09 January 2024
भारत में विधर्मी आक्रमणकारियों ने बड़ी संख्या में हिन्दू मन्दिरों का विध्वंस किया । स्वतन्त्रता के बाद भी तत्कालीन सरकारों ने मुस्लिम वोटों के लालच में मस्जिदों, मजारों आदि को बना रहने दिया ।
इनमें से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (अयोध्या), श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा) और काशी (विश्वनाथ मंदिर) के सीने पर बनी मस्जिदें सदा से हिन्दुओं को उद्वेलित करती रही हैं। इनमें से श्रीराम मंदिर के लिए विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अशोक सिंघल की अध्यक्षता और शिवसेना के बाला साहब की अध्यक्षता में देशव्यापी आन्दोलन किया गया, जिससे 6 दिसम्बर, 1992 को वह बाबरी ढाँचा धराशायी हुआ ।
श्री राम मंदिर कब तोड़ा गया?
मुस्लिम आक्रमणकारी बाबर 1527 में फरगना से भारत आया था, बाबर के आदेश से उसके सेनापति मीर बाकी ने 1528 ई. में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को गिराकर वहाँ एक मस्जिद बना दी थी । मंदिर तोड़ रहे थे उस समय इस्लामी आक्रमणकारियों से मंदिर को बचाने के लिए रामभक्तों ने 15 दिन तक लगातार संघर्ष किया, जिसके कारण आक्रांता मंदिर पर चढ़ाई न कर सके और अंत में मंदिर को तोपों से उड़ा दिया। इस संघर्ष में 1,36,000 रामभक्तों ने मंदिर रक्षा हेतु अपने जीवन की आहुति दी थी।
भगवान श्री रामजन्मभूमि मंदिर टूटने के बाद हिन्दू समाज एक दिन भी चुप नहीं बैठा। वह लगातार इस स्थान को पाने के लिए संघर्ष करता रहा ।
1528 से 1949 ईस्वी तक के कालखंड में श्रीरामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण हेतु 76 बार संघर्ष/युद्ध हुए। इस पवित्र स्थल हेतु श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, महारानी राज कुंवर तथा अन्य कई विभूतियों ने भी संघर्ष किया।
800 सालों के संघर्ष के बाद आज हिंदुओं को सफलता मिली है, अब अयोध्या में भव्य श्री रामजन्मभूमि मंदिर बन गया है,लेकिन आज भी हिंदुओं को सावधान रहना जरुरी है । क्योंकि विधर्मी लोगों को मंदिर रास नही आ रहा है इसलिए राम मन्दिर के साथ राम राज्य की भी स्थापना बहुत जल्द और बेहद ज़रूरी है।
Follow on
https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/
Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg
Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg
Telegram: https://t.me/ojasvihindustan
http://youtube.com/AzaadBharatOrg
Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ