रामभक्तों को ज़िंदा जलाने वालों को न्यायलय ने दी पैरोल, राष्ट्र व सनातन धर्म की सेवा करने वाले जेल में….

21 July 2023

🚩उड़ीसा में धर्मान्तरण का विरोध करने वाले और गौ तस्करों को सबक सिखाने वाले दारा सिंह को 22 साल जेल में रखा गया है। अपनी मां की अंतेष्टि करने के लिए भी पैरोल नही दी गई । वही दूसरी ओर गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा में ट्रेन में हिन्दुओं को जिन्दा जलाने के दोषी एक शख्स को पैरोल देते हुए कहा , कि इसे सज़ा की अवधि के भीतर गिना जाना चाहिए। पेरोल देने का ये अर्थ नहीं है कि सज़ा को निलंबित कर दी गई है। जस्टिस निशा एम ठाकोर ने हसन अहमद चरखा को 15 दिनों की पैरोल देते हुए ये टिप्पणी की। वो फ़िलहाल साबरमती एक्सप्रेस में महिलाओं-बच्चों समेत 59 रामभक्तों को ज़िंदा जलाए जाने के मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है।

 

🚩मार्च 2011 में सेशन कोर्ट द्वारा उसे सज़ा सुनाए जाते समय इसकी पुष्टि की गई थी, कि वो एक पूर्व-नियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा था।जिसके तहत खतरनाक हथियारों और विस्फोटक रसायनों से लैस भीड़ ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’, ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ और ‘हिन्दू काफिरों को जला दो’ जैसे नारे लगाते सांप्रदायिक दुर्भावना से भरकर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पर पत्थरबाजी की और पेट्रोल डाल कर उसे आग के हवाले कर दिया।

 

🚩59 मौतों के आल्वा 48 लोग इस घटना में घायल भी हुए थे। गुजरात सरकार ने कहा , कि दोषी की जमानत याचिका पेंडिंग है।ऐसे में उसे पैरोल नहीं दी जा सकती। लेकिन, हाईकोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया। उसने अपनी बीवी के जरिए 60 दिनों की पैरोल की माँग की थी। उसने दावा किया, कि उसकी बहनों के बेटे और बेटी की शादी है, ऐसे में मामा के रूप में उसका इसमें मौजूद रहा ज़रूरी है। उसकी जमानत याचिका फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।

 

🚩हालाँकि, गुजरात हाईकोर्ट ने कहा , कि पैरोल की अवधि भी सज़ा के तहत ही गिनी जाएगी। 2011 में स्पेशल SIT कोर्ट ने हसन के अलावा 19 अन्य को भी इस मामले में सज़ा सुनाई थी। साथ ही 11 अन्य को भी इस मामले में फाँसी की सज़ा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा को बरक़रार रखा था, जिसके खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। गोधरा में रामभक्तों को जलाए जाने के बाद गुजरात भर में हिंसा भड़क गई थी।

 

🚩राम भक्तों को जलाने वाले को आसानी से पेरोल मिल गई, लेकिन कोई व्यक्ति देशभक्ति, भारतीय संस्कृति या सनातन धर्म की बात करे और राष्ट्र विरोधी लोगों का विरोध करे… तो उसे बहुत कुछ सहना पड़ता है, यहाँ तक की उसकी हत्या भी हो सकती है !!

 

🚩आपको बता दे की जिन आदिवासियों को ईसाई बना दिया गया था, उन लाखों हिंदुओं की घर वापसी हिन्दू संत आशारामजी बापू ने करवा दी थी। करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बना दिया। सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने की कला बताई। कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी। विदेशियों की देन वेलेंटाइन डे के बदले मातृ-पितृ पूजन दिवस शुरू करवा दिया। क्रिसमस ट्री के बदले तुलसी पूजन दिवस शुरू करवाया।

 

🚩विदेशों में भी बापू आशारामजी के लाखों अनुयायी बन चुके हैं और वे भारतीय संस्कृति का वहाँ प्रचार करने लगे हैं। करोड़ो लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया,उसके बाद उन करोडों लोगो ने व्यसन छोड़ दिये। सिनेमा में जाना छोड़ दिया, क्लबों में जाना छोड़ दिया, ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे, स्वदेशी अपनाने लगें। इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबो-खरबों रुपये का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों के धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं।

 

🚩फिर तो षड़यंत्रकारियों के पास यही एक रास्ता था , उन्हें रास्ते से हटाने का … उनको सुनियोजित ढंग से षड्यंत्र रचकर जेल भेज दिया गया और अभी भी वे 10 साल से जेल में बंद है। 86 वर्ष की उम्र है ,लेकिन पिछले 10 सालों में बापूजी को 1 दिन की भी जमानत नही दी गई।

 

🚩भारत में दोगला न्याय कब तक चलेगा?

 

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