
अंग्रेज़ो की यह साजिश थी जिससे 1अप्रैल को मूर्खता दिवस “अप्रैल फूल” का नाम दिया ताकि भारतीय संस्कृति मूर्खता भरी लगे ।

अब आप स्वयं सोचे कि आपको अप्रैल फूल मनाना चाहिए या अपनी हिन्दू संस्कृति का आदर करना चाहिए।

आइये जाने अप्रैल माह के आस पास ऐतिहासिक दिन और त्यौहार कितना महान है।

हिन्दुओं का पावन महिना इन दिनों से ही शुरू होता है (शुक्ल प्रतिपदा)

हिंदुओं के रीति -रिवाज़ सब इन दिनों में कलेण्डर के अनुसार बनाये जाते है।

महाराजा #विक्रमादित्य की काल गणना इन दिनों से ही शुरू होती है

भगवान श्री रामजी का अवतरण दिवस भी इन दिनों में आता है।

भगवान झूलेलाल, भगवान हनुमानजी, भगवान महावीर, भगवान स्वामीनारायण आदि का प्रागट्य दिवस भी इन दिनों में ही आता हैं ।

अंग्रेज ईसाई सदा से भारतीय सनातन संस्कृति के विरुद्ध थे इसलिए हिंदुओं के त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे । पर अब हिन्दू भी बिना सोचे समझे बहुत शान से अप्रैल फूल मना रहे है।

कुछ भारतवासी आज अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल मना रहे है।

भारतवासी अब “अप्रैल फूल” किसी को बनाकर गुलाम मानसिकता का सबूत ना दे ।

आज देश विरोधी ताकते हमारे महान भारत देश को तोड़ने के लिए अनेक सजिसे रच रहे है, जिसमे अधिकतर मीडिया, टीवी, फिल्मे, चलचित्रों, अखबार, नॉवेल, इंटरनेट आदि के माध्यम से भारतवासियों को अपने संस्कृति से दूर ले जाने का भरपूर प्रयास चल रहा है, लेकिन हम क्यों अपनी महान संस्कृति भूलकर अंग्रेजो की गुलामी वाली प्रथा अपना रहे है।

भारतीय आप सब से निवेदन है कि अपनी संस्कृति के अनुसार ही पर्व त्योहार मनाये अभी जितनी भी अंग्रेजो वाली प्रथायें है वे बन्द करे और भारतीय संस्कृति के अनुसार जो भी प्रथायें हैं उनको शुरू करें ।

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