न्यायलय को इतना भी भेदभाव नहीं करना चाहिए

12 May 2024

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भारत देश में सबसे बड़ी मजाक बन गया है “कानून सबके लिए समान है” कानून समानता के लिए बनाया गया लेकिन कानून को चलाने वाले भेदभाव करने लगे है इसलिए जनता को कानून पर भरोसा उठता जा रहा हैं।

 

आप नेता अरविंद केजरीवाल को इसलिए जमानत दी गई की उनको चुनवा प्रचार करना है, अगर इस तरीके से जमानत मिल जायेगी तो हर भ्रष्टाचारी नेता चुनवा के लिए जमानत हासिल कर देगा, इससे पहले लालू प्रसाद यादव को जमानत बीमारी ठीक करने को मिली लेकिन बाद में चुनाव का प्रचार करने लगे , जेल में बंद लाखों कैदी इसलिए बंद है की उनके पास पैसा नहीं है, राजनीतिक पहचान नही है उनके भी अपने घर के अनेक ज़रूरी काम होंगे लेकिन न्यायलय उनको जमानत नही दे रही , अगर कानून सभी के लिए समान होता तो उनको भी जमानत मिलनी चाहिए थी। नेता अभिनेता उद्योगपति ही नही आतंकवादियों को भी जमानत मिल जाति है लेकिन 12 साल से जोधपुर जेल में बंद 88 वर्षीय बुजुर्ग हिंदू संत आशाराम बापू को आजतक 1 दिन की रिहाई नही दी गई जबकि उनके पास निर्दोष होने के पुख्ता सबूत होने के बाजबूज भी पता नही न्यायलय और सरकार को उनके राष्ट्र और संस्कृति के कार्य करने से इतना परेशानी क्यों हो रही है जो आजतक रिहाई नही कर रहे हैं।

 

बता दे की बंबई हाईकोर्ट ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को स्वास्थ्य के आधार पर दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दिया। लेकिन दूसरी ओर जिन्होंने पूरा जीवन तपस्या व समाज, देश और संस्कृति के उत्थान के कार्य में बिताये, धर्मांतरण पर रोक लगाई- ऐसे 88 वर्षीय हिन्दू संत आशारामजी बापू 11 साल से जेल में हैं उनका स्वास्थ्य खराब होने के बाद भी एक दिन के लिए भी जमानत नहीं मिल पाई।

 

बता दे की देशभर में कोरोना फैलानेवाले मौलाना साद को जमानत मिल गई, देश के ‘टुकड़े’ करने का नारा लगाने वाले कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई, बलात्कार आरोपी बिशप फ्रेंको व तरुण तेजपाल को जमानत मिल गई, 65 गैर जमानती वारंट होने के बाद भी दिल्ली के इमाम बुखारी को आज तक अरेस्ट नहीं कर पाए, सोये हुए गरीबों को कुचलनेवाले सलमान खान को 1 घंटे में जमानत मिल गई, लेकिन भारतीय संस्कृति के उत्थान का कार्य करनेवाले 88 वर्षीय हिंदू संत आशारामजी बापू को 12 साल से आज तक न्यायालय जमानत नहीं दे पाया।

 

आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है जब उनके केस को पढ़ते हैं तो उसमें साफ है कि जिस समय की तथाकथित घटना आरोप लगाने वाली लड़की ने बताई है वह उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी जिसकी कॉल डिटेल भी है और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे, जहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे जिन्होंने गवाही भी दी है; मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोंच तक नहीं आने का प्रमाण है और एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है, केवल छेड़छाड़ का आरोप है।

 

आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फैक्स भी आया था, जिसमें भेजनेवाले ने साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नहीं तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।

 

बता दें कि स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व हिंदू संत आसाराम बापू ने किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शुरू करवाया, वैदिक गुरुकुल खोले, करोड़ों लोगों को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं और उन्हें जमानत हासिल नहीं हो पा रही है।

 

भारत में समाज, संस्कृति व राष्ट्र उत्थान के लिए कार्य करना गुनाह है- ऐसा जनता को लग रहा है, क्योंकि बड़े-बड़े अपराधियों को जमानत हासिल हो जाती है लेकिन कोई राष्ट्रहित के कार्य कर रहा है और उसपर षड्यंत्र के तहत जूठे आरोप लगे हैं फिर भी उनको बेल नहीं, जेल ही मिलती है। ऐसे कई उदाहरण हैं।

 

जनता की मांग है की हिंदू संत आशाराम बापू और आम जनता जिनके पास केस लड़ने के पैसे नही है उनको रिहा करना चाहिए।

 

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