आपको बता दें कि 15 मार्च 2022 को जब रात के अंधेरे में राजस्थान में चुरू प्रशासन ने जेसीबी के मशीनों से सालासर बालाजी के मुख्य द्वार को गिरा दिया जबकि इस मुख्य द्वार पर सबसे उपर भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की मूर्ति भी लगी थी।
जिस राम मंदिर के लिए लाखों कार सेवको ने अपने प्राण आहुति दी थी,आज उन्हीं भगवान श्रीराम की मूर्ति से लगा हुआ द्वार (गेट ) आधी रात को तोड़ा जाता है।
जिस देश में द्वार की पूजा होती है और उसी देश में भगवान श्रीराम के द्वार को आधी रात को तोड़ा जाता है,हिन्दुओ की एकता का अभाव हैं, नही तो किसी की हिम्मत नही की वे भगवान श्रीराम के द्वार को तोड़ सके।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सोमवार को सालासर-सुजानगढ़ मार्ग पर ‘राम दरबार’ स्वागत द्वार तोड़े जाने के मुद्दे को सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि जिस कार्य के तहत द्वार को गिराया गया, वह केंद्र का विषय है इसलिए इस पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती,हद हो गई भगवान श्रीराम की सुनवाई इनका विषय नही!
आपको बता दें कि सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए रोड को चौड़ा किया जाना है और इसीलिए स्थानीय प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार की मदद से आधी रात जेसीबी मशीन के जरिए इस द्वार को ढहा दिया। अब सरकार के इस कदम से लोगों में नाराजगी है। कई हिंदूवादी संगठनों ने राम दरबार गिराए जाने का कड़ा विरोध किया है।
अगर यही घटना किसी चर्च या मस्जिद की होती तो अभी तक संसद में हंगामा हो जाता,पर मंदिर के द्वार की है तो सब ने इतनी बड़ी घटना को सहज में भुला दिया। जागों हिन्दू जागों!!! अभी भी समय है , सभी को एकजुट होने का।