08 February 2024
इस लेख को पढ़ कर आश्चर्य मत कीजिएगा… क्योंकि जो कुछ देश में हो रहा है आज , यह सब अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर किया जाना तो बिल्कुल आम सी बात हो गई है।
गत 2 फरवरी को पुणे की यूनिवर्सिटी में एक नाटक का मंचन किया गया। जिसमें माता सीता को सिगरेट पीते हुए और गाली देते हुए दिखाया गया।
सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी ( Savitribai Phule Pune University) के ललित कला केंद्र के प्रमुख डॉ प्रवीण दत्तात्रेय भोले, नाटक के राइटर भावेश पाटिल, डायरेक्टर जय पेढ़नेकर और प्रथमेश सावंत, ऋषिकेश दलवी, यश चिखाले आयोजन में शामिल थे। इस नाटक में भगवान राम और माता सीता का मजाक उड़ाया गया है। नाटक के एक दृश्य में माता सीता को सिगरेट पीते और श्री राम को उनकी मदद करते हुए दिखाया गया।
कुछ साल पहले हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के केंन्द्रीय विश्वविद्यालय के अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग ने महाश्वेता देवी की लघु कथा ‘द्रौपदी’ पर आधारित नाटक का मंचन किया। इस कथा में द्रौपदी नामकी आदिवासी महिला की सुरक्षाबलों के हाथों मुठभेड़ में मारे जाने का एकतरफा वर्णन है।नाटक में वर्दीधारी सुरक्षा बलों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों और बलात्कार को दिखाया जा रहा था।
तब स्थानीय नागरिकों द्वारा गठित ‘सैनिक सम्मान संघर्ष समिति’ नेे इस नाट्य मंचन का विरोध किया और पुलिस को सूचित कर इसे बंद करवाया।
वामपंथियों द्वारा हमेशा ही माता सीता, भगवान श्री रामजी अन्य सभी देवी देवता, हिंदू साधु संतो, हिंदू संस्कृति, हिंदू मंदिरों आदि को नीचा दिखाया जाता है । ये लोग जनता के मन में जहर भरने का कार्य खूब कुशलता और तेजी से करते हैं और देश को तोड़ने में लगे रहते हैं। हिंदुस्तानी इनसे सावधान रहें।
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