धर्म परिवर्तन के पीछे इटली की संस्था, राजस्थान के कई गाँव में चल रहे सेंटर

19 February 2024

 

राजस्थान के भरतपुर में 20 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। धर्म परिवर्तन के लिए पार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता। इन प्रार्थना सभाओं में आने वालों को राशन दिया जाता। छोटी-मोटी बीमारियों को दूर किया जाता। वहाँ पहुँचने वाले लोगों की अन्य आर्थिक परेशानियाँ भी दूर की जाती। गरीबों के खाते में हजारों-लाखों की मदद भेज दी जाती। और फिर छोटी-छोटी प्रार्थना सभाओं से शुरू होकर ये खेल बड़े-बड़े फार्म हाउसों, रिजॉर्ट, होटलों तक जाता, जहाँ सामूहिक धर्म परिवर्तन कराया जाता। अब इस पूरे मामले से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, उसमें न सिर्फ विदेशी एंगल सामने आ रहा है, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला सामने आ सकता है। वैसे, इसकी जाँच शुरू हो गई है, जिसके लिए एसआईटी बनाई गई है।

 

राजस्थान के भरतपुर में जिस ईसाई धर्मांतरण के जाल का खुलासा हुआ है, उसे चंडीगढ़ में बैठा बजिंदर सिंह चला रहा था। वो लोगों के खातों में सीधे पैसे भेजता था। भरतपुर में उसके लिए काम करने वाले अजय सिंह और उसका पूरा परिवार इसी काम में लगा हुआ है। अजय सिंह मूलत: रूपवास के श्रीनगर का रहने वाला है, लेकिन धर्मांतरण के खेल को चलाने के लिए वो पीपला गाँव में बस गया। यहीं पर उसके घर पर सप्ताह में दो दिन सत्संग यानी ईसाई प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। यही नहीं, पीपला गाँव में एक महिला भी अपने घर में प्रार्थना सभाएँ चलाती हैं। ये सारा खुलासा हुआ, भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट में…

 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया है कि लोगों को धर्म परिवर्तन कराने पर दो लाख रुपए से लेकर पाँच लाख रुपए तक दिए जाते हैं। पूर्व सरपंच तूहीराम ने बताया कि उन्होंने अजय सिंह को पहले भी धर्मांतरण से जुड़े काम को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन वो नहीं माना। अजय सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि वो खुद अब पादरी बन चुका है और उसके पास से पुलिस को इसका सर्टिफिकेट तक मिला है।

 

धर्मांतरण का इटली कनेक्शन

भरतपुर में चल रहे ईसाई मिशनरी के खेल में लभाना मिनिस्ट्री का नाम सामने आ रहा है, जिसके द्वारा जारी किए गए धर्मांतरण के सर्टिफिकेट भी मिले हैं। लभाना मिनिस्ट्री इटली की संस्था है। वो ईसाईयों की संख्या को बढ़ाने के पीछे लगी है, जिसमें मूल काम लोगों को तमाम तरह के प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना होता है। ऐसे धर्मांतरण सेंटर सिर्फ पीपला गाँव में ही नहीं, बल्कि भरतपुर के कंजोली, गुँडवा, बझेरा, नोंह बहामदी, बहनेरा, रुपवास, गघीना और बयाना जैसी जगहों पर भी चल रहे हैं।

 

 

भरतपुर में धर्मांतरण के काम को कंपनी के जरिए फंडिंग

भरतपुर में धर्मांतरण के खेल में मौके से गिरफ्तार किए गए दो लोग कुँवर सिंह और शैलेंद्र सिंह का नाम एलएमएन कंपनी से जुड़ रहा है। ये कंपनी ऐसे कार्यक्रमों के लिए फंडिंग करती थी। ये कंपनी लोगों को बाइबिल भी गिफ्ट करती है। भरतपुर में पकड़े गए कुँवर सिंह को चंडीगढ़ से प्रोफेट बजिंदर सिंह हर महीने 1 लाख रुपए बैंक खाते में भेजा करता था। इससे वो छोटे-मोटे काम खुद के खर्च पर ही कर लेता था।

 

भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि धर्म परिवर्तन के दो मामले सामने आए हैं। एक मामला निजी होटल में सामने आया, जहाँ कार्यक्रम के दौरान लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हुए और दूसरे धर्म का अपमान किया जा रहा था। दूसरा मामला एक गाँव में सामने आया है। हमने मामले की जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया है।

 

पादरी बजिंदर मुख्य अभियुक्त, या खेल बड़ा?

बता दें कि राजस्थान के भरतपुर स्थित एक होटल में रविवार (11 फरवरी, 2024) को ईसाई मिशनरी धर्मांतरण का भंडाफोड़ हुआ था। उस कार्यक्रम में 350 से 500 लोग शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ से पादरी बजिंदर सिंह को लाइव जुड़ा हुआ था, जो लोगों का धर्मांतरण करवा रहा था। कार्यक्रम में दावे किए गए कि वो मरे हुए बच्चे तक को ज़िंदा कर सकता है और कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का भी इलाज कर सकता है। कार्यक्रम के आयोजकों कुँवर सिंह और शैलेन्द्र सिंह को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

 

बजिंदर सिंह खुद को प्रोफेट कहता है। उसके कई ऐसे वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं, जहाँ वो चमत्कारी दावे करता है और अजीबोगरीब हरकतें करवाता है। गिरफ्तार दोनों आरोपित कह रहे हैं कि वो तो सिर्फ माध्यम हैं। बजिंदर सिंह चंडीगढ़ से ही लोगों का लाइव धर्मांतरण करा रहा था। माइक और स्पीकर समेत 5 एलईडी की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर की गई थी। दोनों आरोपित 2020 से ही बजिंदर सिंह से जुड़े हुए थे। अकेले भरतपुर में 20,000 से अधिक लोगों का वो धर्मांतरण करा चुका है। वकील संदीप सिंह ने इस आयोजन को लेकर खुलासा किया, जो दोस्त की शादी के लिए मैरिज हॉल बुक करने ‘सोनार हवेली’ पहुँचे थे। वहाँ करीब 400 लोग मौजूद थे। 15 लोग मंच पर थे। येशु की कसम दिला कर धर्म-परिवर्तन कराया जा रहा था।

 

महान विचारक वीर सावरकर धर्मान्तरण को राष्ट्रान्तरण मानते थे। आप कहते थे “यदि कोई व्यक्ति धर्मान्तरण करके ईसाई या मुसलमान बन जाता है तो फिर उसकी आस्था भारत में न रहकर उस देश के तीर्थ स्थलों में हो जाती है जहाँ के धर्म में वह आस्था रखता है, इसलिए धर्मान्तरण यानी राष्ट्रान्तरण है।

 

 

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