17 मार्च 2019
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(1.) स्वाति लिखती हैं कि प्राचीनकाल में होली प्राकृतिक रंगों से ही खेली जाती थी। जिससे स्वास्थ्यलाभ व आध्यात्मिक लाभ मिलता था और सात्विकता बढती थी।आइये हम सब मिलकर मनाएँ वैदिक तरीके से होली। #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/swati_ avhad/status/ 1107216165036654592?s=19
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(3.) मकरन्द लिखते हैं कि आजकल होली जैसे पवित्र त्यौहारों में भी लोग शराब इत्यादि का सेवन करते हैं और वही शराब बनाने में कई लीटर पानी भी बर्बाद होता है । उन्होंने आगे प्रधानमंत्री जी को टैग करते हुए लिखा कि मोदी जी आद्यौगिक स्तर पर हो रही पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए ताकि उस पानी का उपयोग वैदिक होली मनाने में किया जा सके ।
https://twitter.com/ makarandmsgs/status/ 1107221856480694272?s=19
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पानी की बचत..
रासायनिक रंगों से रहोगे दूर..
मिलेगा वर्ष भर स्वास्थ्य भरपूर!
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(7.) उज्ज्वला पलाश की महिमा बताते हुए लिखती हैं कि पलाश के फूलों से बना रंग शरीर की सप्तधातुओं को विकृत नहीं होने देता, उनमे संतुलन बनाये रखता है । #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/ UjwalaPPatil1/status/ 1107243694011219970?s=19
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(9.) संजू ने कहा कि होली त्यौहार है खुशियों काहोली त्यौहार है प्रेम और विश्वास का
इसमें रासायनिक रंगों की जहर न मिलाएं..
#IdealHoliVedicHoli
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केमिकल भरे रंगों से स्वास्थ्य चौपट हो जाता है ।
पूज्य #Bapuji कहते हैं केमिकल से बने रंगों का शरीर पर बहुत खतरनाक असर पड़ता है । इसके स्थान पर पलाश के फूल से अथवा प्राकृतिक फूलों से बने रंगों से होली खेलनी चाहिए ।
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(11.) दीपक कह रहे थे कि होली आने वाली है केमिकल रंगों से बचिए उसके बदले प्राकृतिक पलाश के फूलों से बना रंग का उपयोग कीजिये ये स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है पलाश के फूलों से बना रंग शरीर की सप्तधातुओं को विकृत नहीं होने देता, उनमे संतुलन बनाये रखता है । #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/deepak_ hariom/status/ 1107207488556793856?s=19
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ट्वीट्स को गौर से देखा तो पता चला कि अब से सालों पहले लोगों को कैमिकल रंगों के जहर से बचाने के लिए और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से हिंदू संत आसाराम बापू ने इस अनोखी होली की शुरुआत की ।
तीज त्यौहार नहीं केवल , जीने की रीति हो होली।
रसायनिक हानिकारक रंग नहीं , स्वास्थ्यवर्धक रंगों की हो होली।
रसायनिक हानिकारक रंग नहीं , स्वास्थ्यवर्धक रंगों की हो होली।
हल्की मान्यताओं के दहन , मंगल भावों के विकास का पर्व बने होली।
प्रेम रंग बरसे हर घर में , आओ मनाएँ ऐसी होली।।
प्रेम रंग बरसे हर घर में , आओ मनाएँ ऐसी होली।।
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