24 Apirl 2023
🚩कानून सभी के लिए समान है, केवल कहावत बनकर रह गई है, सच पूरा अलग ही दिखता है। अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियों में आग लगाकर 59 रामभक्तों की हत्या करने वाले 8 दोषियों को जमानत दे दी। ये सभी दोषी इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
🚩इन सभी दोषियों को निचली अदालत और उसके बाद हाईकोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिली है। 17-18 साल जेल में बिताने के आधार पर दोषियों को जमानत दी गई है।
🚩पिछले दिसम्बर में सर्वोच्च न्यायालय ने गोधरा ट्रेन अग्निकांड के 31 दोषियों में से एक फारूक को जमानत दे दी थी। फारूक इस आधार पर जमानत मिली थी कि वह 17 साल सजा काट चुका था और इस मामले में उसकी भूमिका ट्रेन पर पथराव की थी।
🚩इससे पहले 13 मई 2022 को कोर्ट ने दोषियों में से एक अब्दुल रहमान धंतिया उर्फ कांकट्टो को 6 महीने के लिए जमानत दे दी थी।
🚩बताते चलें कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी को दंगाइयों ने जला दिया, जिसमें 27 महिला और 10 बच्चे सहित 59 लोग जिंदा जलकर मर गए थे।
🚩सुप्रीम कोर्ट एक तरफ रामभक्तों को जलाने वालों को जमानत दे देती है….!
वहीं दूसरी तरफ हिंदू संत श्री आशारामजी बापू के जोधपुर केस मामले में याचिका दर्ज की थी, कि आरोपकर्ता लड़की कुटिया में गई ही नही थी।FIR में स्थान के विवरण में कुछ नहीं बोली । पुलिस अधिकारी अजय पाल लांबा ने कुटिया की वीडियो बनाई थी, उसके आधार पर FIR के कई दिनों बाद वह बोल रही थी, क्योंकि अजय पाल लांबा ने खुद एक बुक में यह बात लिखी हैं। यह अहम मुद्दा था, जिसका राज खुलने पर आशाराम बापू निर्दोष बरी हो सकते थे। इस याचिका पर सुनवाई होती तो बापू आशारामजी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया यह राज खुल जाता इसलिए इस याचिका पर सुनवाई ही नहीं की गई ?
🚩बता दे की देशभर में कोरोना फैलानेवाले मौलाना साद को जमानत मिल गई, देश के ‘टुकड़े’ करने का नारा लगाने वाले कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई, बलात्कार आरोपी बिशप फ्रेंको व तरुण तेजपाल को जमानत मिल गई, 65 गैर जमानती वारंट होने के बाद भी दिल्ली के इमाम बुखारी को आज तक अरेस्ट नहीं कर पाए, सोये हुए गरीबों को कुचलनेवाले सलमान खान को 1 घंटे में जमानत मिल गई, लेकिन भारतीय संस्कृति के उत्थान का कार्य करनेवाले 87 वर्षीय निर्दोष हिंदू संत आशारामजी बापू को पिछले 10 सालों से आज तक 1 दिन की भी न्यायालय जमानत नहीं दे पाया … क्यों !?
🚩आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है, जब उनके केस को पढ़ते हैं तो उसमें साफ है कि जिस समय की तथाकथित घटना आरोप लगाने वाली लड़की ने बताई है वह उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी, जिसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक भक्त के यहां कार्यक्रम में थे, जहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने गवाही भी दी है; मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आने का प्रमाण है और एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है, केवल छेड़छाड़ का आरोप है।
🚩आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फैक्स भी आया था, जिसमें भेजनेवाले ने साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो, नहीं तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।
🚩बता दें कि स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व हिंदू संत आसाराम बापू ने किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं और उन्हें पिछले 10 सालों से 1 बार भी जमानत तक नहीं मिल पा रही है।
🚩बड़ा सवाल… आख़िर हिन्दू धर्म व संस्कृति की रक्षा करने वाले संत के साथ ही यह अन्यायपूर्ण व्यवहार क्यों…!?
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