26 जनवरी 2019
*भारतवर्ष के धर्म के आधार पर 1947 में बंटवारे के बाद हिंदुओं को यह लगा कि अब हम शांति से जीवन जियेंगे, लेकिन हिंदुस्तान में हिंदू आज भी भयभीत और परायापन से जी रहे हैं, सरकार की तरफ से हिंदुओं को कोई भी सुख-सुविधा नही दी जाती है और ऊपर से ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण साम-दाम-दण्ड से करने में लगे है दूसरी तरफ मुसलमान बलपूर्वक एवं लव जिहाद से हिंदुओं को नष्ट करना चाहते हैं और मीडिया, सेक्युलर, वामपंथी, नक्सलवादी उनका साथ दे रहे हैं।*
*आपको बता दें कि कभी सिर्फ हिंदुत्व की बात करने वाली शिवसेना ने महाराष्ट्र में सत्ता पाने के लिए भाजपा का साथ छोड धुर विरोधी और ‘सेकुलर’ पार्टियों कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। इसका परिणाम अब महाराष्ट्र में देखा जा सकता है। राज्य में ‘धर्मनिरपेक्ष’ सरकार बनने के बाद वहां के हिन्दुओं को प्रताड़ित होने के लिए छोड दिया गया है।*
*मुंबई के एमपी किन्नी हाउस बिल्डिंग में रह रहे हिंदू परिवारों को ईसाईयों द्वारा प्रताड़ित किया जाना इसका एक उदाहरण है। बिल्डिंग के हिन्दू परिवार काफी दुखी हैं। बहुसंख्यक ईसाई उन्हें पूजा नहीं करने देते हैं। जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के जुहू स्थित इस बिल्डिंग में केवल 6 हिंदू परिवार हैं। अन्य सभी निवासी ईसाई हैं। बिल्डिंग के ईसाइयों ने हिंदू परिवारों का जीना मुश्किल कर रखा है। उन्हें धमकियां दी जाती है, उनके पानी का कनेक्शन बंद कर दिया जाता है।*
*बिल्डिंग में रहने वाली एक हिंदू अल्पा बेली ने कहा कि, 6 महीना का एडवांस देने के बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। उन्हें पानी के बिना मरने के लिए छोड दिया जाता है। ईसाई परिवार उनके पानी का कनेक्शन काट देते हैं, क्योंकि वो लोग उधर से पूजा के लिए भी पानी भरते हैं। अल्पा बेली कहती हैं, “उन्हें (ईसाई परिवारों को) सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि हिन्दू परिवार पूजा करते हैं। उन्हें पसंद नहीं है कि हम अपने देवी- देवता को पूजें।”*
*इसी तरह अंजू टाटा का परिवार भी धमकियों से सहमा रहता है। उन्होंने कहा कि इमारत में हिंदू परिवारों को ईसाई परिवार द्वारा बहुत सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गालियाँ, धमकी और पानी का कनेक्शन बंद कर देना इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि वे अक्सर उनके घर का दरवाजा नॉक करके बाहर आने के लिए कहते हैं और मारने की धमकी देते हैं।*
*एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि ईसाई परिवार उन्हें परेशान करते हैं क्योंकि उन्हें हिंदुओं के पूजा से चिढ़ है, वो इसके खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि जब वे शंख बजाते हैं या पूजा के लिए अगरबत्ती जलाते हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न इस हद तक होता है कि अब हिंदू यहाँ से कहीं और चले जाने की सोच रहे हैं।*
*जब जी न्यूज के रिपोर्टर ने बिल्डिंग के केयरटेकर से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। केयरटेकर की बेटी ने दरवाजे पर खड़ी होकर कहा कि उनका इंटरव्यू लीजिए जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। आगे वह कहती है कि इसमें उनकी (केयरटेकर और ईसाई परिवार) कोई गलती नहीं है।*
*बताया जा रहा है कि हिंदू परिवार उत्पीड़न की शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।*
*वैसे यह पहली बार नहीं है, जब महाराष्ट्र से ऐसी कोई घटना सामने आई है। बीते साल अक्टूबर में फ़िल्म उद्योग से जुड़े मुंबई के मलाड पश्चिम के रहने वाले विश्व भानू ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी पीड़ा बताई थी। पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि दिवाली के मौक़े पर सोसायटी के लोगों (मुस्लिम) ने उन्हें और उनकी पत्नी को घर में दीये जलाकर रोशनी करने और रंगोली बनाने की अनुमति नहीं दी। सोसायटी के लोगों ने न सिर्फ उनके घर की लाइट्स भी तोड़ दी। स्त्रोत : OpIndia*
*केरल के कैथोलिक चर्च की निलंबित सिस्टर लूसी कलापुरा ने शनिवार को कहा कि, उन्हें चर्च में भूखा रखा गया ताकि अथॉरिटीज की ओर से खाना न देने के बाद मैं वहां से छोडकर चली जाऊं।*
*सिस्टर लूसी की पुस्तक में लिखा है कि पादरी और बिशप अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए ननों के साथ जबरदस्ती कर यौन सम्बन्ध बनाते हैं। वो इसके लिए कई ननों की जबरन सहमति भी लेते हैं।*
*सिस्टर लूसी ने लिखा कि कॉन्वेंट्स में जवान ननों को पादरियों के पास उनके ‘यौन सुख’ के लिए भेजा जाता था। वहाँ वो सभी ननें घंटों नंगी खड़ी रखी जाती थीं। वो लगातार गिड़गिड़ाती रहती थीं लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जाता था।*
*गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम आज तक इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान क्यों है । पूर्व झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबरदस्त विरोध किया । ईसाई दयालुता केवल तभी तक है जब तक कोई व्यक्ति ईसाई नहीं बनता ।*
*ईसाईयत मीठी जहर की तरह भारत मे कार्य कर रही है उनसे सावधन होने की आवश्यकता है जिस दिन हिंदू अल्पसंख्यक हो जायेंगे उसदिन न पूजा कर पाएंगे और न ही धर्म के कोई कार्य और ये लोग राष्ट्र तोड़ने के लिए धर्मान्तरण का खेल, खेल रहे हैं उससे सावधान रहें।*
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