लसोड़ा: भारतीय सुपरफूड और औषधीय गुणों से भरपूर फल

31 March 2025

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लसोड़ा: भारतीय सुपरफूड और औषधीय गुणों से भरपूर फल

 

प्रकृति ने हमें ऐसे कई अद्भुत फल और पौधे दिए हैं, जिनके गुण हमारे शरीर को न सिर्फ ताकतवर बनाते हैं, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाते हैं। इन्हीं में से एक है लसोड़ा, जिसे गोंदी, निसोरा या भारतीय चेरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा फल है, जो न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। भारत, चीन और अन्य कई देशों में यह पाया जाता है।

 

लसोड़ा का परिचय

 

लसोड़ा का वृक्ष बहुत बड़ा और घना होता है। इसके पत्ते चिकने और चमकदार होते हैं। इसके फल छोटे, गोल और सुपारी के आकार के होते हैं। कच्चे लसोड़े का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है, जबकि पके हुए लसोड़े मीठे होते हैं और इनमें चिपचिपा रस पाया जाता है, जो शरीर को ताकतवर बनाने में सहायक होता है।

 

गुजरात, राजस्थान और दक्षिण भारत में लोग इसे पान के विकल्प के रूप में भी उपयोग करते हैं, क्योंकि इसका स्वाद पान से मिलता-जुलता होता है। इस वृक्ष की लकड़ी मजबूत होती है और इसका उपयोग इमारती सामान, तख्ते और बंदूकों के कुंदे बनाने में किया जाता है।

 

लसोड़ा के स्वास्थ्य लाभ

 

शरीर को ताकतवर बनाता है

 

लसोड़ा को आयुर्वेद में शक्तिवर्धक फल माना गया है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर को ताकत प्रदान करता है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर में पहलवानों जैसी ताकत आ सकती है।

 

खून की कमी दूर करता है

 

लसोड़ा का सेवन शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में सहायक होता है। इसके पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाते हैं और शरीर में नई ऊर्जा भरते हैं।

 

गले के रोगों में लाभदायक

 

लसोड़ा की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करने से गले की खराश, टॉन्सिल और अन्य गले के संक्रमण ठीक हो जाते हैं। यह प्राकृतिक रूप से गले को आराम पहुंचाने वाला और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है।

 

दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद

 

लसोड़े की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन में राहत मिलती है। यह प्राकृतिक माउथवॉश की तरह काम करता है और मुंह की दुर्गंध को भी दूर करता है।

 

त्वचा रोगों में असरदार

 

▪️दाद: लसोड़ा के बीजों की मज्जा को पीसकर दाद पर लगाने से दाद खत्म हो जाता है।

▪️फोड़े-फुंसियों: लसोड़े के पत्तों की पोटली बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से फोड़े-फुंसियां जल्दी ठीक होती हैं।

 

पाचन तंत्र को मजबूत करता है

 

लसोड़ा पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। इसका नियमित सेवन गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या को दूर करता है।

 

जोड़ों के दर्द में राहत देता है

 

लसोड़ा में मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और जोड़ों के दर्द (अर्थराइटिस) और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

 

लसोड़ा का उपयोग कैसे करें?

 

कच्चे लसोड़े का साग – सब्जी के रूप में बनाकर सेवन किया जा सकता है।

अचार – इसका अचार बहुत स्वादिष्ट होता है और लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है।

काढ़ा – लसोड़े की छाल का काढ़ा गले और दांतों की समस्याओं के लिए उपयोगी है।

पत्तों की पेस्ट – त्वचा रोगों में राहत के लिए पत्तों की पेस्ट लगाई जा सकती है।

 

निष्कर्ष

 

लसोड़ा न केवल एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि यह एक प्राकृतिक औषधि भी है। यह शरीर को ताकतवर बनाता है, हड्डियों को मजबूत करता है, पाचन तंत्र सुधारता है और कई रोगों में कारगर साबित होता है। अगर आप अपने खानपान में लसोड़ा को शामिल करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

 

(नोट: लसोड़े का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।)

 

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