अर्बन नक्सल का मायाजाल खतरनाक, फस गए आप तो निकलना होगा मुश्किल

अर्बन नक्सल का मायाजाल खतरनाक, फस गए आप तो निकलना होगा मुश्किल

25 May 2024

Home

आज मिडिया, न्यायलय, राजनीति और विश्विद्यालय में अर्बन नक्सली प्रभावी हैं। वे एक झूठ का मायाजाल बन रहे हैं और सामान्य आदमी उस में फंस रहा है। आज के युग में जानकारी ही बचाव है । सामान्य हिन्दू का अज्ञान ही इनकी ताकत है। सुचना के स्रोत को ध्यान से देखिए। मिडिया द्वारा एक जनमानस बनाने की कोशिश हो रही है जो बताता है कि लव जेहाद काल्पनिक है। दलित उत्पीडन और मोब लिंचिग वास्तविक है।

वामपंथियों द्वारा इस तकनीक का बहुतायत में उपयोग किया गया है । भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो हिन्दुओं के एक बड़े वर्ग (जिसे आज कल छद्म सेक्युलर कहा जाता है) को आज वामपंथी यह यकीन दिलाने में सफल हुए हैं कि जो भी समस्या है वह हिन्दुओं द्वारा प्रदत्त है, बल्कि हिंदुत्व ही सारी समस्याओं की जड़ है । जब भी किसी लिबरल सेक्युलर हिन्दू के मन में आता कि इस्लामी आतंकवाद में कोई समस्या है तो फिर बाबरी मस्जिद के नाम पर कभी दंगों के नाम पर उनके मन में यह संदेह उत्पन्न करने की कोशिश की जाती कि “नहीं हम में ही कुछ ना कुछ खोट है” ।

कम्युनिष्ट शासन वाले देशों ने कभी भी इस्लामिक शरिया कानून को विचार लायक भी नहीं समझा। उनकी नजर में शरिया कानून ईश्वरीय कानून नहीं है। किसी भी मुस्लिम बहुल देश ने कम्युनिष्ट शासन पद्धति को नहीं माना। 90% मुस्लिम देशों में समाजवाद की बात करना भी अपराध है।
कम्युनिस्ट भारतीय राष्ट्रवाद के किसी भी शत्रु से सहकार्य करेंगे। भारतीयों को अब सोचना है। वक़्त ज्यादा नहीं है आज इस्‍लामिक आतंकवाद पर यदि कोई बोलना चाहता है तो सबसे पहले ये कम्‍युनिस्‍ट ही आतंकी को बचाने में सहायता करने आते हैं।

कुछ साल पहले कोच्चि में माकपा की बैठक में अनोखा नजारा देखने को मिला। मौलवी ने नमाज की अजान दी तो माकपा की बैठक में मध्यांतर की घोषणा कर दी गई। मुसलिम कार्यकर्ता बाहर निकले। रात को उन्हें रोजा तोड़ने के लिए पार्टी की तरफ से नाश्ता परोसा गया। यह बैठक वहां के रिजेंट होटल होल में हो रही थी।

कुछ साल हुए कन्नूर (केरल) से माकपा सांसद केपी अब्दुल्लाकुट्टी हज यात्रा पर गए। जब बात फैली तो सफाई दी कि अकादमिक वजहों से गए थे। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कोई भी नेता केपी अब्दुल्लाकुट्टी के खिलाफ बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।’मगर यह सफेद झूठ था क्योंकि उन्होंने उमरा भी कराया था। अकादमिक वजहों से जाने वाला उमरा जैसा धार्मिक कर्मकांड नहीं कराएगा। ( उमरा —-सउदी जाकर मजहबी कर्त्तव्य करने को उमरा कहते हैं जैसे ख़ास तरह के वस्त्र धारण करना, बाल कटवाना आदि }

वहीं जब पश्चिम बंगाल के खेल व परिवहन मंत्री सुभाष चक्रवर्ती तारापीठ मंदिर गए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने तो यहां तक कह दिया, ‘सुभाष चक्रवर्ती पागल हैं।

कम्युनिस्ट हिन्दुओं के मानबिन्दुओं का अपमान करने में ही सबसे आगे रहे हैं। इसलिए सीपीएम नेता कडकम्पल्ली सुरेंद्रन जब यह झूठ बोलते हैं कि ‘किसी भी संगठन द्वारा मंदिरों का इस्तेमाल हथियारों और शारीरिक प्रशिक्षण के लिए करना श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है।’ तब हिन्दुओं के खिलाफ किसी साजिश की बू आती है। जिन्होंने कभी हिन्दुओं की चिंता नहीं की, वे हिन्दुओं की आड़ लेकर राष्ट्रवादी विचारधारा पर प्रहार करना चाह रहे हैं।
सरकार की नीयत मंदिरों पर कब्जा जमाने की है। केरल की विधानसभा में एक विधेयक पेश किया गया है। इस विधेयक के पारित होने के बाद केरल के मंदिरों में जो भी नियुक्तियाँ होंगी, वह सब लोक सेवा आयोग (पीएससी) के जरिए होंगी। माकपा सरकार इस व्यवस्था के जरिए मंदिरों की संपत्ति और उनके प्रशासनिक नियंत्रण को अपने हाथ में रखना चाहती है। मंदिरों की देखरेख और प्रबंधन के लिए पूर्व से गठित देवास्वोम बोर्ड की ताकत को कम करना का भी षड्यंत्र माकपा सरकार कर रही है। माकपा सरकार ने देवास्वोम बोर्ड को ‘सफेद हाथी’ की संज्ञा दी है और इस बोर्ड को समाप्त करना ही उचित समझती है।

दरअसल, दो अलग-अलग कानूनों के जरिए माकपा सरकार ने हिंदू मंदिरों की संपत्ति पर कब्जा जमाने का षड्यंत्र रचा है। एक कानून के जरिए मंदिर के प्रबंधन को सरकार (माकपा) के नियंत्रण में लेना है और दूसरे कानून के जरिए मंदिरों से राष्ट्रवादि विचारधारा को दूर रखना है। ताकि जब कम्युनिस्ट मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग करें, तब उन्हें टोकने-रोकने वाला कोई उपस्थित न हो।

हमारे प्रगतिशील कामरेड वर्षों से भोपाल गैस कांड को लेकर अमेरिकी कंपनी तथा वहां के शासकों की निर्ममता के विरूध्द आग उगलते रहे हैं। लेकिन भोपाल गैस कांड के लिए दोषी यूनियन कार्बाइड की मातृ संस्था बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनी डाऊ केमिकल्स को हल्दिया-नंदीग्राम में केमिकल कारखाना लगाने के लिए बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार न्यौता दिया था। यह कैसा मजाक और दोहरा मानदंड है। आप भोपाल गैस कांड के लिए दोषी प्रबंधकों तथा पीड़ितों को मुआवजा न देने वाले लोगों को दंडित करवाने के बजाय उनकी आरती उतारने के लिए बेताब हैं।

सेक्युलरिज्म के नियम —

– अफजल गुरू, कसाब और मदानी जैसे आतंकवादियों के प्रति उदासीनता बरती जाए तब तो ऐसे लोग भी सेक्युलरवादी होते है परन्तु एमसी शर्मा के बलिदान का समर्थन किया जाए तो वे लोग साम्प्रदायिक बन जाते है।

एम.एफ. हुसैन सेक्युलर है परन्तु तस्लीमा नसरीन साम्प्रदायिक है, तभी तो उसे पश्चिम बंगाल के सेक्युलर राज्य से बाहर निकाल दिया गया।

इस्लाम का अपमान करने वाला डेनिश कार्टूनिस्ट तो साम्प्रदायिक है परन्तु हिन्दुत्व का अपमान करने वाले करूणानिधि को सेक्युलर माना जाता है।

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के बलिदान का उपहास उड़ाना सेक्युलरवादी होता है, दिल्ली पुलिस की मंशा पर सवाल खड़ा करना सेक्युलरवादी होता है, परन्तु एटीएस के स्टाइल पर सवाल खड़ा करना साम्प्रदायिकता के घेरे में आता है।

– राष्ट्र-विरोधी ‘सिमी’ सेक्युलर है तो राष्ट्रवादी रा.स्व.सं साम्प्रदायिक है।

– एमआईएम, पीडीपी, एयूडीएफ और आईयूएमएल जैसी विशुध्द मजहब-आधारित पार्टियां सेक्युलर है, परन्तु भाजपा साम्प्रदायिक है।

बांग्लादेशी आप्रवासियों, विशेष रूप से मुस्लिमों का और एयूडीएफ का समर्थन करना सेक्युलर है, परन्तु कश्मीरी पंडितों का समर्थन करना साम्प्रदायिक है

नंदीग्राम में 2000 एकड़ क्षेत्र में किसानों पर गोलियों की बरसात करना सेक्युलरिज्म है परन्तु अमरनाथ में 100 एकड़ की भूमि की मांग करना साम्प्रदायिक है।

मजहबी धर्मांतरण सेक्युलर है तो उनका पुन: धर्मांतरण करना साम्प्रदायिक होता है।

हिन्दू समुदाय के कल्याण की बात करना साम्प्रदायिक है तो उधर मुस्लिम तुष्टिकरण सेक्युलर है।कामरेडों का नमाज में भाग लेना, हज जाना और चर्च जाना तो सेक्युलरिज्म है परन्तु हिन्दूओं का मंदिरों में जाना या पूजा में भाग लेना साम्प्रदायिक है।
https://www.facebook.com/share/p/9rRUcS9QM1njFavs/?mibextid=oFDknk

पाठय-पुस्तकों में छत्रपति शिवाजी और गुरू गोविन्द सिंह जैसी धार्मिक नेताओं के प्रति अपशब्दावली का इस्तेमाल ‘डिटोक्सीफिकेशन’ या सेक्युलरिज्म माना जाता है और भारत सभ्यता का महिमामंडन साम्प्रदायिक कहा जाता है।

Follow on

Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/

Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg

Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg

Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan

http://youtube.com/AzaadBharatOrg

Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Translate »