आज भी होते हैं चमत्कार…

हाई कोर्ट को बदलना पड़ा फैसला और मुस्लिम युवक ने मंदिर में आकर मांगी माफी….

11 August 2023

 

🚩आपने कई बार सुना होगा कि सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग में काफी चमत्कार होते थे।लेकिन अक्सर हमें सुनी हुई बातों पर विश्वास नही होता न।

तो लीजिए…आज इस घोर कलयुग में भी ईश्वरीय सत्ता के चमत्कारों के उदाहरण सुनिए। कुछ दिन पहले ही गुजरात में एक महिला के हाथों से भगवान की मूर्ति दूध पीते हुए वीडियो वायरल हुआ था , आज फिर से आपको दो ऐसी घटना बताने जा रहे है जिससे आपको भी ईश्वर की सत्ता पर भरोसा हो जाएगा।

 

🚩जज ने दिया शिवलिंग हटाने का आदेश, बेहोश हो गए सहायक रजिस्ट्रार

 

🚩कलकत्ता हाई कोर्ट में सोमवार (7 अगस्त 2023) को एक अजीबोगरीब घटना हुई। एक जमीन विवाद में हाई कोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता ने शिवलिंग हटाने का आदेश दिया। लेकिन फैसला रिकॉर्ड करते हुए सहायक रजिस्ट्रार बिश्वनाथ राय अचानक बेहोश हो गए। इसके बाद जज सेनगुप्ता ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

 

🚩रिपोर्ट के अनुसार बेहोश होने के बाद रजिस्ट्रार साहब को हाईकोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जज अपने चेंबर में चले गए। थोड़ी बाद जज सेनगुप्ता कोर्ट रूम में लौटे। लेकिन इस बार उन्होंने मामले में हस्तक्षेप से मना कर दिया। वहीं सहायक रजिस्ट्रार के अचानक बेहोश होने के कारण का भी पता नहीं चल सका।

 

🚩शिवलिंग हटाने का आदेश मुर्शिदाबाद बेलडांगा के खिदिरपुर के दो लोगों के बीच जमीनी विवाद में दिया गया था। खिदिरपुर के सुदीप पाल और गोविंद मंडल के बीच यह विवाद चल रहा है। इसको लेकर इसी साल मई में दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी। इसके बाद दोनों पक्षों ने बेलडांगा थाने में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में निचली अदालत ने दोनों को जमानत दे दी थी।

 

🚩लेकिन विवाद में नया मोड़ तब आ गया , जब सुदीप ने गोविंद मंडल पर विवादित जमीन पर शिवलिंग रखने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। उसने शिवलिंग हटाने की माँग की। उसका आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ सुदीप पाल हाई कोर्ट पहुँच गया।

 

🚩हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस जय सेनगुप्ता ने गोविंद मंडल के वकील से पूछा , कि उनके मुवक्किल ने विवादित जमीन पर शिवलिंग क्यों स्थापित किया? इस पर गोविंद के वकील मृत्युंजय चटर्जी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने शिवलिंग स्थापित नहीं किया, बल्कि ये खुद ही जमीन से निकल आया है। इसके बाद जज जय सेनगुप्ता ने शिवलिंग हटाने का निर्देश दिया। लेकिन जिस वक्त सहायक रजिस्ट्रार इस फैसले को रिकॉर्ड कर रहे थे वे अचानक से बेहोश हो गए।

 

🚩मंदिर की दानपेटी में कंडोम रखा, अपने ही घर की दीवारों पर सिर मार-मार कर मरा नवाज

 

🚩कर्नाटक के मंगलुरू में स्वामी कोरगज्जा को लेकर स्थानीयों के मन में असीम आस्था है। लोग उन्हें भगवान शिव का अवतार मानते हैं। पिछले दिनों कोरगज्जा के मंदिर में कई अभद्र घटनाएँ हुईं। मंदिर की दानपेटी में कंडोम तक डाल दिया गया।

 

🚩ऐसे घृणित वाकये के बावजूद पुलिस आरोपितों को ढूँढने में असमर्थ थी। निराश श्रद्धालु लगातार कोरगज्जा भगवान से ऐसे विधर्मियों को सजा देने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। कुछ दिन पहले भगवान ने अपने श्रद्धालुओं की सुनी और ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि विधर्मी स्वयं मंदिर में आकर माफी माँगने लगे।

 

🚩यह बिल्कुल वास्तविक घटना है। इसी साल जनवरी में मंदिर की दानपेटी से एक कंडोम निकला था, जिसके बाद से वहाँ हड़कंप था। लेकिन पांच दिन पहले अचानक मुस्लिम समुदाय के दो लड़के मंदिर में आए और पुजारी के सामने माफी के लिए गिड़गिड़ाने लगे।

 

🚩मंदिर की दानपेटी में कंडोम

 

🚩पहले पुजारी को लगा कि वे मजाक कर रहे हैं।

लेकिन नहीं! वे दोनों गंभीर थे। उन दोनों ने पुजारी को बताया, कि अपने साथी नवाज के साथ मिल कर उन्होंने ही कुछ दिन पहले मंदिर की दानपेटी में कंडोम डाला था।

 

🚩नवाज माफी माँगने के लिए जिंदा नहीं था। दानपेटी में कंडोम डालने के बाद उसे एक दिन खून की उल्टियाँ हुईं और फिर पेचिश से उसके मल से खून निकला। अंत में वह अपने घर की दीवारों पर सिर मारते हुए मर गया। मरते समय उसने उन्हें बताया कि कोरगज्जा उन सब पर नाराज हैं।

 

🚩अब सिर्फ़ वे दोनों , यानी अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफ़ीक़ ही जिंदा हैं। लेकिन वक्त बीतने के साथ रहीम को भी खून की उल्टियाँ शुरू हो गई हैं। बिल्कुल वैसे ही जैसे नवाज को हुई थी। उसके बाद दोनों अपनी जान जाने के डर से घबराकर पुजारी की शरण में जाकर माफी मांगने लगे। भगवान के सामने खड़े होकर दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया और क्षमा मांगी।

🚩पुलिस ने कहा , कि दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। दोनों अब भी डरे हुए हैं। मीडिया से बात करते हुए पुलिस ने भी कहा कि ये एक रहस्यमयी केस था। आरोपितों के जुर्म कबूलने के बाद सबूत जुटाने की कोशिश हो रही है। हालाँकि, कृत्य के पीछे का उद्देश्य साफ नहीं हो पाया है। जाँच चल रही है। अभी तक की जाँच में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने 3 जगह ऐसा किया था।

 

🚩उल्लेखनीय है कि इस पूरे विषय के ऊपर ट्विटर पर चीरू भट्ट नाम के यूजर ने एक थ्रेड डाला है। इसके मुताबिक कोरगज्जा भगवान को लेकर लोगों का मानना है कि वह अपने न्याय के लिए जाने जाते हैं। उनके पास से जल्द से जल्द फैसला आता है और दोषी को 100% सजा मिलती है।

 

🚩आपको बता दें कि ये पहली दफा नहीं है जब स्वामी कोरगज्जा की शरण में इस तरह कोई माफी माँगने पहुँचा हो। 4 साल पहले मनोज पंडित नाम के एक आदमी ने स्वामी कोरगज्जा को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। लेकिन बाद में उसकी हालत ऐसी हो गई कि वो गुरपुर के वज्रदेही मठ में माफी माँगने चला आया। मनोज ने स्वीकारा की उसे कोरगज्जा की आस्था के बारे में नहीं पता था।

 

🚩ऐसी तो अनेक घटनाएं होती रहती हैं जो लोगों को भगवान की सत्ता पर विश्वास करने को विवश कर देती हैं और उन सभी का वर्णन कर पाना तो संभव नहीं है।

 

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