पाकिस्तान के गुरुद्वारे बूचड़खानों और कब्रिस्तानों में तबदील…

आख़िर चुप क्यों हैं खालिस्तानी !??

30 July 2023

🚩पाकिस्तान में सिखों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर खालिस्तानी समर्थक और आतंकवादी चुप्पी साधे हुए हैं। पाकिस्तान के गुरुद्वारों को इस हद तक अपवित्र कर दिया गया है कि उनकी इमारतों को बूचड़खानों और कब्रिस्तानों में बदल दिया गया है।

 

🚩हैरानी इस बात की है, कि खालिस्तानी समर्थकों और आतंकियों ने इस मामले पर न कभी बात की और न ही कभी कोई आपत्ति जताई। दरअसल, इन चंद खालिस्तानियों के असली आका आतंकी संगठन हैं और ये उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करते।

 

🚩सिखों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है पाक सरकार ।

पाकिस्तान में सिखों के उत्पीड़न पर ऐसी कई रिपोर्टें हैं, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार देश में केवल मुट्ठी भर गुरुद्वारों को बनाए रखकर सिखों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है। ऐसी सैकड़ों ऐतिहासिक महत्व की इमारतें हैं, जिन्हें तोड़ा और नष्ट किया जा रहा है। पाकिस्तान में स्थानीय प्रशासन सिख समुदाय के पूजा स्थलों को अपवित्र कर और उन पर अवैध कब्जा करके उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है, लेकिन भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले खालिस्तानी इस मुद्दे पर अपना मुंह और आंखें बंद कर लेते हैं।

 

🚩कब्रिस्तान व जानवरों के शेड बना दिए गए गुरुद्वारे

 

🚩दूसरा गुरुद्वारा किला साहिब है, जो गुरु हरगोबिंद सिंह जी की याद में बनाया गया था। यह जिला हफीजाबाद के गुरु नानकपुरा मोहल्ले में है। इन ऐतिहासिक गुरुद्वारों को या तो कब्रिस्तान या बूचड़खानों में बदल दिया गया है। स्थानीय सिखों ने कई बार स्थानीय पुलिस और निजी व्यक्तियों द्वारा अवैध अतिक्रमण के ऐसे मुद्दे उठाए हैं। इसके अलावा, कई तीर्थस्थलों को जानवरों के शेड के रूप में उपयोग करके अपवित्र किया गया है। पाकिस्तान में पंजाब के कसूर जिले के ललयानी शहर के दफातू गांव में स्थित गुरुद्वारा साहिब की हालत भी खराब है । इसी तरह पंजाब के साहीवाल जिले में गुरुद्वारा श्री टिब्बा नानकसर साहिब पाकपट्टन , धार्मिक स्थलों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार सरकारी संस्था इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) की लापरवाही के कारण खंडहर में तब्दील होने की कगार पर है, फिर भी खालिस्तानी चुप हैं।

 

🚩ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब को भी बना दिया बूचड़खाना

 

🚩रावलपिंडी के राजा बाजार में ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब का इस्तेमाल बूचड़खाने और मांस की दुकान के रूप में किया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के पास मांस की दुकानें लगती रही हैं। गुरुद्वारा परिसर में मांस की दुकानों के अलावा एक दर्जन से अधिक अन्य दुकानें भी संचालित की जा रही हैं। कहा जाता है, कि इस गुरुद्वारे का निर्माण 1876 में बाबा खेम सिंह बेदी ने करवाया था।

 

🚩पाकिस्तान में गुरुद्वारों की घोर उपेक्षा का एक और उदाहरण … गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा है। यह पंजाब प्रांत के गल्ला मंडी, साहीवाल में स्थित है। इमारत बहुत बड़ी है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने गुरुद्वारे पर कब्ज़ा कर लिया है और इसे सिटी पुलिस स्टेशन में बदल दिया है। पाकिस्तान के पेशावर में चरमपंथी मुसलमान सिखों पर अत्याचार कर रहे हैं। हाल ही में पेशावर के एक सिख परिवार ने खुलासा किया है कि वहां सिखों का कत्लेआम किया जा रहा है। सिखों पर लगातार हमले हो रहे हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी खालिस्तानी पाकिस्तान में सिखों के पक्ष में आवाज नहीं उठाते।

 

🚩पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले खालिस्तानी आतंकी चुप !!

 

🚩हाल ही में पाकिस्तान में बारिश के कारण ऐतिहासिक गुरुद्वारा रोरी साहिब का एक बड़ा हिस्सा स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण ढह गया। लाहौर से करीब 25 किमी की दूरी पर जाहमान गांव में स्थित यह गुरुद्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा के पास है। इस गुरुद्वारे के कुछ हिस्सों की हालत पहले से ही बहुत खराब थी और पिछले दिनों बारिश के कारण ये हिस्से ढह गए। हालांकि, पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले खालिस्तानी आतंकी इस पर चुप हैं । जबकि भारतीय सिखों ने ऐसी कई घटनाओं पर अपनी चिंता दर्ज कराई है। कई महत्वपूर्ण गुरुघर जर्जर हालत में हैं लेकिन पाकिस्तानी सरकार उनकी मरम्मत की जहमत तक नहीं उठाती। भारतीय सिख इस मुद्दे पर कई बार पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं, जबकि भारत के रोंगटे खड़े करने वाले खालिस्तानी आतंकवादी पाकिस्तान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।

🚩पाकिस्तान भी खालिस्तान बनने के पक्ष में नहीं !

गौरतलब है कि करीब 25 साल पहले एक दर्जन से ज्यादा नामी खालिस्तानी आतंकी और उनके संगठनों के 5 मुखिया भारत से भागकर पाकिस्तान चले गए थे । भारत सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक खालिस्तानी संगठनों के ये पांचों नेता पाकिस्तान के लाहौर में बसे हुए थे। पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकियों को ट्रेनिंग देता रहा है और भारत में माहौल खराब करने के लिए टेरर फंडिंग और हथियार भी मुहैया कराता है। यही कारण है कि खालिस्तान पाकिस्तान में सिखों के उत्पीड़न में हस्तक्षेप नहीं करता है। इनमें कई आतंकियों पर हत्या, अपहरण, बम ब्लास्ट और देशद्रोह के मामले दर्ज हैं। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान का मकसद विदेशों में खालिस्तानी एजेंडे को जिंदा रखना है हालांकि, पाकिस्तान भी खालिस्तान बनने के पक्ष में नहीं है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक वह खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकवादियों को भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए मजबूर कर रहा है।

 

🚩विदेश में रहने वाले कुछ सिख भाई जो अपने क्षणिक लाभ और राजनीतिक हितों के लिए अलगाववाद की जहरीली बेल को पोषित करने का प्रयास कर रहे हैं। वे यह न भूले कि विदेशों में भी मुस्लिम जनसंख्या दर आज भी सिखों,हिन्दुओं और ईसाईयों से बहुत अधिक हैं। मुस्लिम समाज न केवल संगठित है अपितु उसे क्या करना हैं, यह उसे भली प्रकार से बचपन से ही समझाया जाता है। इसलिए वे यह न समझे की उनका भविष्य सुरक्षित है। उनका भविष्य भी कोई सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान में जो आज सिखों और हिन्दुओं के साथ हो रहा है। आज से कुछ दशकों के बाद वही उनके साथ भी होगा। इसलिए अलगाववाद और विघटन का रास्ता छोड़कर हिन्दुओं के साथ मिलकर एकता और परस्पर सामंजस्य का रास्ता अपनाने में सभी का हित है ।

असल में तो सिख भी हिंदू ही हैं, बस पंथ अलग हो गया था, गुरु को ही ईश्वर और अपना सर्वेसर्वा माने , उनको सिख कहते है।

और देश में सदियों से ही मुगल आतंकियों व आताताइयों से लोहा लेने में हमारे सिख शूरवीरों ने बड़े-बड़े बलिदान दिए हैं।

 

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