
भारत देश का कानून अंग्रेज़ो द्वारा बनाया हुआ है जो आज भी चल रहे है जितना कानून बनाया है वे अंधा है और ऊपर से न्यायधीशो द्वारा भ्रष्टाचार फिर आम जनता को कहाँ से न्याय मिलेगा?

गुजरात में निचली न्यायपालिका के दो न्यायाधीशों को गुजरात हाईकोर्ट के सतर्कता प्रकोष्ठ ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत शुक्रवार (11/5/2018) को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों को साल
2014 में वापी अदालत में पदस्थापना के दौरान मामलों का निपटारा करने के लिए रुपये लेने के आरोप में पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया गया था।

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रैंक के दोनों न्यायाधीशों ए.डी. आचार्य और पी.डी. इनामदार को वलसाड कि एक अदालत ने शुक्रवार को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ये दोनों अनुकूल आदेश सुनाने के लिए रुपये के लेन-देन पर चर्चा करते हुए कथित तौर पर कैमरे में कैद किए गए थे।
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Arrested two judges who took decisions by taking money |

हाई कोर्ट कि सतर्कता पीठ ने वापी के वकील जगत पटेल कि शिकायत पर मामले में जांच शुरू की। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे भ्रष्टाचार में शामिल हैं। पहले निलबिंत किया फिर गिरफ्तार कर लिया ।

दोनों न्यायधीशों को तब निलंबित किया गया जब सतर्कता प्रकोष्ठ ने 10 अन्य के साथ उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की। इन लोगों में एक स्टेनोग्राफर बी.डी. श्रीमाली और एक क्लर्क बी.जी. प्रजापति और आठ वकील भी शामिल हैं जिन्होंने रिश्वत के जरिए कृपादृष्टि हासिल की।
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आपको बता दें कि ये कोई पहला मामला नही है जो रिश्वत लेते जज पकड़ा गया हो #आंध्र प्रदेश में भी एक #कोर्ट का #न्यायधीश
2012 में जनार्दन रेड्डी को जमानत देने के लिए #100 करोड़ कि #रिश्वत लेते पकड़ा गया था ।

हैदराबाद में अप्रैल
2018 को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता (एसीबी) के अधिकारियों ने एम टेक की पढ़ाई करने वाले एम दत्तु की जमानत मंजूर करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में प्रथम अपर मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश और दो अधिवक्ताओं को गिरफ्तार किया था ।
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ऐसे ही हाल ही में #सीबीआई ने दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में सीनियर सिविल #महिला जज रचना तिवार के घर पर छापेमारी कि थी जहाँ करीब 94 लाख #रुपये #कैश मिले थे ।

महिला जज रचना तिवारी ने अपनी #कोर्ट में लगे एक सिविल केस में विवादित #प्रॉपर्टी मामले में शिकायतकर्ता से उसके पक्ष में फैसले के लिए 20 लाख रुपये कि रिश्वत माँगी थी ।
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ये तो दो-तीन जज रिश्वत लेते पकड़े गए इसलिये उसको गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन ऐसे मामले तो कई हैं । देश के जजों में रिश्वतखोरी और #भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि अपराधियों को सजा और निर्दोषों को न्याय मिलना ही मुश्किल हो गया है ।

इसकी पुष्टि भी कई जज कर चुके हैं :

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश काटजू ने कहा था कि #भारतीय न्याय प्रणाली में 50% जज भ्रष्ट है ।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश संतोष हेगड़े भी सवाल उठा चुके है कि ‘धनी और प्रभावशाली’ तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं । #गरीबों के लिए कोई न्याय कि व्यवस्था नही है ।

कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व वरिष्ठ #न्यायधीश जस्टिस के एल मंजूनाथ ने कहा कि यहाँ सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए कोई स्थान नहीं है और इस देश में न्याय के लिए कोई जगह नहीं ।

इसलिये आज न्याय प्रणाली से देश कि जनता का भरोसा उठ गया है ।

देश में 2.78 लाख विचाराधीन कैदी है । इनमें से कई ऐसे हैं जो उस अपराध के लिए मुकर्रर सजा से ज्यादा समय जेलों में बिता चुके हैं ।

देश भर कि जिला न्यायलयों में 2.8 करोड़ मामले लंबित हैं ।

आरोप साबित होने पर भी कई बड़ी हस्तियाँ बाहर घूम रही है और अभी तक जिन पर आरोप साबित नही हुआ है वो जेल में है ।

क्योंकि या तो न्याय पाने वाले गरीब है या तो कट्टर हिंदूवादी है इसलिए उनको न्याय नही मिल पाता है ।

लालू प्रसाद यादव, तरुण तेजपाल, कन्हैया, सलमान खान, बाबू लाल नागर आदि कई हैं जिनके विरुद्ध पुख्ता सबूत होने पर भी आज बड़े मजे से बाहर घूम रहे हैं ।

लेकिन गौरक्षक सतीश कुमार, धनंजय देसाई, 82 वर्षीय संत आसारामजी बापू आदि हिंदुनिष्ठ जेल में बंद है उनको एक बार भी जमानत नही मिल पाई ।

इनको कोर्ट क्यो जमानत तक नही दे पा रही है ???

क्या ये हिन्दूनिष्ठ है इसलिए..???

क्या इन्होंने रिश्वत नही दी इसलिए..???

या इन्होंने धर्मान्तरण पर रोक लगाई इसलिए..???

क्या इन्होंने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया इसलिए..???

क्या इन्होंने विदेशी कंपनियों से लोहा लिया इसलिए…???

या इन्होंने हिन्दू संस्कृति के प्रति जनता में जागृति लायी इसलिए..???

जनता के मन में कई सवाल उठ रहे हैं इसलिए #न्याय प्रणाली को #भ्रष्ट मुक्त होकर निर्णय लेना होगा जिससे #निर्दोष बेवजह सजा भुगतने को मजबूर न हो ।

Official Azaad Bharat Links:

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Time to clean up the judiciary
Common man expects justice from Judiciary. But if judge for his vested interest favours one party and gives decision in favour of that, it is certainly injustice to other party.
How common man will believe on judicial system and expect Justice from Judiciary.
देश का नागरिक होने के नाते ये सुनकर बहुत अफसोस हुआ है।अगर न्यायपालिका जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था मे,जहाँ व्यक्ति के जिंदगी का फैसला होता है,वहाँ अगर भ्रष्टाचार इतना व्यापक हुआ तो कैसे न्याय होगा?
Nyaypalika hi anyay kre to nyay ki ummid kisse ki ja sakti hai Bharat me hindu sadhu sainto ke prati anyay ki had ho gai hai