आतंकवाद का हम विरोध करते है क्योंकि वे गलत कार्य कर रहे है लेकिन जो पूरे देश मे दिमक की नाइ ईसाई मिशनरियां काम कर ही है उसपर कोई ध्यान नही दे रहे है और ये लोग अंग्रेजो की तरह देश की सत्ता हासिल करने के लिए यह सब कर रहे है, ये लोग मीठा जहर है भोले भाले ओर लालची लोग इनके चंगुल में आ जाते है, वे लोग अपनी वोटबैंक मजबूत करते जाते है, इसपर किसी की नजर ही नही जा रही है, और जो साधु-संत अथवा हिन्दूनिष्ठ इसपर खुलकर विरोध करता है उसकी हत्या करवा दी जाती है अथवा उनपर झूठे केस लगाकर, मीडिया में बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जाता हैं।
आँध्र प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर मिशनरीज की हकीकत का खुलासा करने वाले YSRCP नेता रघु रामकृष्णा राजू ने खुलासा किया। उन्होंने प्रदेश की सच्चाई बताते हुए खुलेआम कहा कि सरकारी रिकॉर्ड में भले ही ईसाइयों की संख्या 2.5% है मगर, हकीकत में ये आँकड़ा 25% से कम नहीं है।
टाइम्स नाउ की डिबेट से शुरू हुए धर्मांतरण के मुद्दे पर एंकर पद्मजा जोशी ने जगन मोहन रेड्डी की सरकार में मंत्री राजू से इस मुद्दे पर आगे की जानकारी माँगी। हालाँकि पहले तो वह अपने पुराने ढर्रे का राग लापते दिखे कि कन्वर्जन सिर्फ़ आँध्र प्रदेश में नहीं पूरे देश में हो रहा है।
किंतु, जैसे ही पद्मजा जोशी ने कहा कि क्या वो पूरे देश की उन जगहों के बारे में मुख्यत: बता सकते हैं, जहाँ-जहाँ ये प्रक्रिया चालू है। तो, रघु रामकृष्णा राजू ने एक नया चौंकाने वाला आँकड़ा पेश कर दिया
उन्होंने कहा, “रिकॉर्ड के अनुसार हमारे राज्य में ईसाइयों का प्रतिशत 2.5% से कम है, लेकिन वास्तव में यह 25% से कम नहीं होगा।”
इस खुलासे को सुनकर पद्मजा ने उन्हें उनकी ईमानदारी के सराहा और आगे उनसे सवाल पूछा कि आखिर ये सब मुमकिन कैसे हुआ?
इस पर, YSRCP नेता ने बताया कि कुछ लोग ऐसे वर्ग से आते हैं, जिन्हें पहले से ही फायदा मिल रहा होता है। ऐसे में यदि वो ईसाई धर्म अपना लेते हैं, तो उन्हें वो फायदा मिलना बंद हो जाता है। यही कारण है कि लोग धर्मांतरण करते हैं, मगर उसका पंजीकरण नहीं करवाते।
जब उनसे पूछा जाता है कि वो अपने राज्य में होते धर्मांतरण करवाने वालों को रोकते क्यों नहीं है? उनकी सरकार इन सबके लिए कुछ करती क्यों नहीं हैं, तो वो इस मुद्दे को डायवर्ट करके दूसरे राज्यों की बातों को शुरू कर देते हैं।
उल्लेखनीय है कि ये पूरा विवाद 25 मई को टाइम्स नाऊ की एक डिबेट से शुरू हुआ था। उस डिबेट में YSRCP के सांसद रघु कृष्णा राजू ने इस बात को ऑन एयर शो में माना था कि आँध्र प्रदेश में धर्मांतरण की प्रक्रिया बहुत तेजी से चालू है। उन्होंने इस डिबेट में यह भी बताया था कि ये सब मिशनरी के जरिए होता है, जो मनी पावर का इस्तेमाल करके इन कामों को अंजाम देते हैं।
हालाँकि, जब उनसे पूछा गया कि सब जानते-समझते हुए उनकी सरकार क्या कर रही है? तो वो इस बात को कहते नजर आए कि इसमें वो क्या कर सकते हैं? ये सब तो पूरे देश में हो रहा है।
◆ सर्व इंडिया मिनिस्ट्री NGO का खुलासा
यहाँ गौर करने की बात है कि YSRCP नेता का ये बयान उस समय आया है। जब अभी हाल ही में तमिननाडु के कोयंबटूर के एक ईसाई एनजीओ सर्व इंडिया मिनिस्ट्री पर अवैध धर्मांतरण, हिंदुओं के ख़िलाफ़ हेट स्पीच और FCRA फ्रॉड जैसे आरोप लगे हैं। जिसका खुलासा लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर किया है।
LRPF ने अपनी शिकायत में एनजीओ प्रमुख इबेनेजर सैम्यूल के ख़िलाफ़ शिकायत की है। साथ ही एनजीओ पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है। इसके अलावा इस एनजीओ पर बड़े स्तर पर धर्मांतरण, जादू टोने, प्रलोबन आदि उपाय करने का इल्जाम भी लगाया गया है।
LRPF की जाँच से पता चलता है कि इबेनेजर के NGO को पिछले 10 वर्षों में एफसीआरए फंड के रूप में 48.92 करोड़ रुपए मिले हैं और ये फंड्स ज्यादातर यूएसए से नफरत फैलाने, दैवीय इलाज की कहानियों को बताने पर प्राप्त किए गए हैं, जो कि भारत में अवैध हैं।
ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, लीगल फोरम ने अपनी शिकायत में ये भी कहा कि इस संगठन द्वारा भारत में दिए टैक्स और अमेरिका में दिए टैक्स अलग अलग हैं। अपने पत्र में उन्होंने इस मामले संबंधी सभी जानकारियों का उल्लेख किया और टैक्स से जुड़े जरूरी कागजात भी लगाए।
इसके अलावा साल 2019 की एक वीडियो में हम इबेनेजर को यूएसए में बोलते हुए देख सकते हैं कि वो वहाँ के लोगों को बता रहे हैं कि वे हिंदुओं, मुस्लिमों, बौद्धों और विभिन्न अन्य धार्मिक समूहों के बीच चर्चों को शामिल करने में शामिल हैं।
यहाँ बता दें, कि बात सिर्फ़ धार्मिक स्थलों के बीच अपना धार्मिक स्थल स्थापित करने संबंधी नहीं है। इस एनजीओ के प्रमुख लगातार अपनी स्पीचों में कई बार इस बात का उल्लेख कर चुके हैं कि वो कैसे हिंदुओं को ईसाई बनाने के काम में अग्रसर हैं।
जानकारी के मुताबिक, सैम्यूल जैसे लोग जो इस प्रकार के एनजीओ से जुड़े हैं, वो उन हिंदुओं को मुख्यतः अपना निशाना बनाते हैं, जो गरीब हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे लोग इबेनेजर के चंगुल में फँस जाते हैं, क्यूँकि उन्हें झाँसा दिया जाता है कि अगर वह धर्म परिवर्तन करते हैं तो उनका ख्याल मिशनरी द्वारा रखा जाएगा
आप समझ गए होंगे कि विदेश से फंडिग द्वारा भोले भारतवासियों को कैसे ईसाई बनाया जा रहा है ये लोग अपने को महान ओर यहाँ के देवी-देवताओं और साधु-संतों को गालियां बोलते है जबकि उनके वहाँ पर कोरोना वायरस से 1000 से ज्यादा पादरी मर चुके है पर भारत मे कोई साधु-संत कोरोना से नही मरे कई पादरी, ओर फादर लोग ननों ओर बच्चियों का यौन शोषण भी करते है पर अपने को पवित्र बताते है। जनता की मांग है कि सरकार को चाहिए कि ऐसे ईसाई मिशनरियों पर और धर्मान्तरण पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए।