7 Jun 2018
प्रभु श्रीरामचंद्रजी ने रावण का वध कर श्रीलंका से अधर्म का राज्य नष्ट किया था परंतु आज श्रीलंका के हिन्दुआें पर पुनः संकट का पहाड टूट पडा है । उन पर क्रूर अत्याचार हो रहे हैं ।
*श्रीलंका में हिन्दुआें का सफाया*
There were 90% Hindus in Sri Lanka, now 20% are left, you also know how Hindu is being erased. |
श्रीलंका में तीसरी शताब्दी तक हिन्दू राष्ट्र था । वहां हिन्दू राजा राज्य कर रहे थे । सम्राट अशोक ने सर्वप्रथम श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार किया । श्रीलंका में पहले सर्वत्र शिवमंदिर थे । अब वहां बौद्ध बिहार बनाए गए हैं । तदुपरांत श्रीलंका में सिंहली और हिन्दू इलम, ऐसे दो गुट निर्माण हुए । वर्ष 1505 में श्रीलंका में पुर्तगाली आए । वर्ष 1833 में श्रीलंका में हिन्दुआें के लिए केवल एक तिहाई स्थान शेष रह गया और दो तिहाई भूमि सिंहलियों ने व्याप ली । वर्ष 1976 तक पूरा टापू सिंहलियों ने छीन लिया । वर्ष 1976 में प्रभाकरन ने ‘लिबरेशन टायगर्स ऑफ तामिल इलम’ की स्थापना की और उस माध्यम से हिन्दुआें के लिए संग्राम किया । वर्ष 2009 में प्रभाकरन् पराजित हो गए ।
गत पांच वर्षों में श्रीलंका कि संपूर्ण भूमि सिंहलियों ने हड़प ली है । सिंहली सरकार के काल में सैन्य कार्यवाही कर हिन्दुआें पर अत्याचार किए गए । 10 सहस्र (हजार) हिन्दू महिलाआें पर बलात्कार किया गया । हिन्दुआें के 1 सहस्र मंदिर उद्धवस्त कर दिए गए । बौद्धों ने हिन्दुआें से मुंह मोड़ लिया है । श्रीलंका में हिन्दुआें को बौद्धों ने चेतावनी भी दी है । – डॉ. कार्तिकेयन्, नेता, इंडो-इलम तामिळ फ्रेंडशिप, चेन्नई, तामिळनाडू
श्रीलंका के हिन्दू समाप्त होने कि कगार पर
*1.* श्रीलंका में 400 से अधिक ईसाई मिशनरी संस्थाआें के माध्यम से वहां के तमिल हिन्दुआें का ईसाई धर्म में धर्म-परिवर्तन किया जा रहा है । ये संस्थाएं वहां के मूल हिन्दू मानसिक रोगी, विधवा, छोटे बच्चों, वयोवृद्ध एवं रोगियों को लक्ष्य बनाती है । मीठा बोलकर, पैसे, नौकरी, शिक्षा का व्यय जैसे प्रलोभन देकर, हिन्दुआें कि विवशता का अनुचित लाभ उठाकर उनका धर्म-परिवर्तन किया जाता है ।
*2.* ईसाइयों को उनके धर्म कि शिक्षा मिलती है पर हिन्दुआें को धर्म कि शिक्षा देनेवाली पाठशालाएं वहां नहीं हैं । जिन हिन्दूबहुल गांवों में ईसाई अल्पसंख्यक हैं वहां वे बड़ा चर्च अथवा बुद्धबिहार बनाते हैं और अपनी गतिविधियां आरंभ करते हैं ।
*3.* भारतीय सेना ने वर्ष 1988 मेें लिंगेश्वर मंदिर बनाया था । वर्ष 2018 में ईसाइयों ने उसे तोड़ गिराया । ऐसे अनेक मंदिर ईसाई और बौद्ध लोगों ने तोड़ दिए हैं । उन्होंने अम्मा मंदिर भी तोड़ दिया । ऐन दीपावली के समय ईसाइयों द्वारा गिराया गया एक शिवमंदिर हिन्दुआें ने पुनः बनाया परंतु महाशिवरात्रि के दिन ही उसे पुनः गिरा दिया गया । अंजनेय स्वामी मंदिर भारतीय सेना ने वर्ष 1988 में बनाया था । ‘यह भूमि ईसाईयों कि है’, ऐसा कहकर ईसाईयों ने वहां हिन्दुआें को प्रतिबंधित कर दिया है । यह मंदिर तोड़ने कि एक और पद्धति है । अम्मा मंदिर को ईसाइयों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है उनकी अनुमति के बिना हिन्दू पूजा नहीं कर सकते । श्रीलंका के ईसाई और मुसलमान सदैव हिन्दुआें कि धार्मिक भावनाआें का अनादर करते हैं ।
*4.* पहले श्रीलंका में 90 प्रतिशत हिन्दू थे । आज केवल 20 से 30 प्रतिशत ही हिन्दू बचे हैं । यदि वहां धर्मरक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया तो भविष्य में हिन्दू धर्म ही वहां से समाप्त हो जाएगा ।
*5.* हम श्रीलंका में हिन्दू धर्म कि पुनर्स्थापना के प्रयास कर रहे हैं । ‘हम हिन्दू हैं , हमें इस पर गर्व है’, ऐसे कुछ पत्रक हम वितरित कर रहे हैं । भित्तीपत्रक (पोस्टर्स) लगा रहे हैं । वहां के हिन्दुआें में शिवलिंग, तुलसी एवं भगवद्गीता बांटने का हमारा विचार है । जिससे ईसाइयों की गतिविधियों पर रोक लगेगी ।
! – श्री. कन्नेय्या दिनेश्वरन्, हिन्दुत्वनिष्ठ, श्रीलंका
श्रीलंका में बौद्ध असहिष्णुतावादी हैं । 2 सहस्र वर्ष पूर्व श्रीलंका में हिन्दू धर्म था । गत 60 वर्षों में वहां हिन्दू धर्म नष्ट कर दिया गया । वर्ष 2009 में डेढ लाख हिन्दुआें का सफाया किया गया । उस समय भारत चूप रहा । श्रीलंका में ‘रेप कैंप‘ आयोजित किए गए । वहां हिन्दू महिलाआें पर बलात्कार किए गए ।
श्रीलंका के हिन्दुआें को भारतीय हिन्दुआें के आधार कि अपेक्षा
श्रीलंका में भी कोई आश्रम होना चाहिए । वहां गुरुजी (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी) पधारें और उनकी ओर से वहां के हिन्दुआें को धर्मशिक्षा दी जाए, इसके साथ ही हिन्दुआें में श्रद्धा निर्माण होने हेतु हमारा मार्गदर्शन करें, ऐसी हमारी इच्छा है । हम चाहते हैं कि हमें ऐसा विश्वास दिलाएं कि ‘श्रीलंका के हिन्दू अकेले नहीं हैं । भारत के हिन्दू उनके साथ हैं ।’
श्रीलंका के हिन्दुआें को स्वतंत्रता चाहिए, पुनर्वास नहीं । भारत श्रीलंका के हिन्दुआें को स्वतंत्रता दिलाने का प्रयास करे । स्वतंत्रता मिलने पर ही श्रीलंका के हिन्दुआें को मुक्ति मिलेगी । भारत के हिन्दुआें के समर्थन पर ही श्रीलंका के हिन्दुआें कि मुक्ति निर्भर करती है ।
श्रीलंका के हिन्दू, भारत से सहायता मिलने कि प्रतीक्षा में हैं । वहां के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, श्रीलंका में हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए प्रयासरत हैं परंतु उन्हें आवश्यकता है नैतिक, आर्थिक और राजनीतिक समर्थन की !
श्रीलंका के हिन्दुआें को आधार देने के लिए भारतीय हिन्दुआें को आगे आना होगा !
गौरतलब है कि गोवा में सनातन संस्था कि ओर से हिन्दू राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहे अधिवेशन में श्रीलंका में सक्रिय हिन्दू धर्मवीरों ने श्रीलंका के हिन्दुआें की दयनीय अवस्था से उपस्थितों को अवगत कराया ।
भारत में भी हिन्दुओं कि स्थिति ठीक नही है भारत में भी ईसाई मिशनरियां पुरजोश से धर्मान्तरणन करवा रही है, इस्लाम वाले भी जबजरस्ती धर्मान्तरणन करवा रहे है, लव जिहाद चला रहे है, हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है, हिन्दू धर्मगुरुओं को बदनाम करके जेल भिजवाया जा रहा है । मीडिया हिंदुनिष्ठ, हिन्दू त्यौहार के खिलाफ कैम्पियन चला रही है, बॉलीवुड में हिन्दू संस्कृति का अपमान किया जा रहा है फिर भी हिन्दू आराम से सो रहे है कि हमारा कोई कुछ नही कर सकता लेकिन याद रखो जैसे कश्मीर से हिन्दुओं को भगा दिया, श्रीलंका से खत्म कर दिए गए ऐसे ही भारत से भी हिन्दू खत्म हो सकते है अगर गहरी नींद से नही जगे तो ।
अभी भी समय है हिन्दू धर्म के प्रति सचेत रहो और उसके खिलाफ षड्यंत्र करने वालो को सबक सिखाओ ।
Official Azaad Bharat Links:🏻
🔺Blogger : http://azaadbharatofficial. blogspot.com
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺Facebook : https://www.facebook.com/ AzaadBharat.Org/
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
हिंदू समाज की निष्क्रिय वृत्ति ही घातक है।हिंदू समाज को एकत्रित हो कर इस षड्यंत्र का विरोध करनाा चाहिए ये समय की जरूरत है।
Hindu samaj ekjut hona chahiye