22 सितंबर 2020
मीडिया के माध्यम से तो हिंदू धर्मगुरु संत आशाराम बापू के बारे में आपने काफी सुना होगा और आपको यह भी पता चला होगा कि मीडिया में जो बताया जाता है वो सब सच नही होता हैं, आजकल सोशल मीडिया का जमाना है उसमे इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की भी सच्चाई बाहर लाई जाती है।
आईपीएस अधिकारी उसमे भी देशभक्त हो तो कहना ही क्या और आईपीएस अधिकारी में भी बससे ज्यादा नाम चर्चा में रहा है तो डीजी वंजारा जी का और इनके बाद दूसरा नाम आता है उत्तर प्रदेश के पूर्व महानिदेशक सुव्रत त्रिपाठी जी का तो इन दोनों से जानते हैं कि क्या राय है आशारामजी बापू को लेकर।
आईपीएस अधिकारी रहे डीजी वंजारा जी ने बताया कि संत आसारामजी बापू के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ है वो केस झूठा है वो मैं पहले से ही कह चुका हूँ । इसका investigation भी झूठा है और इसका जो evidence कलेक्शन हुआ है, चार्जशीट कलेक्शन हुआ है वो भी झूठा है।
एक साजिश, एक conspiracy संत आसारामजी बापू के खिलाफ चल रही है। उस साजिश के अंतर्गत दूसरे केस दर्ज किये गए हैं और एक बहुत बड़ा अन्याय और अत्याचार हिंदुस्तान के महान स्तंभ संत के ऊपर हो रहा हैं। इस बात की मुझे बहुत पीड़ा है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व महानिदेशक सुव्रत त्रिपाठी जी ने ट्वीटर के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू केस में…
– FIR की वीडियो रिकॉर्डिंग को गायब कर दिया
– FIR और उसकी कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया
– रजिस्टर के कई पन्ने फाड़ें गए
– बर्थ सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र
– मेडिकल में नहीं मिला एक भी खरोंच का निशान*
क्या ये उनको फंसाने की साजिश नहीं..??
दूसरी ट्वीट के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई।
करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया।
वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को दिव्य संस्कार दिए।
कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।
वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया।
जोधपुर के डीसीपी रहे अजय पाल लांबा ने मीडिया में स्पष्ट बताया था कि आशारामजी बापू पर बलात्कार की कोई भी धारा नही लगी है। लड़की की FIR में बलात्कर का कोई उल्लेख नही है और न ही मेडिकल में कोई पुष्टि हुई है। केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि दिग्गज नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान में कई बार बताया कि मेरे को एक बार फ्लाइट में आसाराम बापू मिले उनसे मैंने बातचीत करते समय बताया कि आप जो धर्मांतरण रोकने का कार्य पुरजोर से कर रहे हैं ईससे आपके ऊपर वेटिकन सिटी बहुत नाराज है और वे लोग सोनिया गांधी को बोलकर आपको जेल भिजवाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन बापू आशारामजी निश्चित थे उन्होंने बोला कि भगवान जो करेगा अच्छा ही होगा। ये बात आसाराम बापू को जेल भेजने से पहले की हैं।
आपको बता दें कि जिस केस में हिंदू संत आशारामजी बापू को सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है लेकिन जब उनके केस पढ़ते है तो उसमें साफ है कि जिस समय आरोप लगाने वाली लड़की ने तथाकथित घटना बताई है उससे तो साफ होता है कि वो उस समय अपने मित्र से फोन पर बात कर थी उसकी कॉल डिटेल भी हैं और आशारामजी बापू एक कार्यक्रम में थे वहां पर 50-60 लोग भी मौजूद थे उन्होंने भी गवाही दी है और मेडिकल रिपोर्ट में भी लड़की को एक खरोच तक नही आई है और एफआईआर में भी बलात्कार का कोई उल्लेख नही है केवल छेड़छाड़ का आरोप है।
आपको ये भी बता दें कि बापू आशारामजी आश्रम में एक फेक्स भी आया था उसमें उन्होंने साफ लिखा था कि 50 करोड़ दो नही तो लड़की के केस में जेल जाने के लिए तैयार रहो।
बता दें कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के 100 साल बाद शिकागो में विश्व धर्मपरिषद में भारत का नेतृत्व किया था। बच्चों को भारतीय संस्कृति के दिव्य संस्कार देने के लिए देश में 17000 बाल संस्कार खोल दिये थे, वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया, क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन शूर करवाया, वैदिक गुरुकुल खोलें, करोड़ो लोगो को व्यसनमुक्त किया, ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं। इसके कारण आज वे जेल में हैं।
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