17 December 2022
azaadbharat.org
🚩जिन्होंने भी अपना तन मन धन से राष्ट्र, समाज उत्थान और संस्कृति हित के कार्य किए है, उनके ऊपर अनेकों साजिसे रची गई हैं। यहां तक कि उनकी हत्या कर दी गई है और जिनकी हत्या नही कर पाए उनके ऊपर झूठे आरोप लगाकर, मीडिया द्वारा बदनाम करके जेल पहुंचाया गया और सालों से जेल में प्रताड़ित किया गया और उनके लिए तथाकथित राष्ट्रवादी लोग उन सच्चे राष्ट्रवादियों के लिए कोई आवाज नही उठाएंगे लेकिन जिन्होंने राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति विरोधी कार्य किये हैं उनको तो जमानत भी मिलेगी, मीडिया भी वाहवाही करेगी और राष्ट्रविरोधी गुट का समर्थन भी मिलेगा।
🚩सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा कि दंगों का दोषी फारूक 2004 से जेल में है। वह 17 साल जेल में रह चुका है। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए।
🚩साबरमती एक्स्प्रेस पर पत्थरबाजी करने का मामले में 31 लोगों को सजा सुनाई गई थी, जिनमें से एक फारूक भी शामिल है। बता दें कि 27 फरवरी 2002 को अयोध्या से तीर्थयात्रियों को लेकर आ रही साबरमती एक्सप्रेस के 4 डिब्बों में मुस्लिम भीड़ ने आग लगा दी थी, जिसमें 59 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। मरने वालों में बच्चे और महिलाएँ भी थीं। इस घटना के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे फैल गए थे।
🚩साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जलाने की घटना में 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर मुकदमा भी चलाया गया। हालाँकि, ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2011 में 63 आरोपितों को बरी कर दिया और 31 को दोषी ठहराया। इन 31 दोषियों में 11 को मौत की सजा और 20 को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
🚩दोषियों ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की और हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2017 में मौत की सजा पाए 11 दोषियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसके साथ ही आजीवन कारावास की सजा पाए 20 दोषियों की सजा को बरकरार रखा था। इस तरह सभी 31 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका अभी भी लंबित है।
🚩फारूक ने सु्प्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दी थी और साथ में दलील थी कि उसने जेल में 17 साल काट चुका है। ऐसे में उसे उसे जमानत दी जाए। फारूक की इस दलील को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने उसे जमानत दे दी।
🚩एल्गार परिषद माओवादी प्रकरण एवं भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी कथित सामाजिक कार्यकर्ता एवं अर्बन नकसल्स समूह के अहम सदस्यों में एक तलोजा जेल में बंद गौतम नवलखा को उसकी याचिका के आधार पर जेल से बाहर मुंबई में घर मे नजरबंद रहने की स्वीकृति प्रदान की है, नवलखा को यह राहत स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है।
🚩बता दें कि गौतम नवलखा को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद प्रकरण में भड़काऊ भाषण देने, हिंसा भड़काने एवं प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के लिए काम करते हुए देश के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष छेड़ने के आरोपों में 10 और लोगों के साथ वर्ष 2020 में गिरफ्तार किया गया था, इस संदर्भ में नवलखा के विरुद्ध यूएपीए एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
🚩इससे पहले दंगा भड़काने वाली सफूरा जरगर , संजय दत्त, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, वाड्रा, लालू यादव, तरुण तेजपाल, माल्या, सलमान खान, कन्हैया कुमार, उमर खालिद, इमाम बुखारी, बिशप मुक़व्वल फ्रेंको आदि नेता-अभिनेता, पत्रकार, धनी, अन्य पंथ के धर्मगुरु और राष्ट्रद्रोह आदि अपराधों में जमानत मिलती रही हैं।
🚩लेकिन वहीं साध्वी प्रज्ञा जी ठाकुर को 9 साल, डीजी वंजाराजी को 8 साल, स्वामी असीमानन्दजी को 8 साल, कर्नल पुरोहित 7 साल, केशवानन्दजी महाराज, शंकराचार्य आदि को सालों तक जेल में रखा गया, अमानवीय यातनाएं दी गई, लेकिन जमानत नही दी गई थी।
🚩ओडीशा में धर्मान्तरण का विरोध करने वाले दारा सिंह को सालो से जेल में रखा गया है, अपनी मां की अंतेष्टि करने के लिए भी पेरोल नही दी गई।
🚩जोधपुर जेल में 10 साल से बंद 86 वर्षीय निर्दोष हिंदू संत आशारामजी को 1 दिन की भी जमानत अथवा पेरोल नही दी गई इसके पीछे के कारण नीचे जानिए:-
🚩1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री, मकान, पैसे, दवाइयां आदि दी जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।
🚩2). कत्लखानों में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।
🚩3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।
🚩4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।
🚩5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया।
🚩6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया, पाकिस्तान में तो कराची में गाजी दरगाह में दोपहर की अजान के समय भी वे हरि कथा करते रहे।
🚩7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके “मातृ-पितृ पूजन दिवस” को प्रारम्भ करवाया।
🚩8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।
🚩9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया।
🚩10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा करोड़ों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया।
🚩11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाएं।
🚩12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के “शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी”, बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।
🚩ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।
🚩डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने तो यह भी बताया कि हिन्दू संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी की और करोड़ो लोगों को सनातन धर्म की तरफ ले आये इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गाँधी को कहकर झूठे केस में फँसाया गया। उनके आश्रम में फेक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो जेल जाने को तैयार रहो इससे साफ होता है कि उन पर अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र हुआ है।
🚩इससे साफ पता चलता है कि अर्नब नक्सल जैसे जो देश को तोड़ने की बात करते है, वे किसी भयंकर अपराध में गिरफ्तार हो भी जाये तो उनको जमानत मिल जाती है, क्योंकि उनके लिए आवाज उठाने के लिए राष्ट्रविरोधी लोग तुरंत इकट्ठे हो जाते है, मीडिया उनके पक्ष में बोलने लगती है, जबकि कोई राष्ट्रवादी षडयंत्र तहत जेल जाता है तो राष्ट्रवादी लोग आवाज नही उठाते है सोचते है कि हमारे पड़ोस में आग लगी है न हमारे घर मे तो नही आई है न लेकिन पडोस में लगी है तो आपके वहाँ भी आयेगी इसलिए सभी राष्ट्रवादी, हिन्दूनिष्ठ इक्कट्ठे होकर आवाज उठानी चाहिए तभी सभी बच पायेंगे नही तो एक के बाद एक कि बारी तय है।
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