30 अक्टूबर 2021
azaadbharat.org
प्रकाश झा की वेबसीरीज आश्रम 3 के विरोध में अब विश्व हिन्दू परिषद ( विहिप ) भी उतर आई है। विहिप ने कड़े कानून और प्रकाश झा पर कार्रवाई की मांग की है । राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। शुक्रवार को क्षेत्रीय मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हिन्दू धर्म का अनादर किया जा रहा है।
आश्रम सनातन हिन्दू धर्म का शिक्षा स्थल है, जहां से राष्ट्र, व्यक्ति और समाज का निर्माण होता है। आश्रम वेबसीरीज में अश्लीलता परोसने के साथ आश्रम व संत को आपराधिक कामों में लिप्त बताया है। दूसरे धर्मों के प्रमुखों के भी आपराधिक कामों में लिप्त होने के खुलासे हुए हैं, लेकिन केवल हिन्दू धर्म के साथ षड्यंत्र कर वेबसीरीज बनाई जाती है।
वैसे तो ये कोई नई बात नहीं है कि बॉलीवुड द्वारा हिंदू विरोधी पहली फ़िल्म बनाई गयी है। यह सिलसिला पिछले कई दशकों से चल रहा है और समाज को सबसे ज्यादा अगर गुमराह किया तो वह बॉलीवुड ने किया है। बॉलीवुड ने समाज को क्या दिया है? शादी करती हुई लड़की को मंडप से उठा लेना, बलात्कार, चोरी, डकैती, अधनंगे कपड़े पहनना, मां-बाप को वृद्धाश्रम छोड़ देना, लव जिहाद को बढ़ावा देना, भारतीय संस्कृति को हीन बताना, साधु-संतों, देवी देवताओं, मदिरों और पंडितों का मजाक उड़ाना तथा पाश्चात्य संस्कृति को महान बताना- यही तो ये लोग करते आये हैं।
आश्रम वेब सीरीज फ़िल्म निर्माता प्रकाश झा ने बनाई है लेकिन उसके पीछे बड़ा रहस्य है। प्रकाश झा की इतनी हैसियत नहीं है कि वह करोड़ों रूपये की फ़िल्म बना ले, फिर करोड़ों रूपये खर्च करके उसका प्रोमोशन करे क्योंकि विज्ञापन से कुछ लाख रुपये ही आयेंगे लेकिन उसको जिस तरह प्रमोट किया जा रहा है उससे लग रहा है कि उसमें कई करोड़ रुपये खर्च किये हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं राष्ट्र व भारतीय संस्कृति को तोड़ने वाली ताकतें लगी हुई हैं क्योंकि “आश्रम” नाम पवित्र शब्द है, उसपर करोड़ों लोग श्रद्धा करते हैं, वहाँ पर जाकर शांति पाते हैं। इसके कारण धर्मांतरण कराने वाली मिशनरी और विदेशी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि साधु-संतों के प्रति श्रद्धा रखने वाले आश्रम में जाते हैं और वहाँ उनको भारतीय संस्कृति के अनुसार जीने का सही तरीका मिलता है फिर वे अपने धर्म के प्रति आस्थावान हो जाते हैं जिसके कारण वे ईसाई मिशनरियों के चंगुल में नहीं आते हैं औऱ वे विदेशी प्रोडक्ट भी नहीं खरीदते। इस कारण ईसाई मिशनरियों का जो लक्ष्य है- भारत में धर्मांतरण करके अपना वोटबैंक बढ़ाकर सत्ता हासिल करना, उसमें बाधा उत्पन्न होती है और विदेशी कंपनियों के सामान नहीं बिकने पर उनको अरबों-खरबों रूपये का घाटा होता है। इसके कारण ये लोग अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचकर हिंदुओं की आश्रम व साधु-संतों के प्रति आस्था को नष्ट करने के लिए साज़िशें रच रहे हैं और प्रकाश झा जैसे जयचंद गद्दारी करके अपने ही धर्म के खिलाफ फिल्में बनाते हैं।
देखा जाए तो चर्चों में बलात्कार के हजारों किस्से आ चुके हैं, मदरसों में भी यौन शोषण के कई किस्से आ चुके हैं पर अभी तक उस पर फ़िल्म कोई न बनाता है और न ही कोई हिम्मत करता है क्योंकि उसके लिए फंडिंग तो मिलेगी नहीं और ऊपर से कमलेश तिवारी की तरह हत्या हो जाएगी इसलिए वास्तव में जहाँ पर गड़बड़ी हो रही है उस पर वे ध्यान नहीं देते हैं। हिंदू सहिष्णु हैं और उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए भारी फंडिंग मिलती है इस कारण प्रकाश झा जैसे जयचंद हिंदू विरोधी फिल्में बनाते हैं।
सभी देशवासी ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करें और कानूनी कार्यवाही करें।
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