अमेरिका व यूरोप में तनाव दूर करने के लिए फीस देकर गायों के गले लग रहे हैं

02 अगस्त 2019
 
मनुष्य के जीवन में देशी गाय माता का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है । गाय माता के दूध-दही-घी-मूत्र-गोबर से बने पंचगव्य से भयंकर बीमारियां भी ठीक हो जाती है, गाय के अंदर 33 करोड़ देवता का वास होता है, तभी तो भगवान श्री कृष्ण भी स्वयं गाय चराते थे, यहाँ तक बताया गया है कि गाय के गोबर से जहाँ लीपन किया जाता है वहाँ अगर परमाणु बम भी गिरे तो भी उसका असर नहीं होता है । गाय की उपयोगिता के बारे में कितना भी लिखें वो कम है ।

आज के समय में दुनिया में सबसे ज्यादा लोग तनाव के शिकार हैं। लोग तनाव से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन आप केवल गाय के साथ समय बिताकर और उसे गले लगाकर भी अपना तनाव दूर कर सकते हैं।
 
दरअसल, इस समय काउ कडलिंग अमेरिका में तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है। इसके अंतर्गत व्यक्ति गाय के साथ शांत माहौल में समय बिताता है और अपनी परेशानियों को भूल जाता है।
 
यूरोपियन देशों में काउ कडलिंग (गाय को लाड दुलार करना) के सेशन काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन अब अमेरिका में भी इसकी माँग बढ़ रही है। अब अमेरिकियों के लिए भी यह सुविधा न्यूयॉर्क में शुरू हो गई है। एक घंटे के लिए 75 डॉलर (लगभग 5200 रुपए) खर्च करने होंगे। इसके बाद व्यक्ति गाय के साथ शांत माहौल में रह सकता है, ताकि उनका तनाव दूर हो सके। इससे लोगों का तनाव दूर होगा।
 
अभी न्ययूॉर्क के 33 एकड़ में फैले माउंटेन हाउस फार्म में यह सुविधा शुरू हुई है। इस फार्म में पिछले 9 सालों से घोड़ों के साथ वेलनेस सेशन चल रहे थे, लेकिन काउ कडलिंग को अभी शुरू किया गया है। फार्म की मालकिन सुजन वूलर्स मूल रूप से नीदरलैंड्स की हैं। पति के साथ न्यूयॉर्क में फार्म चलाती हैं।
 
गाय के साथ समय बिताने के स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में जानने के बाद सुजन नीदरलैंड गईं और वहाँ से दो गाय लाईं। इसके बाद उन्होंने काउ कडलिंग सेशन की शुरुआत न्यूयॉर्क में कर दी।
 
दिन में एक या दो सेशन्स होते हैं:
 
स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड में स्ट्रेस दूर करने के लिए काउ कडलिंग सेशन्स होते हैं। वूलर्स बताती हैं, सच कहूं तो मैं नहीं जानती थी कि अमेरिका में काउ कडलिंग और इसके फायदों से लोग अंजान हैं। इसलिए मैं अपनी दो गायों बोनी और बेला को यहां ले आई। लोगों को डॉग और कैट थेरेपी के बारे में तो काफी पता है, लेकिन बड़े जानवरों से वे दूर ही रहते हैं।
 
गाय का शांत व्यवहार लोगों को रिलेक्स महसूस करवाता है। बस एक शांत माहौल में गाय के साथ रहकर उसके दिल की धड़कन को सुनें, आप अपनी सारी परेशानियां भूल जाएंगे। हमारे फार्म में दिन में काउ कडलिंग के दो सेशन ही होते हैं। स्त्रोत : भास्कर
 
विदेशों में गाय की महत्ता समझकर तनाव दूर करके लोग स्वस्थ रह रहे हैं और भारत में गौहत्या हो रही है कितना दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
आज जो हमारे देश मे भूकंप, बाढ़ आदि आते हैं, उसका कारण भी गौहत्या ही है, जब गाय की हत्या हो रही होती है, तब उसकी चीख जो निकलती है उससे पृथ्वी माता काँपने लगती है ।
 
शास्त्रों में लिखा है कि
भूकंप कहे गाइ की गाथा।
कांपे धरा त्रास अति जाता।
 
अर्थात जब गौमाता को कष्ट होता है, तभी पृथ्वी कांपती है अर्थात भूकम्प आता है ।
 
अथर्ववेद के अनुसार- गाय समृद्धि का मूल स्रोत व प्रचुरता की द्योतक है एवं सृष्टि के पोषण की स्रोत व जननी है । गाय माता में 33 करोड़ देवताओं का वास हैं ।
 
गाय को सताना घोर पाप है । उसकी हत्या से तो नर्क के द्वार खुल जाते हैं तथा करोड़ों जन्मों तक दुःख भोगना पड़ता है ।
 
“गौमय वसते लक्ष्मी” यह हमारी प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक संस्कृति का मूल-मंत्र रहा है ।
 
आज के वैज्ञानिक भी कहते हैं कि गाय ही एकमात्र ऐसा पवित्र प्राणी है जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है ।
 
रुसी वैज्ञानिक शिरोविच ने बताया है कि 1 चम्मच गौघृत जला कर हम 1 टन प्राणवायु प्राप्त कर सकते हैं ।
 
बता दें कि एलोपैथिक दवाओं, रसायनिक खादों, प्रदूषण आदि के कारण शरीर में एकत्रित विष गाय के दूध से ही नष्ट होता है ।
 
गौ माता का दूध,दही,गौ-मूत्र,गोबर आदि जीवन के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ वरदान स्वरुप है ।
 
अमेरिका कैंसर की दवा बनाने के लिए भारत से गौमूत्र आयात करता है और हम लोग पवित्र गौ-माता को कत्लखाने भेज देते हैं । ये उचित नहीं है ।
 
प्रत्येक हिन्दुस्तानी का यह परम् कर्तव्य है कि वो गौ-गीता और संतों का सम्मान करे । ऐसा करेंगे तभी हम देश को सही दिशा की ओर ले जा पाएंगे और देश को गुलाम होने से बचा पाएंगे ।
 
मोदी सरकार ने जैसे रातोंरात नोटबन्दी कर दी थी, वैसे ही रातोंरात घोषणा कर देनी चाहिए कि पूरे देश में गौहत्या बंद हो और गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करके गौहत्यारों को फांसी की सजा का प्रावधान कर देना चाहिए ।
 
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