यह है आधुनिक भारत की वर्तमान स्थितियों का कड़वा सच ‼️ लेकिन इस पर चर्चा कभी नही होती

17 Apirl 2023

*🚩लगभग 4 साल पहले केरल की 2 ननों को ट्रेन से उतार कर उत्तर प्रदेश की पुलिस ने सामान्य सी पूछताछ की तो केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, राहुल गांधी और मायावती तक ने इतना शोर मचाया , कि गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्टीकरण देना पड़ा।*

*🚩लगभग 3 साल पहले पालघर मे 2 हिन्दू सन्यासियों की निर्मम हत्या हुई । यह हत्याकाण्ड जिस स्थान पर हुआ वह ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।*

*🚩स्वामी असीमानंद को झूठे सम्झौता एक्स्प्रेस ब्लास्ट मामले मे 10 सालों तक जेल मे प्रताड़ित किया गया, क्योंकि उन्होने गुजरात के डांग मे आदिवासियों को ईसाई बनने से रोका।*

*🚩23 अगस्त 2008 को उड़ीसा के कंधमाल मे स्वामी लक्ष्मणानन्द की दर्दनाक और नृशंस हत्या कर दी गई…क्यों कि वो उस स्थान पर आदिवासियों के ईसाईकरण में बाधक बन रहे थे।*

*🚩27 अगस्त 2000 को त्रिपुरा मे शान्ति काली जी महाराज को गोलियों से भून दिया गया, क्योंकि वे त्रिपुरा में इसाईकरण के आड़े आ रहे थे।*

*🚩31 अगस्त 2013 को संत श्री आशारामजी बापू को जेल भेजा गया क्योंकि बापू आशारामजी ने करोड़ो लोगों में सनातन धर्म की लौ जगा दी और लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई, हजारों मिशनरी एनजीओज़ की दुकानें बंद करवा दी । बौखलाए मिशनरियों ने ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज करके मिडिया ट्रायल करवाकर जेल भिजवा दिया। आज 9+ सालों से उन्हें 1 दिन की राहत नहीं मिली।*

*🚩केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा ने मलयालम मे अपनी आत्मकथा लिखी है। इसका नाम है‘Karthavinte Namathil (in the name of the Lord)’।  इसमें सिस्टर ने बताया है , कि साइरो-मालाबार चर्च में उनका कैसा अनुभव रहा ।

ग़ौरतलब है कि , इन्होंने ही बलात्कार आरोपित पादरी फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी , जिसमें उन्हें आजतक न्याय नहीं मिला । ईसाई संस्थाओं द्वारा संचालित प्राइवेट स्कूलों में पादरियों द्वारा क्या गुल खिलाए जाते हैं, सिस्टर लूसी की पुस्तक में इसके कई उदाहरण मिलेंगे। पादरी और बिशप अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए ननों के साथ जबरदस्ती कर यौन सम्बन्ध बनाते हैं। वो इसके लिए कई ननों की जबरन सहमति भी लेते हैं।*

*🚩सिस्टर लूसी ने लिखा कि कॉन्वेंट्स में जवान ननों को पादरियों के पास उनके ‘यौन सुख’ के लिए भेजा जाता था। वहाँ वो सभी ननें घंटों नंगी खड़ी रखी जाती थीं। वो लगातार गिड़गिड़ाती रहती थीं लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जाता था।*

*🚩केरल नन रेप केस में फंसे बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने वाले फादर कुरियाकोसे कट्टूथारा का 22 अक्तूबर 2018 की सुबह शव बरामद हुआ । 60 वर्षीय कुरियाकोसे की मृत्यु आज भी संदिग्ध है।*

*🚩जब भारत मे चर्च का कोई बड़ा पदवीधारी (बिशप/ कार्डिनल) आदि फँसता है तो चर्च उसे क्लीनचिट देने मे बहुत जल्दी करता है परंतु पुलिस की सामान्य पूछताछ को भी अत्याचार बताया जाता है।*

*🚩फादर पी बी लोमियो की पुस्तक ” उंटेश्वरी माता का महंत ” भारत में चर्च के साम्राज्यवाद के कड़वे सच की दास्तान बताती है। मीडिया में उसकी चर्चा भी नही होती। इसी तरह ” बुधिया एक सत्यकथा ” भी चर्च के भीतर हो रहे कालेकारनामों और रोंगटे खड़े करने वाले सच से पर्दाफ़ाश करती है।*

*🚩विश्व मे चर्च –*

*सन् 2009 में आयरलैंड में, विशेष सरकारी आयोगों द्वारा वर्षों के कार्यों के बाद, डबलिन महाधर्मप्रांत में स्कूल प्रणाली में रयान रिर्पोट एवं बाल दुराचार पर मर्फी रिपोर्ट प्रकाशित किया गया था। मई में पहली रिपोर्ट के अनुसार 1930 से 1990 के दशक तक कैथोलिक गिरजे के कर्मचारियों द्वारा हज़ारों बच्चों को पीटा गया, सर मुंडवाया गया, आग या पानी से यातना दी गई और बलात्कार किया गया। उन मासूमों को नाम के बदले नम्बर दिया गया था। कभी कभी तो वे इतने भूखे होते थे , कि कूड़ा खाने पर मजबूर थे। नवम्बर में आई दूसरी मर्फ़ी रिपोर्ट में सामने आया कि , किस तरह चर्च ने दशकों तक अपने काले कारनामों को व्यवस्थित रूप से दबाए रखा। चर्च नेतृत्व बदनामी के डर से चुप रहा तो सरकारी दफ़्तरों ने नज़रें फेर लीं। जनमत के भारी दबाव के कारण चार बिशपों को इस्तीफ़ा देना पड़ा। तीन इस्तीफ़ो पर पोप को अभी फ़ैसला लेना है। रिपोर्ट के अनुसार आर्कडियोसेज़ डब्लिन में 1975 से 2004 के बीच 300 बच्चों के साथ दुर्व्यवहार हुआ। इस बीच कम से कम 170 इसाई धर्माधिकारी संदेह के घेरे में हैं ।*

*🚩5 फरवरी 2014 को ज़ारी अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार समिति (सीआरसी) ने कहा कि वैटिकन को उन पादरियों की फ़ाइलें फिर से खोलनी चाहिए , जिन्होंने बाल शोषण के अपराधों को छुपाया है,ताकि उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जा सके । वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार — ” वैटिकन ने अपराधों की गंभीरता को स्वीकार नहीं किया और इसेलेकर समिति बहुत चिंतित है ।”*

*🚩सितम्बर 2018 में जर्मनी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कैथोलिक चर्च में 1946 से 2014 के बीच 3,677 बच्चों का यौन शोषण हुआ। जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस के प्रमुख कार्डिनल मार्क्स ने पीड़ितों से माफी मांगी ।*

*🚩जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट पेश करते हुए कार्डिनल मार्क्स ने पीड़ितों से माफी मांगते हुए कहा, “लंबे समय तक चर्च ने यौन शोषण के मामलों को झुठलाया, नजरअंदाज किया और दबाया। इस विफलता और उसकी वजह से पहुंची तकलीफ के लिए मैं माफी मांगता हूं।” रिपोर्ट में कैथोलिक चर्च के पादरियों द्वारा बच्चों और किशोरों के यौन शोषण के मामले दर्ज किए गए हैं। मार्क्स ने कहा, “मैं नष्ट हुए भरोसे और चर्च के अधिकारियों द्वारा किए गए अपराधों के लिए शर्मसार हूं।”*

*🚩रिपोर्ट के अनुसार 1946 से 2014 के बीच कैथोलिक चर्च के 1,670 अधिकारियों ने 3,677 नाबालिगों का यौन शोषण किया। रिपोर्ट के लेखकों ने जर्मनी के 27 डियोसेजे में 38,156 फाइलों का विश्लेषण किया जिसमें 1,670 अधिकारियों के ऊपर नाबालिगों का यौन शोषण किए जाने के आरोपों का पता चला। इस अध्ययन का आदेश जर्मन बिशप कॉन्फ्रेंस ने ही दिया था। टीम का नेतृत्व मनहाइम के मनोचिकित्सक हाराल्ड द्राइसिंग की टीम कर रही थी।*

*🚩रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों में 1429 डियोसेजे के पादरी थे, 159 धार्मिक पादरी थे और 24 डियाकोन अधिकारी थे। 54 फीसदी लोगों के मामले में सिर्फ एक का यौन शोषण का आरोप था जबकि 42 प्रतिशत कई मामलों के आरोपी थे। यौन शोषण के पीड़ितों में 63 फीसदी लड़के थे और 35 फीसदी लड़कियां। पीड़ितों में तीन चौथाई का चर्च और आरोपियों के साथ धार्मिक रिश्ता था। वे या तो प्रार्थना सभाओं में सेवा देने वाले थे या धार्मिक कक्षाओं के छात्र।*

*🚩पुरी दुनिया में पादरी यौन शोषण के लिए बदनाम हैं परन्तु भारतीय मिडिया चुप है…! क्यों…?*

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