की प्रकृति में भी परिवर्तन आता है और खाने में मौजूद गुण या पोषक तत्व नष्ट होने लगते हैंं। सूरज ढलने के बाद खाना बासी और दूषित होना शुरु हो जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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