26 September 2018
राजस्थान अलवर के 70 वर्षीय फलहारी बाबा के खिलाफ 11 सितम्बर 2017 को बिलासपुर की 21 वर्षीय लड़की ने छत्तीसगढ़ के महिला थाना में जीरो एफ.आई.आर. दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था । छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल और 164 के बयान दर्ज कर रिपोर्ट बनाया और अलवर पुलिस को फाइल भिजवा दी थी । जिसके बाद अलवर पुलिस ने अरावली विहार थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी ।
पुलिस ने कोर्ट में 40 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी । जिसमें पुलिस ने बाबा को दोषी मानते हुए धारा 506 और 376 (2एफ) के तहत आरोप लगाए गए थे ।
Strange Law – Life imprisonment is not even a life imprisonment and pastor’s arrest? |
फलाहारी बाबा के बयान पर जिला एवं सेशन जज संख्या-1 राजेंद्र शर्मा की अदालत में दर्ज किए गए । इस दौरान फलहारी बाबा से कोर्ट ने 88 लिखित सवाल किए गए थे ।
फलहारी बाबा के वकील अशोक शर्मा ने दावा किया था कि फलहारी बाबा निर्दोष हैं और उनके बचाव के लिए सभी साक्ष्य अदालत के सामने रख दिए हैं, उन्हें पूरा भरोसा है कि अदालत के अंतिम फैसले में बाबा निर्दोष बरी होंगे ।
अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज करवाए गए 30 अभियोजन साक्ष्यों की गवाही के आधार पर कोर्ट ने लिखित रूप में 24 पेजों पर तैयार 88 सवालों के जवाब फलाहारी बाबा से पूछे । इस दौरान बाबा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से झूठा बताते हुए कहा था कि मैं निर्दोष हूं ।
फलाहारी बाबा को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है । साथ ही अदालत ने फलाहारी बाबा पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है ।
उनके वकील का कहना है कि बाबा पूर्ण निर्दोष है ऊपरी अदालत से निर्दोष बरी हो जायेंगे ।
कौन हैं फलाहारी बाबा?
फलाहारी बाबा का पूरा नाम जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज है । वो रामानुज संप्रदाय के साधु माने जाते हैं ।
राजस्थान अलवर में इनका वेंकटेश दिव्य बालाजी धाम आश्रम है, जहां हर दिन भक्तों की भीड़ रहती है । लाखों की संख्या में उनके भक्त हैं । फलाहारी बाबा अलवर में गौशाला भी चलाते हैं ।
वो कुंभ में शिविर लगाते हैं और संस्कृत के जानकार माने जाते हैं । अभी कुछ समय पहले इन्होंने आश्रम में श्री वेंकटेश की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु और विशिष्ठ लोग आए थे ।
रामानुज संप्रदाय को श्री संप्रदाय भी कहते हैं । हिंदू धर्म में इस संप्रदाय को आचार और विचार में शुद्धि रखने के रूप में जाना जाता है ।
नेता भी उनके चरणों मे आते थे:-
बाबा के पास कई राजनीतिक दल भी आशीर्वाद लेने आते थे ।
बाबा ने 7 नवंबर 2016 को एक रथ यात्रा शुरू की थी, जो देश के विभिन्न राज्यों में अभी चल ही रही है । यात्रा का समापन 2018 में होगा ।
समापन पर हैदराबाद में श्रीराम जीवा प्रांगण में रामानुजाचार्य की प्रतिमा लगाई जाएगी ।
बाबा जी पिछले 15 सालों से आध्यात्म में सक्रिय हैं । वो अपने आश्रम में भजन-कीर्तन और वैदिक यज्ञ करवाते हैं ।
भजन, कीर्तन कराने वाले , गौमाता की रक्षा करने वाले और केवल फल खाने वाले 70 वर्षीय फलहारी बाबा रेप करें ऐसा हो सकता है ? जनता इसे मानने को तैयार नहीं है, लगता है उन्हें किसी राजकीय षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है ।
कानून भी एक समान बोलने वाले अब कहाँ गए, जब जालन्धर के ईसाई पादरी बिशप ने केरल की नन के साथ 13 बार बलात्कार किया ऐसा आरोप लगाया गया, लेकिन न कनून कार्यवाही कर रही है और न ही सरकार कुछ कर रही है, लेकिन एक 70 वर्षीय निर्दोष बुजुर्ग बीमार संत को गिरफ्तार कर लेती है और उनको उम्रकैद सुनाई जाती है ये कौन सा न्याय है?
अभी सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुना दी है, लेकिन ऊपरी अदालत से अगर बरी हो जाएंगे तो उनका कीमती समय कौन वापस लौटायेगा ?
ये कोई पहला मामला नहीं है कि किसी हिन्दू साधु को फंसाया गया हो, इससे पहले भी कई निर्दोष पवित्र साधुओं को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई ओर ऊपरी कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिए थे ।
गुजरात द्वारका के स्वामी #केशवानंदजी पर कुछ समय पूर्व एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया और न्यायालय ने 12 साल की सजा भी सुना दी, लेकिन जब दूसरे जज की बदली हुई तब देखा कि ये मामला झूठा है, स्वामी जी को फंसाने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया है, तब स्वामीजी को न्यायालय ने 7 साल के बाद निर्दोष बरी किया ।
ऐसे ही दक्षिण भारत के स्वामी नित्यानन्द जी के ऊपर भी फर्जी सेक्स सीडी बनाकर रेप का आरोप लगाया गया और उनको जेल भेज दिया गया बाद में उनको हाईकोर्ट ने क्लीनचिट देकर निर्दोष बरी कर दिया गया ।
ऐसे ही वर्तमान में विश्व मे हिन्दू संस्कृति की पताका लहराने वाले और धर्मान्तरण पर रोक लगाने वाले व करोड़ों को सन्मार्ग पर लगाने वाले 82 वर्षीय हिन्दू संत श्री आसाराम बापू को षड्यंत्र के तहत फ़साने के सबूत होते हुए भी उम्रकैद सुना दी कितना आश्चर्य है ?
जब वे ऊपरी कोर्ट से निर्दोष बरी होंगे तब उनके व्यर्थ गए समय की भरपाई कौन करेगा ?
एक के बाद एक निर्दोष हिन्दू साधू-संतों को बदनाम किया जा रहा है क्योंकि राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा हिन्दू धर्म खत्म करने के लिए हिन्दू संस्कृति के आधार स्तंभ हिन्दू संतों को टारगेट किया जा रहा है, हिन्दुस्तानी अब इस षडयंत्र को समझो और उसका विरोध करो तभी हिन्दू संस्कृति बच पाएगी ।
Official Azaad Bharat Links:🏻
🔺Blogger : http://azaadbharatofficial. blogspot.com
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
जब कोई पादरी गलत काम करता है तो क्या कानून व्यवस्था कहाँ चली जाती हैं।
हिन्दू सन्त के खिलाफ चाहे गलत आरोप भी क्यों ना हो,सारा तंत्र उठ खड़ा होता है, ऐसा क्यों?
कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए और इसके लिए सरकार को कड़े कसम उठाने चाहिए।
कानून भी एक समान बोलने वाले अब कहाँ गए, जब जालन्धर के ईसाई पादरी बिशप ने केरल की नन के साथ 13 बार बलात्कार किया ऐसा आरोप लगाया गया, लेकिन न कनून कार्यवाही कर रही है और न ही सरकार कुछ कर रही है, लेकिन एक 70 वर्षीय निर्दोष बुजुर्ग बीमार संत को गिरफ्तार कर लेती है और उनको उम्रकैद सुनाई जाती है ये कौन सा न्याय है?
Biased justice