हाईकोर्ट : रेप केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं

02 December 2023

 

🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून जरूरी हैं,परंतु आज साजिश या प्रतिशोध की भावना के चलते निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के कानूनों का दुरुपयोग तेजी से हो रहा है । राष्ट्रहित में काम करने वाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों एवं संतों के खिलाफ इन कानूनों का राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा भी खूब अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है ।

 

🚩झूठे रेप केस करने वालों को भी कड़ी सजा होना ही चाहिए , तभी ऐसे cases पर रोक लगाई जा सकती है।

 

🚩हाईकोर्ट : पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं !!

 

🚩कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार (28 नवंबर 2023) को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बलात्कार के केस में पीड़ित महिला के मात्र बयान को सबसे बड़ा सबूत नहीं माना जाना चाहिए। । दरअसल, जज ने झूठे और बदला लेने के इरादे से बलात्कार के केस दर्ज कराने के मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर यह टिप्पणी की।

 

🚩मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनन्या बंदोपाध्याय ने कहा, “बलात्कार की पीड़िता के घायल होने को ही ‘स्टर्लिंग विटनेस’ बताया गया है। एक रूढ़िवादी समाज में एक महिला खुद को या अपने परिवार को अपमानित नहीं करती है। ऐसी महिला खराब नैतिक व्यवहार का प्रदर्शन नहीं करती है। हालाँकि, ऐसी स्थिति को सार्वभौमिक नहीं माना जा सकता है।”

 

🚩जज बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ पीड़िता ने झूठी कहानी बना कर , बदला लेने के इरादे से रेप के केस दर्ज करवाए हैं। इन टिप्पणियों के साथ ही जज ने रेप और घर में जबरन घुसने के आरोप में जेल काट रहे एक दोषी को अपील की अनुमति दे दी।

 

🚩मामला साल 2006 का है। दोषी व्यक्ति पर आरोप है कि वह अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में जबरदस्ती घुस गया। वहाँ महिला को अकेली देखकर उसका बलात्कार किया। इस दौरान दोषी ने महिला के मुँह में कपड़ा ठूँस दिया, ताकि उसकी आवाज कोई सुन ना सके।

 

🚩महिला ने अपने बयान में कहा था कि जब शख्स पुरुलिया स्थित उसके घर में घुसा था, तब वह अकेली थी। हालाँकि, कोर्ट में जब क्रॉस सवाल हुए तब उसने बताया कि जिस समय शख्स उसके घर में घुसा था, उस वक्त वह अपने बच्चे को स्तनपान करा रही थी।

 

🚩कोर्ट के ध्यान में यह भी गया कि मेडिकल रिपोर्ट में विशेष तौर पर बलात्कार की बात नहीं है। यहाँ तक कि रेप की घटना के दौरान रेप पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़ों की फोरेंसिक जाँच से संबंधित रिपोर्ट भी कोर्ट के रिकॉर्ड में थी। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि महिला के बयानों में कई तरह की असमानता है।

 

🚩कोर्ट ने माना कि यह जब पीड़िता के बच्चे को जमीन पर फेंक दिया गया था, तब उसने कोई आवाज नहीं उठाई, यह बात भी अस्वाभाविक सी है। दरअसल, पुरुलिया की कोर्ट ने पीड़िता के बयान के आधार पर शख्स को रेप का दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी।

 

🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये गए कड़े कानून का दुरुपयोग पैसे ऐठने अथवा बदला लेने की भावना से अथवा साजिश के तहत किया जा रहा है। कई बार झूठे केस निर्दोष पुरुषों पर लगाये जाते हैं। उसमें भी हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए ऐसी साजिशें बहुत चल रही हैं।

और  समय पाकर वे निर्दोष बरी भी होते ही हैं, पर जो उनके स्वास्थ्य, सम्मान , समय और धन का नुकसान हुआ , उसकी भरपाई कौन करेगा…!?

कौन कर सकता है…!?

 

🚩कई न्यायालयों ने तो चिंता भी जताई है कि फ़ेक रेप केसेज़ का आज मानो नया ट्रेंड ही चल पड़ा है । जिसमें पैसा ऐंठने, बदला लेने की भावना से अथवा साज़िश के तहत निर्दोष पुरुषों को फंसाया जा रहा है ।

 

🚩हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने की पुरज़ोर साज़िशें चल रही हैं। क्योंकि भारत में करोड़ों लोग आज भी हिन्दू साधु-संतों में श्रद्धा रखते हैं और उनके बताये मार्ग अनुसार चलते हैं।

इस कारण भारतीय संस्कृति सुरक्षित है और धर्मांतरण जैसा अधर्म पैर नहीं जमा पाता… विदेशी प्रोडक्ट की बिक्री नहीं बढ़ती…

🚩इसलिए राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा ((  जिनको भारत में धर्मांतरण करवाना है, विदेशी प्रोडक्ट बेचना है, पश्चिमी संस्कृति लाना है उनको ये सब सहन नही होता है क्योंकि उनके आड़े आते हैं ये हिन्दू साधु-संत )) ये षड़यंत्र के कुचक्र चलते रहते हैं ।

इसलिए राष्ट्र विरोधी ताकतें विदेशी फंडिंग से चलने वाली मीडिया से साठगांठ करके साधु-संतों को बदनाम करने की साजिश करती रहती हैं ।

 

🚩कुछ स्वार्थी, लालची नेताओं की मिलीभगत से मासूम साधु पुरुषों को प्रताड़ित किया जाना या फ़िर निर्दोष, निरपराध संतो को जेल में भी भिजवा दिया जाता है, यहां तक की उनकी हत्या तक कर दी जाती है ।

 

🚩आज इसका सबसे बड़ा ज्वलंत उदाहरण… एक निहायत ही झूठे और बेबुनियाद केस में महान हिंदू संत श्री आशारामजी बापू को फंसाकर 10 वर्षों से जेल में कैद रखना।

ये और कुछ नहीं सीधे तौर पर सनातन धर्म पर कुठाराघात है!

 

🚩गौरतलब है कि ये बिकाऊ मीडिया खासकर निर्दोष हिन्दुओं और उसमे भी विशेष रूप से साधु-संतों के ऊपर लगे आरोपों को ही बढ़-चढ़कर क्यों बताती है ??!??

क्या इन्हें पूरी दुनिया में हिन्दू ही बुरे दिखते हैं !!?

या फिर इसलिए की हिन्दू सहिष्णु हैं !!?

 

🚩सच्चे रेप के मामलों की भरमार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ईसाई मिशनरीज के कर्ताधर्ता और पादरियों या इस्लाम के प्रचारक मौलवियों की इतनी काली करतूतें रोज चर्चा मे आती हैं और ठंडे बक्से मे दफन भी हो जाती हैं…!

पर कोई केस दर्ज नही होता और हुआ भी तो वो अपराधी जल्द ही छूट भी जाते हैं… , आख़िर क्यों !?

 

🚩अत्यंत ही गंभीर विषय है यह , कि जिस समस्या से निपटने हेतु ये महिला सुरक्षा कानून बनाए गए, वो समस्याएं तो यथावत बनी हुई हैं ।और इस कानून का दुरुपयोग कर नित नए अपराध और काण्ड बढ़ते ही जा रहे हैं।

 

🚩अतः हिंदुस्तानी सावधान रहें , सिर्फ आरोप लगने मात्र से किसी भी पुरुष को अपराधी मानकर उसका जीना दूभर न हो और उसे न्याय मिले , ऐसी हर एक भारतीय की कोशिश होनी चाहिए। एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने के बावजूद हमें आँखें बंद करके बुराई को बर्दाश्त करना , कतई शोभा नहीं देता।

और इसीलिए इस ओर प्रभावी कदम उठाए जाएं ऐसी आवाज बुलंद होनी ही चाहिए।

 

🚩 साथ ही यह भी ध्यान रहे साथियों ! कि अपने ही भाई बन्धुओं, धर्मगुरुओं और हितैषियों पर लगे आरोपों को सच्चा मानकर उनके मजाक नही उड़ाये और ना ही अन्य को ऐसा करते देख समर्थन दें।बल्कि इसका प्रतिकार होना चाहिए।

🚩सावधान और सजाग रहें,अपने धर्म का नाश न करें, झूठ या षडयंत्र को समझें और उसका डटकर विरोध करें ।

 

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