देश-विदेश में 14 फरवरी को छाया रहा मातृ-पितृ पूजन दिवस

14 फरवरी 2022

azaadbharat.org

🚩जब भी 14 फरवरी निमित्त मातृ-पितृ पूजन की बात आती है तो सबकी जुबान पर एक ही नाम आता है- बापू आसारामजी का,
जिन्होंने इस अद्भुत पर्व की सौगात संपूर्ण विश्व को दी, जिसे आज विश्वपटल पर देश-विदेश की गणमान्य हस्तियों द्वारा सराहा जा रहा है।

सन 2006 से शुरू हुए इस पर्व ने आज समाज में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। ये पर्व न सिर्फ हिन्दू, बल्कि मुसलमान और ईसाई धर्म को मानने वाले भी बड़े उत्साह से मनाते देखे जा रहे हैं।

🚩कौन से माता-पिता चाहेंगे कि उनकी संतान चरित्रहीन हो???

किसी भी देश का युवावर्ग उस देश की रीढ़ की हड्डी होता है। पाश्चात्य कल्चर का अन्धानुकरण कर भारत का युवा चारित्रिक पतन की खाई में गिरता चला जा रहा था पर बापू आसारामजी की इस अनूठी मुहिम ने युवाओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और समाज में बढ़ती माता-पिता और बच्चों के बीच की दूरी को दूर किया।

इसलिए बापू आसारामजी द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल को हर धर्म, हर जाति द्वारा सराहा गया है।

विश्व के अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, कनाडा, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, इटली, इंग्लैंड आदि कई देशों में स्कूल, कॉलेज, वृद्धाश्रम, समाजसेवी संस्थाओं, घर, परिवार, मोहल्ले आदि में जगह-जगह पर मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया गया।

🚩माता-पिता अपने बच्चों सहित अपने-अपने क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ ये कार्यक्रम आयोजित किये गए वहाँ-वहाँ बड़ी संख्या में पधारे और एक नये उत्साह, नये संस्कार, एक नयी दिव्य अनुभूति और एक अनोखे हर्ष के साथ सबके मुखमंडल प्रफुल्लित हो उठे।

सच में जिन्होंने भी इस पर्व को मनाया, अपने माता-पिता की पूजा की, अपनी दिव्य संस्कृति को अपनाया, उनके जीवन में कुछ नया देखने को जरूर मिला।

पूजन में आये परिजनों का कहना था कि हम अपने बच्चों को इतने ऊँचे संस्कार देने का कभी सोच भी नहीं सकते थे, जिन महापुरुष ने इस संस्कारी दिवस की नींव रखी है, जो हमने यहाँ अनुभव किया, तो हमें नहीं लगता कि उन्होंने कुछ गलत किया होगा! यह सब देखकर तो अब हमारी भी तीव्र इच्छा होने लगी है बापूजी के दर्शन की। देशभर से कई युवा सेल्फी वीडियो बनाकर मातृ पितृ पूजन दिवस को अपना समर्थन दे रहे हैं।

🚩ग्राउंड लेवल से लेकर सोशल मीडिया तक बड़े जोरशोर से मातृ-पितृ पूजन दिवस की धूम मची है।

आज ट्विटर पर लाखों ट्वीट्स द्वारा लोग बापू आसारामजी की इस अनूठी पहल का स्वागत करते दिखे।

🚩देखा जाए तो वैलेंटाइन डे भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है; ये भी सच है कि वैलेंटाइन डे के पीछे बाजार की ताकत है। भारत की सभी समस्याओं का समाधान हिंदू धर्म की जड़ों में ही छिपा है; भारत जब पूरी तरह हिंदू राष्ट्र हो जाएगा तो फिर से महान हो जाएगा, इसके लिए सतयुग की तरफ देश को लौटाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

आज जहाँ एक ओर वैलेंटाइन डे का प्रभाव अंधाधुंध बढ़ता जा रहा है तथा इसके कुप्रभाव व दुष्परिणाम समाज के सामने प्रत्यक्ष हो रहे हैं- एड्स, नपुसंकता, दौर्बल्य जैसी गुप्त बीमारियों, छोटी उम्र में ही गर्भाधान (Teenage Pregnency), ऑपरेशन आदि का सामना समाज को करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बापू आसारामजी के करोड़ों समर्थकों द्वारा हर साल देशभर में सभी स्थानों पर ग्राउंड लेवल हो या सोशल मीडिया की सभी साइट्स, मातृ-पितृ पूजन दिवस का प्रचार जनवरी से ही शुरू हो जाता है।

🚩अनादिकाल से भारत के महान संत ही समाज की रक्षा करते आये हैं। समाज को संवारने का दैवीकार्य महान ब्रह्मवेत्ता तत्वज्ञ संतों द्वारा ही होता आया है।

जब-जब समाज कुकर्म और पाप की गहरी खाई में गर्क होने लगता है, अधर्म बढ़ने लगता है तो किसी न किसी महापुरुष को परमात्मा (ईश्वर) धरती पर प्रकटाते हैं या स्वयं भगवान् धरती पर अवतार लेते हैं और इस दिशाहीन समाज को एक नयी दिशा देकर, समाज को सुसंस्कारित कर, समाज में धर्म की स्थापना करते हैं जैसा कि भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है।

🚩महापुरुषों की गाथा सुज्ञ समाज अनंत काल तक गाता रहता है। ऐसे ही कई महापुरुष जैसे- संत कबीर, गुरु नानकजी, संत तुलसीदासजी, संत लीलाशाहजी महाराज, संत तुकारामजी, संत ज्ञानेश्वरजी, स्वामी विवेकानंदजी, स्वामी अखंडानन्दजी आदि महान संतों का यश आज भी जीवित है।

करोड़ों-अरबों लोग धरती पर आते हैं और यूँ ही चले जाते हैं लेकिन संतों का नाम, आदर, पूजन व यश अनंत काल तक मानवमात्र के हृदयों में अंकित रहता है।

ऐसे ही संत आज इस धरा पर हैं लेकिन बहिर्मुख व कृतघ्न समाज को दिखता कहाँ है!
कहाँ पहचान पाते हैं हम उन संतों को!!

गुरुनानक जैसे महान संतों को जेल डलवा दिया जाता है। दो बार तो गुरुनानकजी को भी जेल जाना पड़ा। संत कबीरजी जैसों को वेश्याओं द्वारा बदनाम करवाया जाता है। स्वामी नित्यानंदजी के ऊपर यौन शोषण का झूठा आरोप लगाया गया था। लेकिन उनकी पूजा आज भी होती है क्योंकि “धर्म की जय और अधर्म का नाश” ये प्राकृतिक सिद्धांत है।

🚩आज समाज को एक अद्भुत प्यारा सा पर्व देकर हिन्दू संत आसारामजी बापू ने सभी के दिलों पर राज किया है, सबको प्रेम दिया है, सभी को सन्मार्ग पर ले चलने का बड़ा महान कार्य किया है।

कई समाज के बुद्धिजीवी तो संत आसारामजी बापू के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं लेकिन भारत में ही विदेशी षड्यंत्र द्वारा ( क्रिश्चयन मिशनरीज, विदेशी कंपनियों के फंड से ) उन्हें जेल भिजवा दिया गया और समाज मूकदर्शक बनकर देखता रहा।

जहां आज का मानव बिना चमत्कार के किसी को नमस्कार नहीं करता, वहीं आज भी बापू आसारामजी के करोड़ों अनुयायी उनके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं।

बिना सत्य के बल के कोई करोड़ों के जनसमूह को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकता, इतना तो हर समझदार इंसान समझ सकता है।
उनकी सत्प्रेरणा से देश-विदेश में 14 फरवरी को माता-पिता का आदर-सत्कार, पूजन करके करोड़ों लोगों ने मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया।

🚩Official Links:👇🏻

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

🔺 facebook.com/ojaswihindustan

🔺 youtube.com/AzaadBharatOrg

🔺 twitter.com/AzaadBharatOrg

🔺.instagram.com/AzaadBharatOrg

🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Translate »