आशाराम बापू ने वास्तव में ऐसा क्या किया था, जिससे उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गयी…?

17 January 2024

https://azaadbharat.org 

आशाराम बापू ने ईसाई बना दिए गए लाखों हिंदू आदिवासियों की घर वापसी करवाई। करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बना दिया। सैंकड़ों गुरुकुल और 17000 से अधिक बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुसार संस्कारवान जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर अनेकों गौशालाएं खोल दी। वेलेंटाइन डे के दिन करोडों लोगों द्वारा मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया ।

विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी बन चुके थे और वे सनातन संस्कृति का वहाँ प्रचार करने लगे हैं। करोड़ों लोगों को व्यभिचारी से सदाचारी बना दिया उसके बाद उन करोडों लोगों ने व्यसन छोड़ दिये, सिनेमा में जाना छोड़ दिया बापूजी ने…

उनके अनुयाइयों ने क्लबों में जाना छोड़ दिया। ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे। स्वदेशी अपनाने लगे इसके कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अरबों-खरबों रुपयों का घाटा हुआ और ईसाई मिशनरियों की धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने लगीं। इन्हीं कारणों से पूरे सुनियोजित ढंग से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया।

बताया जाता है कि विदेशी कंपनियों को अरबों-खरबों का घाटा होने और धर्मान्तरण की दुकानें बंद होने के कारण हिन्दू धर्म विरोधी व राष्ट्र विरोधी ताकतों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा । डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी और सुदर्शन न्यूज़ चैनल के प्रधान सम्पादक सुरेश चव्हाणके जी ने बताया है कि इन दोनों ने ही आशाराम बापू को पहले ही बता दिया था कि आप जो धर्मान्तरण रोकने का कार्य कर रहे हैं, उसके कारण वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे देश में पल रहे विदेशी एजेंट्स के साथ सांठ-गांठ से आपको जेल भेजने की तैयारी कर रहा है… पर आशारामजी बापू ने कहा कि “देश व धर्म की रक्षा के लिए सूली पर चढ़ जाऊंगा लेकिन हिन्दू धर्म की हानि नहीं होने दूंगा।”

आपको बता दें कि उनके खिलाफ षडयंत्र तो 2004 से शुरू हो गया था और 2008 में उसने जोर पकड़ा। नतीजतन 2013 में झूठे केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

भारत के अस्तित्व को बचाने के लिए जितना कार्य आशाराम बापू ने किया है, उतना तो आज कोई करने का सोच भी नहीं सकता । देश-विदेश के लोगों को हिन्दू धर्म से न सिर्फ अवगत कराया बल्कि इसकी महानता से भी ओत-प्रोत किया और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया ।  https://youtu.be/wmswegtRqus

प्राणिमात्र के हितैषी नाम से जाने जाने वाले बापू आशारामजी का हृदय विशाल होने के साथ-साथ देश के कल्याण और मंगल के लिए द्रवीभूत भी रहता है । जब बापू आसारामजी ने देखा कि कई अत्याचारों से जूझ रहा भारत देश धीरे-धीरे अप्रत्यक्ष रूप से फिर से गुलाम बनाया जा रहा है और देशवासियों को भ्रष्ट कर अपनी संस्कृति से, अपनी प्रगति से दूर किया जा रहा है तब बापूजी ने ठाना कि देश से पतन-कारक विदेशी सभ्यता को निकाल फेंकना होगा और फिर उनके 60 सालों से अनवरत, अथक प्रयासों और सेवा प्रकल्पों द्वारा भारत-वासियों को मिली सही राह ।

आज बापू आशारामजी कारागृह में हैं तो सिर्फ इसी वजह से, क्योंकि उन्होंने 50 वर्षों से भी अधिक समय देश और समाज के उत्थान और रक्षा में लगा दिए । बापू आशारामजी की वजह से भारत बार-बार विदेशी षड्यंत्रों से बचा और करोड़ों देशवासियों की धर्म-परिवर्तन से रक्षा हुई। कई विदेशी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की दाल नहीं गली और भटकते हुए देशवासियों को सही दिशा मिली । बापूजी के द्वारा किये जाने वाले ये सारे देश मांगल्य के कार्य देश को फिर से गुलाम बनने से रोक रहे हैं इसलिए राष्ट्र-विरोधी ताकतों के इशारे पर कुछ स्वार्थी नेताओं ने बापू आशारामजी के खिलाफ षड्यंत्र रच के झूठे केस के जरिए उन्हें देश और समाज से दूर किया । https://youtu.be/j1cCIdlT50c

लेकिन वे स्वार्थी नेता समझते हैं कि बापू आशारामजी केवल एक शरीर हैं अब उन्हें कौन बताए कि जो करोड़ों हृदयों में वास करते हैं और जो सत्य के प्रतीक हैं वे सर्वव्याप्त हैं । जब इतने कुप्रचार के बाद भी सेवाएं और मंगल कार्य आदि आयोजन रुकने के बजाय और भी व्यापक हुए तब इन षड्यंत्रकारियों को मुंह की खानी पड़ी और इनके दलाल मीडिया की भी कई गलत और विरोधी खबरों के बावजूद, बापू आशारामजी के द्वारा हो रहे सेवाकार्यों पर आंच भी नहीं आयी । आखिर साँच को आंच नहीं और झूठ को पैर नहीं !

बापू आसारामजी का निर्मल पवित्र हृदय पहले भी सभी को लोकहित सेवा और आत्मज्ञान के प्रति प्रेरित कर रहा था और आज भी कर रहा है और वर्षों-वर्ष आगे भी प्रेरित करता रहेगा । 

भारत का स्वर्णिम इतिहास था उसका “विश्वगुरु” होना । हम सभी ने भारत देश का इतिहास पढ़ा है और भारत माता की महिमा की गाथाएं सुनी हुई हैं । इतिहास के पन्नो में भारत को विश्व गुरु यानी की विश्व को पढ़ाने वाला अथवा पूरी दुनिया का शिक्षक कहा जाता था क्योंकि भारत देश के ऋषि-मुनि संत आदि ज्ञानीजन और उनका विज्ञान और अर्थव्यवस्था, राजनीति और यहाँ के लोगों का ज्ञान इतना समृद्ध था कि पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी देश भारत के कायल थे । अब बापू आसारामजी की दूरदृष्टि के कारण और उनके अद्भुत अद्वैत अभियान के कारण भारत वास्तव में भीतर से बाहर तक विश्वगुरु बन कर रहेगा । 

राष्ट्र संस्कृति और समाज सेवा में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले आशाराम बापू को शीघ्र रिहा करना चाहिए ऐसी विश्व भर के सनातन प्रेमियों की मांग है।

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