IIT बॉम्बे में रामायण के नाम पर हिन्दू धर्म का किया बड़ा अपमान

20 April 2024

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राष्ट्र विरोधी के निशाने पर हमेशा हिंदू धर्म रहा है, लगातार हिंदू धर्म का अपमान किया जा रहा है पर अभी तक कोई सरकार ने ठोस कार्रवाई नही की ।

कभी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान तो कभी साधु-संतों का अपमान तो कभी हिंदू संस्कृति का मजाक तो कभी हिन्दू त्यौहार पर खिल्ली उड़ाना आदि अनेक तरीके फिल्मों, सीरियलों, विज्ञापनों , नाटिकाओं आदि द्वारा हिंदुओं की भावनाओ को आहत किया जा रहा है पर अभी तक इसपर कोई रोक नहीं लगा पाया।

 

IIT बॉम्बे में रामायण पर खेले जा रहे नाटक के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने का मामला सामने आया है। इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इससे पहले पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। दरअसल, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित IIT बॉम्बे में कल्चरल फेस्ट का आयोजन किया गया था। 31 मार्च को ‘परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल’ हुआ। ये रामायण पर आधारित था और इसमें भगवान राम की ही आलोचना की गई।

 

‘राहोवन’ नाम के इस नाटक में नारीवादी मुद्दों के नाम पर भगवान राम के किरदार से ही छेड़छाड़ की गई। पात्रों के नामों में हल्का बदलाव किया गया था। इसमें सीता कहती है, “स्वामी, ऐसी अवस्था में ये अकेली सुहागन अपना हृदय सँभाल किसके साथ करे?” इस पर सामने से राम का पात्र कहता है, “खोल”। ‘क्या’ का वो जवाब देता है – ‘संकोच’। एक अन्य दृश्य में राम से कहलवाया गया है, “तू किसी दूसरे कबीले में जा किसी दूसरे मर्द के यहाँ रह आई, इसीलिए ये कबीला तेरा स्वीकार वापस नहीं करेगा।”

 

इस पर सीता कहती है, “दूसरा मर्द, अरे बंदी थी मैं वहाँ?” इस पर राम आरोप लगाते हैं कि सीता ने कबीले की सीमा लाँघी, रेखा का उल्लंघन किया। राम से कहलवाया गया है, “तू कुछ नहीं कहेगी, सिर्फ मेरी सुनेगी।” फिर सीता कहती हैं, “मर्द होने निकला था तू, इंसान बनना भूल गया।” इस पर राम कहते हैं, “अब एक औरत समझाएगी मुझे कि मर्द बनना क्या होता है?” एक दृश्य में सीता कहती है, “एक अलग दुनिया है वहाँ। और अच्छा हुआ, अघोरा (रावण) मुझे वहाँ लेकर गया।”

 

सीता आगे कहती हैं, “वहाँ की औरतों को अच्छी प्रतिष्ठा मिलती है। उसने मुझसे खुद बोला कि मेरी अनुमति के बिना मुझे छुएगा भी नहीं। उसमें मुझे ऐसा मर्द दिखा जो मुझे इस कबीले में नहीं दिखा। तुमलोग जश्न मना रहे थे न कि दानव को मार दिया। असली दानव तो आपने आज तक मारा ही नहीं है।” रामायण पर नाटक के नाम पर आजकल हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का एक ट्रेंड सा आया हुआ है। इसमें पौराणिक पात्रों से कुछ भी कहलवा दिया जाता है।

 

हाल ही में पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी में ऐसे ही एक मामले को लेकर न सिर्फ आंतरिक जाँच समिति बनी है, बल्कि FIR भी दर्ज हुई है। HoD को भी जाँच पूरी होने तक हटाया गया है। सीता हरण वाले दृश्य में दिखाया गया कि माँ सीता रावण को गोमांस खाने के लिए दे रही हैं। इसमें सीता वाले किरदार से कहलवाया गया है, “मैं शादीशुदा हूँ, लेकिन हम दोस्त बन सकते हैं।” इसमें हनुमान जी की पूँछ को एंटीना के रूप में दिखाया गया। सीता को रावण के साथ नाचते हुए भी दिखाया गया।

 

मानवता के विरोधियों के निशाने पर हमेशा हिंदू धर्म रहा है, बॉलीवुड के जरिये हमेशा हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है।

 

हिंदुस्तानी इस षड्यंत्र को समझ गए हैं और कुछ हिंदुनिष्ठ लोग खुलकर विरोध भी करने लगे है।

 

जनता की मांग है कि सरकार को ऐसी फिल्मों , सीरियलों, नाटिकाओं ओर शो पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए।

 

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