16 Apr 2018
तेलंगाना के मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की नामापल्ली स्पेशल कोर्ट ने आज सोमवार को 11 साल बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्वामी असीमानंद समेत 5 आरोपियों को बरी कर दिया।
इस फैसले पर गृह मंत्रालय के पूर्व अफसर सचिव आरवीएस मणि ने कहा कि ब्लास्ट केस के सारे सबूत झूठे थे और इसमें हिंदू आतंकवाद जैसी कोई बात नहीं थी। कांग्रेस ने भ्रम फैलकर लोगों की छवि धूमिल की।
*सारे सबूत गढ़े गए थे: पूर्व अफसर सचिव*
Swami Aseemanand acquitted innocent, who will return to their time, will the media apologize? |
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने कहा- ”मुझे इसी फैसले की उम्मीद थी। सारे सबूत मनगढ़ंत थे, इसके अलावा ब्लास्ट केस में हिंदू आतंकवाद जैसा कोई एंगल ही नहीं था।”
– ”इस मामले में जिन लोगों की छवि धूमिल हुई, उसकी भरपाई कैसे करेंगे? क्या कांग्रेस या कोई और जिन्होंने यह झूठ फैलाया, इन लोगों को मुआवजा देगी।”
– बता दें कि आरवीएस मणि गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे हैं। मणि वही पूर्व अफसर हैं, जिन्होंने 2016 में दावा किया था कि यूपीए सरकार के दौरान उन पर दबाव डालकर इशरत जहां मामले में दूसरा हलफनामा दाखिल कराया गया था। उनका आरोप था कि दूसरे हलफनामे में इशरत और साथियों के लश्कर से संबंधों की बात दबाव डालकर हटा दी गई थी।
आपको बता दें कि 18 मई, 2007 को हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और करीब 58 जख्मी हुए थे। सीबीआई के द्वारा शुरुआती जांच के बाद केस 2011 में एनआईए को ट्रांसफर किया गया था।
ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों ने कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 5 आरोपी देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद, भरत मनोहरलाल रत्नेश्वर और राजेंद्र चौधरी की गिरफ्तारी हुई थी। यही पांचों मुकदमे में बरी हुए हैं। असीमानंद और भरत रत्नेश्वर जमानत पर और बाकी 3 जेल में हैं।
*जानिए -कौन है स्वामी असीमानंदजी?*
– स्वामी असीमानंदजी का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था। उनके पिता देश के स्वतंत्रता सेनानी थे। छात्र जीवन में ही वह आरएसएस से जुड़ गए। असीमानंद साल 1977 में आरएसएस के फुल टाइम प्रचारक बने।
स्वामी असीमानंद अब निर्दोष बरी हो गए लेकिन उनको 6 साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया था वो उनका कीमती समय क्या सरकार या कानून लौटा पायेगा ???
मीडिया ने भी उस समय खूब बदनामी की लेकिन जैसे ही उनको निर्दोष बरी किया गया तब मीडिया ने चुप्पी साध ली । मीडिया ने उनकी जितनी बदनामी की अब क्या उनसे माफी मांगेगी?
जब भी कोई हिन्दू साधु-संत पर आरोप लगता है तो मीडिया उनकी समाज में इतनी बदनामी करती है कि जैसे वो आरोपी नहीं अपराधी हो । पर जब वही संत निर्दोष छूट कर आते हैं तो मीडिया को मानो सांप सूंघ जाता है।
विचार कीजिये, क्या सिर्फ हिन्दू संतों को बदनाम करने का मीडिया का एजेंडा है..???
कछुवा छाप चलने वाली हमारी न्याय प्रणाली भी मीडिया के प्रभाव में आकर हिन्दू संतों को न्याय नही दे पाती है ।
और न्याय मिल भी जाता है तो इतना देरी से मिलता है कि न्याय नही मिलने के ही बराबर हो जाता है । क्या देरी से न्याय मिलना अन्याय नहीं है ???
गौरतलब है कि अब हिन्दू संत आसाराम बापू, श्री धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको भी अभीतक रिहाई हो नही पाई है ।
क्या उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादी हैं..???
उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई है ।
विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई है ।
विदेशी ताकतों ने मीडिया से सांठ-गांठ कर हिन्दू संतों को बदनाम करवाया । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा ।
अतः विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से भारतीय सावधान रहें ।
अब देखना ये है कि अब इन हिंदुनिष्ठ लोगो को कब न्याय मिलता है।
कांग्रेस सरकार ने तो षडयंत्र करके हिन्दू सन्तों को जेल भेज दिया था पर अब भाजपा सरकार कैसे हिंदुओं के माप-दण्ड पर खरी उतरती है , ये देखना है ।
कब निर्दोष संतों की जल्द से जल्द ससम्मान रिहाई करवाती है उसी पर सभी हिंदुओं की निगाहें टिकी है ।
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कथित घटना का सच
#AsaramBapujiIsFramed !
घटना के समयInnocent Bapuj सत्संग कर रहे थे, ये बात वहां मौजूद लोगों ने अदालत में बताई, फिर भी Innocent Bapuji अभी तक हिरासत में हैं। https://t.co/lkvC1eMi2k
One more conspiracy against hindu Sant revealed.
Swami Asimanand acquitted in macca blast case.
Now question arises can judiciary return back the precious time which he spent in jail due to fake allegations. Will judiciary stop misuse of law to torture hindu saints…
हिंदू राष्ट्र मे हिंदू संतोपर लगातार अन्याय हो रहा है।देश की संस्कृति पर कुठाराघात हो रहा है फिर भी हिंदू समाज एकजुट नही हो रहा है।हिंदू शासक भी मुक दर्शक हो गये है।दुर्भाग्य है।
The question is,Who will repay the time spent in jail by Swami AseemanandJi?
The lost time can never be recovered! A great loss to the society as well because true saints are being targeted by selfish people. Truth prevails now but ban on #FakeMedia is the need of the hour.
निर्दोष बापूजी को भी फंसाया गया है