17 july 2018
‘ताजमहल’ वास्तु मुसलमानों की नहीं, अपितु वह मूलतः #हिंदुओं की है । वहां इससे पूर्व #भगवान #शिवजी का मंदिर था यह इतिहास सूर्यप्रकाश के जितना ही स्पष्ट है । मुसलमानों ने इस वास्तु को ताजमहल बनाया । #ताजमहल इससे पूर्व #शिवालय होने का प्रमाण पुरातत्व विभाग के अधिकारी, अन्य पुरातत्वतज्ञ, इतिहास के अभ्यासक तथा देश-विदेश के तज्ञ बताते हैं ।
Revealed: The American archaeologist believed that the Taj Mahal is a Hindu temple … |
भारत के मशहूर इतिहासकार पुरुषोत्तम नागेश ओक ने ताजमहल को हिंदू संरचना साबित किया था। तब मार्क्सवादी इतिहासकारों ने उनका खूब मजाक उड़ाया था। जबकि पीएम ओक की ही परिकल्पना थी कि वह मकबरा नहीं तेजोमहालय नाम का हिंदू स्मारक था। उस समय उन्होंने सबूत के साथ साबित किया था कि इसका निर्माण शहजहां ने नहीं बल्कि जय सिंह ने कराया था।
लेकिन शाहजहां ने उस पर कब्जा कर लिया और फिर उसे मकबरा में बदल दिया था। लेकिन अब अमेरिका के पुरातत्वविद प्रो. मार्विन एच मिल्स ने ताजमहल को हिंदू भवन माना है। उन्होंने अपने शोध पत्र में सबूत के साथ स्थापित किया है। इतिहास में झूठ और फरेब स्थापित करने में लगे नेहरूवादी और मार्क्सवादी इतिहासकारों को इससे चोट पहुंच सकती है।
अब जब ताजमहल को लेकर नए-नए तथ्य उजागर होने लगे हैं तो मुसलमानों ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। तामजमहल को लेकर अपनी धार्मिक बुनियाद मजबूत करने के लिए ही मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नमाज अदा करने की इजाजत मांगी थी। लेकिन उनकी मंशा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांगें खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह विश्व धरोहर के साथ ही दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसलिए इसलिए इसे ध्यान में रखने हुए ताजमहल स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने की कोई अनुमित नहीं दी जाएगी। नमाज कहीं और भी अदा की जा सकती है।
अमेरिका की कूटनीतिक राजधानी न्यूयॉर्क स्थित प्रैट इंस्टीट्यूट के प्रसिद्ध शिल्पकार तथा प्रोफेसर मार्विन मिल्स ने ताजमहल का विस्तृत अध्ययन किया और उस पर अपना शोध पत्र भी लिखा। ताजमहल पर लिखा उनका शोध पत्र उस समय न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुआ था। उनके शोध से ही ताजमहल के बारे में कई नई सूचनाएं और विश्लेषण सामने आए हैं।
वैसे तो भारतीय विद्वान इतिहासकार ओक ने तो पहले ही यह स्थापित कर दिया था कि ताजमहल शाहजहां का बनवाया मकबरा नहीं बल्कि हिंदू राजा जय सिंह द्वारा बनाया गया तेजोमहल था। लेकिन मिल्स के इस शोध पत्र ने उनकी परिकल्पना पर मोहर लगा दी है।
मिल्स ने अपने शोध पत्र में जोर देते हुए कहा है कि शुरू में ताजमहल एक हिंदू स्मारक था जिसे बाद में मुगलों ने कब्जा कर उसे मकबरे में बदल दिया। उन्होंने अपने शोधपत्र में ताजमहल से जुड़े ऐसे-ऐसे ऐतिहासिक साक्ष्य दिए हैं कि कोई उसे झुठला नहीं सकता। ताजमहल की बाईं ओर एक भवन है जो अब मस्जिद है। वह मस्जिद पश्चिमाभिमुख है यानि उसका मुख पश्चिम की ओर है। सवाल उठता है कि अगर उसे मूल रूप से मस्जिद के रूप में बनाया गया होता तो उसका मुख पश्चिम की बजाय मक्का की ओर होता। जबकि यह मस्जिद पश्चिमोन्मुख है।
इसकी मीनारें भी बताती हैं कि यह मस्जिद का नहीं बल्कि हिंदू स्मारक की प्रतीक हैं। ताज महल के चारों ओर बनाई गई मीनारें भी कब्र या मस्जिद के हिसाब से उपयुक्त नहीं है। तर्क के साथ देखें तो इन चारों मीनारों को मसजिद के आगे होना चाहिए क्योंकि यह जगह नमाजियों के लिए होती हैं। जबकि चारों मीनारें मस्जिद की चारों ओर बनाई गई हैं। जो हिंदू स्मारकों की दृष्टि से बिल्कुल उपयुक्त है।
इस प्रकार उन्होंने अपने शोधपत्र के माध्यम से यह अपील की है कि ताजमहल के उद्भव को जानने के लिए कार्बन -14 और थर्मोल्यूमिनेन्सेंस के माध्यम से असली तारीख तय की जा सकती है। इसके लिए भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग को सरकार से इस कार्य को पूरा कराने का अनुरोध करना चाहिए। ताकि इस विश्व धरोहर की सच्चाई देश और देशवासियों के सामने आ सके।
मिल्स ने कहा है कि वैन एडिसन की किताब ताज महल तथा जियाउद्दीन अहमद देसाई की लिखी किताब द इल्यूमाइंड टॉम्ब में काफी प्रशंसनीय आंकड़े और सूचनाएं हैं। जो इनलोगों ने ताजमहल के उद्भव और विकास के लिए समकालीन स्रोतों के माध्यम से एकत्रित किए थे। इनमें कई फोटो चित्र, इतिहासकारों के विवरण, शाही निर्देशों के साथ-साथ अक्षरों, योजनाओं, उन्नयन और आरेखों का संग्रह शामिल है। लेकिन दोनों इतिहासकारों ने प्यार की परिणति के रूप में ताजमहल के उद्भव की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। दोनों इतिहासकारों ने ताजमहल के उद्भव को मुगलकाल का मानने से भी इनकार कर दिया है।
मिल्स ने ताजमहल पर खड़े किए ये सवाल
ताजमहल के दोनों तरफ बने भवनों को गौर से देखिए। कहा जाता है कि इसमें से एक मस्जिद के रूप में कार्य करता है तो दूसरे का अतिथि गृह के रूप में उपयोग किया जाता। जबकि दोनों भवनों की बनावट एक जैसी है। सवाल उठता है कि जो शाहजहां अपनी बीवी के प्रेम में ताजमहल बनवा सकता है क्या वे दो प्रकार के कार्य निष्पादन करने के लिए एक ही प्रकार का भवन बनवाया होगा। दोनों भवनो को भिन्न-भिन्न प्रकार से बनाया जाना चाहिए था?
दूसरा सवाल है कि जब मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया था उसी समय देश में तोपें आ गई थी उसके बाद भी आखिर ताजमहल परिसर की दीवारें मध्ययूगीन, तोपखाने पूर्व तथा रक्षात्मक क्यों थीं? सवाल उठता है कि कब्र के लिए सुरक्षात्मक दीवार की आवश्यकता क्यों? (जबकि किसी राजमहल के लिए ऐसा होना अनिवार्य होता है )
तीसरा सवाल है कि आखिर ताजमहल के उत्तर दिशा में टेरेस के नीचे 20 कमरे यमुना की तरफ करके क्यों बनाए गए? किसी कब्र को 20 कमरे कि क्या जरूरत है? जबकि राजमहल की बात अलग है क्योंकि कमरे का अच्छा उपयोग हो सकता था।
चौथा सवाल है कि ताजमहल के दक्षिण दिशा में बने 20 कमरों को आखिर सील कर क्यों रखा गया है। आखिर विद्वानों को वहां प्रवेश क्यों नहीं है ? विद्वानों को अंदर जाकर वहां रखी चीजों का अध्ययन करने की इजाजत क्यों नहीं दी जाती है?
पांचवां और सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आखिर यहां जो मस्जिद है वह मक्का की तरफ नहीं होकर पश्चिम की ओर क्यों है ? अगर यह सातवीं शताब्दी की बात होती तो इसमें कोई परेशानी नहीं थी।
छठा सवाल उठता है कि आखिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल की वास्तविक तारीख तय करने के लिए कार्बन -14 या थर्मो-लुमिनिस्कनेस के उपयोग को ब्लॉक क्यों कर रखा है? अगर इसकी इजाजत दे दी जाती है तो ताजमहल के उद्भव को लेकर उठने वाले विवाद तुरंत शांत होंगे क्योंकि इस विधि से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि ताजमहल कब बना था? लेकिन न तो इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तैयार है न ही भारत सरकार। स्त्रोत : दैनिक भारत
भारत के मंदिर में स्थित शिवलिंग को ‘तेजोलिंग’ एवं मंदिर को तेजोमहालय कहा जाता था । ताजमहल #भगवान शिव का मंदिर #अग्रेश्वर नाम से प्रसिद्ध था । इससे ही इस नगर को आगरा नाम पड़ा । मुंज बटेश्वर आदेश के अनुसार यह मंदिर 848 वर्ष पुराना है ।
मुसलमान आक्रमणकारियों की दैनिकी में (डायरी) भी उन्होंने कहा है कि #ताजमहल #हिंदुओं की वास्तु है । तब भी मुसलमान इस वास्तु पर अपना अधिकार जताते हैं । #शिवालय के विषय में #सरकार के पास सैकडों प्रमाण धूल खाते पड़े हैं । #सरकार इस पर कुछ नहीं करेगी । इसलिए अब अपनी हथियाई गई वास्तु वापस प्राप्त करने हेतु यथाशक्ति प्रयास करना ही #हिंदुओं का धर्म व कर्तव्य है । ऐसी वास्तुएं वापस प्राप्त करने हेतु एवं हिंदुओं की वास्तुओं की रक्षा के लिए ‘हिंदु राष्ट्र’ अनिवार्य है ।
Official Azaad Bharat Links:🏻
🔺Blogger : http://azaadbharatofficial. blogspot.com
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺Facebook : https://www.facebook.com/ AzaadBharat.Org/
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ
Taj mahal hinduo ka hai
Thank you for each of your efforts on this web page. Debby delights in participating in investigations and it’s easy to understand why. A number of us hear all relating to the lively means you create good secrets through your web blog and as well boost response from some others on that content so our simple princess has been discovering a lot. Take advantage of the rest of the year. You’re performing a great job.
I want to get across my respect for your generosity for those people who absolutely need help on in this matter. Your special dedication to passing the message across turned out to be exceedingly valuable and has usually made guys much like me to realize their aims. Your new helpful help denotes a whole lot a person like me and extremely more to my mates. Warm regards; from each one of us.
I enjoy you because of your own labor on this site. My mum take interest in doing investigation and it is easy to understand why. We hear all about the lively form you deliver simple tactics by means of this web site and as well as foster contribution from visitors on the point while my simple princess is really understanding a lot. Take advantage of the remaining portion of the year. You have been performing a superb job.
Thanks for all of the effort on this blog. Gloria enjoys doing investigations and it’s easy to understand why. Many of us know all concerning the compelling method you give reliable tips and hints on your web blog and attract contribution from people on the subject so my child is without question being taught so much. Enjoy the rest of the new year. You have been doing a wonderful job.
I’m just writing to make you be aware of of the cool encounter my friend’s child developed visiting yuor web blog. She picked up a lot of things, not to mention what it’s like to possess an excellent helping mood to get the mediocre ones just grasp various complex topics. You actually exceeded people’s desires. Many thanks for imparting those interesting, safe, educational as well as cool thoughts on the topic to Jane.
I needed to create you that little observation in order to give thanks the moment again about the beautiful information you have contributed on this page. It has been simply incredibly generous with people like you to supply without restraint just what a few people would’ve supplied for an e book to help with making some profit for their own end, specifically considering the fact that you might have done it if you ever wanted. Those pointers additionally served to provide a easy way to be certain that the rest have the identical desire just like mine to see very much more in respect of this problem. I am sure there are a lot more pleasurable times ahead for individuals who examine your blog.
I needed to write you the very small remark to give many thanks over again with the exceptional ideas you have featured in this article. It’s extremely generous of people like you in giving extensively all that a number of us would’ve offered for an ebook to help make some cash for their own end, primarily given that you could have tried it in case you decided. Those solutions additionally acted to become great way to understand that many people have similar zeal like my personal own to find out more and more regarding this problem. Certainly there are some more pleasurable times up front for many who look over your website.
I must point out my admiration for your kind-heartedness in support of women who really want guidance on this topic. Your special commitment to getting the message up and down appears to be surprisingly powerful and have usually made workers just like me to achieve their targets. Your amazing valuable help means this much to me and a whole lot more to my office workers. With thanks; from each one of us.
A lot of thanks for all of the hard work on this blog. My mother delights in doing research and it’s really obvious why. A lot of people know all about the lively means you offer very useful things on your blog and as well as cause participation from other ones on that issue while my child is truly discovering a whole lot. Enjoy the rest of the year. Your carrying out a very good job.