परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने चिकित्साशास्त्र की पढाई पूरी करने के पश्चात वर्ष 1971 से 1978 तक ब्रिटेन में उच्च शिक्षा प्राप्त कर, सम्मोहन उपचार-पद्धति के विषय में शोध किया । इस शोध में उन्होंने, अनुचित कृत्यों का बोध तथा उनपर नियंत्रण (मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया पद्धति; साइको-फीडबैक टेक्निक), अनुचित प्रतिक्रियाआें के विरुद्ध उचित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करना (प्रतिक्रिया प्रतिस्थापना पद्धति; रिस्पॉन्स सब्स्टीट्यूशन टेक्निक), घटना का मन में पूर्वाभ्यास करना (सम्मोहक विसुग्राहीकरण पद्धति; हिप्नोटिक डिसेंसिटाइजेशन टेक्नीक); आदि सम्मोहन-उपचार से संबंधित नई पद्धतियों को प्रस्तुत किया ।
Unfortunate: India’s greatest superhero guru,
Dr. Athavaleji’s birthday was forgotten
परात्पर गुरु डॉ आठवले जी ने बताया कि ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवजाति के लिए ही आवश्यक है । हिन्दू राष्ट्र अर्थात ‘आदर्श राष्ट्र’ ही है । इसलिए उसका लाभ भारत की जनता को तो होगा ही; परंतु साथ ही हिन्दू राष्ट्र के कारण विश्व में हिन्दू धर्म का प्रसार करना सरल होगा । इससे संपूर्ण मानव जाति को अध्यात्म एवं साधना ज्ञात होगी, जिससे उनकी आध्यात्मिक प्रगति मे भी सहायता होगी । फलस्वरूप पृथ्वी पर सात्त्विक वातावरण उत्पन्न होगा एवं संपूर्ण मानवजाति सुखी होगी !’
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी हिन्दू राष्ट्र के प्रखर समर्थक हैं । वर्ष 1998 से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ग्रंथसंकलन; सनातन प्रभात के लिए राष्ट्र और धर्म संबंधी लेखन करना; विविध संत, संप्रदाय, हिन्दुत्वनिष्ठ, देशभक्त और सामाजिक कार्यकर्ताआें का दिशादर्शन करना; ब्राह्मतेज से युक्त संत बनाना आदि माध्यमों से अथक रूप से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य कर रहे हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के विचारों से प्रेरित होकर 7 अक्टूबर 2002 को हिन्दू जनजागृति समिति की स्थापना हुई । धर्मशिक्षा, धर्मजागृति, धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा, हिन्दू-संगठन आदि द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य करना, समिति का ध्येय है ।
*धर्मशिक्षा*
हिन्दुओं की वर्तमान दु:स्थिति के पीछे धर्मरक्षा का अभाव यही मूल कारण है ! प्रत्येक हिन्दू में धर्माभिमान जागृत होने हेतु धर्मशिक्षा आवश्यक है । हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देकर उसके द्वारा धर्माचरण कर उन्हें संगठित करने की आवश्यकता है। इसलिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा धर्मशिक्षा वर्ग का आयोजन किया जाता है । हिन्दुओं की भावी पीढी को सुसंस्कारित और धर्मशिक्षित बनाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से बालसंस्कारवर्ग लिए जाते हैं ।
*सनातन संस्था की स्थापना*
परात्पर गुरु डॉ. आठवले को अध्यात्म की श्रेष्ठता ज्ञात होनेपर उन्होंने अध्यात्मप्रसार के लिए अपने सद्गुरु परम पूज्य भक्तराज महाराज के आशीर्वाद से सनातन संस्था की स्थापना की ।
*हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के प्रेरणास्रोत*
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सनातन प्रभात नामक नियतकालिकों का प्रकाशन आरंभ किया है । उनके मार्गदर्शन से अनेक लोग, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए संगठित होकर कार्य कर रहे हैं । हिन्दुत्ववादी संगठनों को भी उनसे प्रेरणा मिलती है ।
*आध्यात्मिक शोध*
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने विपुल शोधकार्य किया है; उदाहरणस्वरूप, आध्यात्मिक कष्ट का आध्यात्मिक उपचार; हिन्दुआें के आहार, वेशभूषा, धार्मिक कृत्य आदि से व्यक्ति को होनेवाले लाभ इत्यादि ।
*अध्यात्म विश्वविद्यालय की स्थापना*
प्राचीन काल में तक्षशिला, नालंदा आदि विश्वविद्यालयों के माध्यम से वेद, शास्त्र, कला, तत्त्वज्ञान आदि का प्रचार होता था । अब उस धार्मिक ज्ञान का प्रसार करने के लिए परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में अध्यात्म विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है ।
पूरे संसार में भौतिक शिक्षा देनेवाले अनेक विद्यापीठ हैं, परंतु परिपूर्ण अध्यात्मशास्त्र और ईश्वरप्राप्ति की शिक्षा देनेवाला एक भी विद्यापीठ नहीं है । इसलिए 22.3.2014 को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने गोवा में ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ स्थापित किया है ।
इतने महान कार्य करने वाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को आज देश ने भुला दिया लेकिन जो हमे चरित्रहीन बनाते है ऐसे हीरो-हीरोइन के जन्मदिन याद रखते है, हम ही हमारे धर्म की खाई खोद रहे है और देश को पतन की तरफ ले जा रहे है ।
आज़ाद भारत की तरफ से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के जन्मदिन की खूब-खूब हार्दीक शुभकामनाएं ।
A very happy birthday to Athavale ji