रोमन केथोलिक चर्च का एक छोटा राज्य है जिसे वेटिकन सिटी बोलते है । वे ईसाई धर्म का मुख्यालय है जिसमे हजारो ईसाई धर्मगुरु पादरी रहते है वही से उनका पूरी दुनिया में राज करने का प्लान बनते है और कैसे पूरी दुनिया में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाये उसके लिए अरबों-खबरों रुपये भी अलग-अलग देशों में भेजे जाते है ।
वेटिकन सीटी के पास दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति है उनके कितने बिजनेस चल रहे है वे किसी को पता नही है शेयर बाजार मुख्य रूप से उनके अधीन है । वे 17 हजार करोड़ डॉलर हर साल ईसाई धर्मांतरण पर खर्च करते है ।
वेटिकन सिटी द्वारा भारत देश में हिंदुत्व को मिटाकर ईसाई देश बनाने के लिए पुरजोर से कार्य चल रहा है ।
212 families leaving Christianity in the Hindu religion
मध्यप्रदेश झाबुआ वनवासी कभी हिन्दू धर्मं को छोड़कर ईसाई धर्म कबूल कर लेने वाले 212 परिवारों के 300 लोगों ने एक बार फिर से घर वापसी करते हुए हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया है। झाबुआ क्षेत्र ग्रामीण अंचल के गांव सेमलिया के 300 लोगों ने लगभग डेढ़ दशक पूर्व हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया था।
अब उन्हीं परिवार से 300 लोगों ने हाथीपांवा डूंगर के चार मंदिर में संत सम्मेलन में हिन्दू रीतिरिवाजों के साथ बाकायदा घर वापसी की औपचारिकता पूरी कर पुनः हिन्दू धर्म को अपना लिया है। इन सभी लोगों की घर वापसी की पूरी औपचारिकता विश्व हिन्दू परिषद् के धर्म प्रसार स्वामी खुमसिंह महाराज झाबुआ अलीराजपुर के प्रसार ने पूरी करवाई की।
खुमसिंह महाराज के मुताबिक ये सभी लोगों ने स्वेछा से ईसाई धर्म का परित्याग कर हिन्दू धर्म को अपनाया है और इन सभी लोगों का वैदिक रीतिरिवाज के साथ गायत्री परिवार के पंडितों द्वारा रक्षा सूत्र बांधकर हवन यज्ञ में आहूति डाल कर, हाथ में नारियल चुनरी लेकर और हनुमान चालीसा का पाठकर पुनः अपने धर्म में शामिल कराया गया है।
खुमसिंह जी महाराज के मुताबिक इन आदिवासी क्षेत्रों में भोले भाले लोगों को बहला फुसलाकर कर ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन कराया जाता हैं। कई तरह के प्रलोभन देकर यहां के गरीब आदिवासी भोले लोगो को रुपये – पैसे कई तरह के प्रलोभन दिया जाता है और इसाईयत में परिवर्तन कराया जाता है।
बात झाबुआ अंचल की करे तो सबसे ज्यादा अवैध रूप से चर्च बड़ी मात्रा में बनाई हुई हैं। बताया जा रहा है कि इन अवैध चर्चो को हटाने की मांग कर चुके हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीशिवराज चौहान। जिला कलेक्टर को भी आवेदन दिया गया हैं लेकिन कोई कार्यवाही अभी तक नही हुई हैं।
आपको बता दे कि केवल झाबुआ में ही ईसाई मिशनरियां धर्मपरिवर्तन करा रहे है ऐसी बात नही है वे पूरे भारत मे पुरजोश से लगे है भोले गरीब हिंदुओ को पैसे, सामग्री आदि का प्रलोभन एवं प्रभु यीशु ही मुक्ति दे सकता है ऐसा बोलकर धर्मपरिवर्तन करवा रहे है, कॉन्वेंट स्कूलों में भी बचपन से ईसाई धर्म के संस्कार दिए जाते है वे चारो तरफ से भारत को ईसाई बनाकर वोटबैंक बढ़ाकर राज करना चाहते है । हिन्दू मंदिर को तोड़ने का आदेश देने वाली और हिन्दू धर्मगुरुओं को जेल भेजने वाली सरकार को इसपर ध्यान नही जाता है ।
ईसाई मिशनरियों के खिलाफ भारत में जो भी हिन्दूनिष्ठ आवाज उठाता है और उनके आड़े आता है उनकी षड्यंत्र पूर्वक हत्या कर दी जाती है या मीडिया द्वारा बदनाम करके जेल भिजवाया जाता है ।
जैसे अभी हाल में ओडिसा के लक्षणानन्द जी की हत्या कर दी गई और शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, स्वामी असिमानन्द, संत आसाराम बापू आदि को बदनाम करके जेल भिजवाया गया ।
कुछ भोले भारतवासी बिकाऊ मीडिया वालों की बातों में आकर बोलते है कि हिन्दू साधु-संतों को पैसे की क्या जरूरत है?
जब वेटिकन सिटी धर्मान्तरण करके लोगों को अपनी संस्कृति और धर्म से भ्रष्ट करने में
17 हजार करोड़ डॉलर खर्च करती है तो भारत के संत खर्च करते है लोगों को शान्ति देने में, उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में, आदिवासियों और गरीबों की सेवा में, प्राकृतिक आपदा के समय पीडितों की सेवा में और अन्य लोकसेवा के कार्यों में ।
प्राचीन काल में ऋषियों के पास इतनी संपत्ति होती थी कि बड़े बड़े राजा जब आर्थिक संकट में आ जाते थे तब उनसे लोन लेकर अपने राज्य की अर्थ व्यवस्था ठीक करते थे ।
साधू-संतो के पास संपत्ति नहीं होगी तो वे सनातन धर्म प्रचार का कार्य कैसे करेंगे?
भारत मे हिन्दुधर्म मिटाने का गहरा षड्यंत्र चल रहा है उसको भारतवासी पहचाने ।
हिन्दू धर्म जैसा कोई धर्म नही है
गांधीजी कहते थे कि “हमें गोमांस भक्षण और शराब पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए। धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है। मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दु परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा,रिति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है। यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता। इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है। इसे रोटी, कपडा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता।”
फिलॉसफर नित्शे ने बताया कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं । ईसाईयत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है ।
डॉ. एनी बेसेन्ट ने बताया कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बडे धर्मो का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है ।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने बताया कि
भारत में पादरियों का धर्म प्रचार (धर्मांतरण) हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र है ।
Bapuji ne dharmantaran ka virodh kiya isiliye unhe jail jana pda