16 अगस्त 2021
azaadbharat.org
भारतवासियों का टीवी, फिल्में, सीरियल, अखबार, पढ़ाई, झूठे इतिहास आदि द्वारा ऐसा ब्रेनवास कर दिया गया तहै कि जिन अंग्रेजों ने भारत को 200 साल गुलाम बनाकर रखा, देशवासियों को प्रताड़ित किया, देश की संपत्ति लूटकर ले गये उन ईसाई अंग्रेजों के नये साल पर बधाई दे रहे हैं, जश्न मना रहे हैं, लेकिन जिन क्रांतिकारियों ने इन अंग्रेजों को भगाने में और मुगलों की नींव समाप्त करने में अपने प्राणों की बलि दे दी तथा आज जिनके कारण हम इस देश में स्वतंत्र घूम रहे हैं- ऐसे योद्धाओं को भुला दिया।
हाल ही में अजय देवगन की ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ रिलीज हुई। इसमें उन्होंने भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक का किरदार निभाया है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज थे। इसमें बताया गया है कि कैसे भुज एयरपोर्ट के ध्वस्त होने के बाद स्थानीय महिलाओं की मदद से इसे बनाया गया था। अब अजय देवगन ने कहा है कि सही इतिहास को सामने लाना ज़रूरी है। हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर के भी उन्होंने उन्हें इस फिल्म की झलकियाँ दिखाई थीं।
BBC को दिए गए इंटरव्यू में अजय देवगन ने कहा कि भारत के असल इतिहास को सामने लाना ज़रूरी है, क्योंकि इसे दबा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा पीढ़ी को इसकी जानकारी होनी चाहिए कि देश किनके बलिदानों पर खड़ा है। उन्होंने भारत के नौजवानों को इन कहानियों को बताने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेज इतने साल रहे और उन्होंने इतिहास को दबाया क्योंकि लोगों को इतने बलिदानों के बारे में पता चलता तो वो बगावत पर उतर आते।
उन्होंने मुगलों के द्वारा भी भारत के इतिहास को दबाए जाने की बात करते हुए कहा कि उससे पहले हमारे राजाओं ने जो भी किया था, उसे छिपा दिया गया।
उन्होंने इस बात से आपत्ति जताई कि हमारी किताबों में हमारे देश से ज्यादा विदेशी शासकों के बारे में पढ़ाया जाता है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ये स्वाभाविक है कि जिसका शासन होता है इतिहास उसी हिसाब से लिखा जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि तानाजी के बारे में हमारे समय में सिर्फ आधा पन्ना पढ़ाया गया था।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को तानाजी के बारे में पता भी नहीं, क्योंकि उन्हें इतिहास की पुस्तक में ऐसा कुछ पढ़ाया ही नहीं गया। उन्होंने कहा कि कितने लोगों के बलिदान और निःस्वार्थ मेहनत से ये देश खड़ा हुआ है, आज़ादी मिली है– ये लोगों को पता चलना चाहिए, तभी वो इस स्वतंत्रता का सम्मान करेंगे।
विजय कार्णिक के किरदार पर उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्म में व्यक्ति की प्रतिष्ठा कहानी व परफॉर्मेंस में बनी रहनी चाहिए।
अजय देवगन ने कहा कि भारत के लोग ये तो जानते हैं कि अमेरिका में क्या हुआ था, लेकिन खुद के इतिहास के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की फ़िल्में बनाने से 2% भी बदलाव आता है तो ऐसा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों पर ‘अंधराष्ट्रीयता’ के आरोप लगते हैं, लेकिन देश के लिए लड़ने वालों ने बलिदान दिया है, उसे वास्तविक रूप में दिखाना ज़रूरी है।
‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ में अजय देवगन के अलावा संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फ़तेही और शरद केलकर ने भी अहम किरदार निभाए हैं। बता दें कि भारतीय वायुसेना के खिलाफ पाकिस्तान ने दिसंबर 1971 में ‘ऑपरेशन चंगेज खान’ लॉन्च किया था। 11 भारतीय एयरफील्ड्स पर बमबारी हुई थी। भुज में 14 दिनों में 34 बार किए गए हमले में 92 बम और 22 रॉकेट्स दागे गए थे। विजय कार्णिक ने कैसे दुश्मन को धूल चटाई, ये फिल्म इसीकी कहानी है।
देश का भविष्य आने वाले बच्चे होते हैं। अगर उनको गलत इतिहास पढ़ाया जाता है तो आगे चलकर देश के लिए रक्षक बनने की जगह देश के भक्षक बन जाते हैं। आजतक बच्चों को विदेशी अंग्रेज एवं मुगल बाबर, अकबर, औरंगजेब आदि आक्रमणकारी, क्रूर, लुटेरे, बलात्कारियों का इतिहास पढ़ाया जाता था जिसमें बच्चे उनसे वैसी ही प्रेरणा लेते थे जैसे उन्होंने शोषण के कार्य किये हैं लेकिन देश, धर्म के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले महापुरुषों का इतिहास नहीं पढ़ाया गया। आज देश की मांग है कि भारत का असली इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए।
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