सावधान- स्कूलों में किया जा रहा हिन्दू धर्म पर प्रहार और की जा रही धर्मांतरण की कोशिश!

17 जनवरी 2022

azaadbharat.org

🚩भारत में वोटबैंक बढ़ाने के लिए धर्मपरिवर्तन जोरों शोरों से करवाया जा रहा है, तरीके अलग-अलग होते आये हैं। उसके लिए विदेश से भारी मात्रा में फंडिंग भी मिलती है। ऐसा ही एक मामला सरकारी टीचर का सामने आया है।

🚩तेलंगाना में एक स्कूल के एक शिक्षक पर धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) के लिए प्रलोभन देने का मामला सामने आया है। मेलवार जिले के विकाराबाद में स्थित ZPHS सरकारी स्कूल के छात्र ने बताया कि उसके गणित के शिक्षक के. रत्नम उसे ईसाईयत (Christianity) में कन्वर्ट होने के लिए कह रहे हैं। साथ ही वो अमेरिका से गिफ्ट और पैसे मिलने का प्रलोभन भी दे रहे हैं। Legal Rights Protection Forum ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी है।

🚩इससे पहले कुछ छात्रों ने इस टीचर पर छात्रों के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया था। आरोप है कि मामूली बात पर यह टीचर दलित छात्रों को अन्य छात्रों के पैर छूने (माफी माँगने के लिए) के लिए कहता है। इतना ही नहीं, उनसे जातिगत भेदभाव करते हुए उन्हें पीटता है। इससे छात्र अपमानित महसूस करते हैं।

यही नहीं, मैथ का यह टीचर छात्रों को कक्षा की दीवारों से माँ सरस्वती की तस्वीरों को भी हटाने के लिए कहता है। इसके साथ ही वह अभद्र भाषा का भी प्रयोग करता है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 295-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन आईपीसी और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की अन्य धाराएँ जो इस अपराध से संबंधित हैं, उन्हें एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है। इस मामले में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) से हस्तक्षेप की माँग की गई है।

🚩बेंगलुरु के एक स्कूल में हिन्दू बच्ची को अल्लाह की इबादत करने को कहा-

इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दक्षिण भारत के कई राज्यों में इस तरह के मामले ​सामने आ चुके हैं, जब स्कूलों में शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रलोभन देकर, डरा धमकाकर इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने के लिए कहा गया। इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु के एक स्कूल में एक बच्ची को सजा देने के लिए उससे इस्लामी ढंग से प्रार्थना करवाई गई थी। कथित तौर पर ऑर्किड इंटरनेशनल स्कूल (Orchid International School) की मैथ टीचर ने छात्रा से एक सवाल हल न होने पर कहा कि वो अल्लाह की इबादत करे और इस बारे में किसी को कुछ न बताए।

🚩’मैं बाबरी हूँ’ का बैज बाँटता दिखा था एसडीपीआई का कार्यकर्ता-

इसके अलावा, ​दिसंबर 2021 में केरल के एक स्कूल में बच्चों को अपनी राजनीति में शामिल करने और उन्हें मजहब के नाम पर गुमराह करने का मामला सामने आया था। कोट्टंगल के चुंगप्पारा सेंट जॉर्ज स्कूल के बच्चों को एसडीपीआई (SDPI) का एक कथित कार्यकर्ता ‘मैं बाबरी हूँ’ का बैज बाँटता दिखा था। सोशल मीडिया पर उसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिसमें कार्यकर्ता बच्चों की शर्ट पर बैज लगाता हुआ भी दिख रहा था।

🚩इसी तरह बिहार के गया में केन्द्रीय विद्यालय की एक शिक्षिका द्वारा चौथी कक्षा के छात्र के बैग से श्रीमद्भगवत गीता और माला को कूड़ेदान में फेंकने और छात्र को कलमा पढ़वाने का मामला दिसंबर 2021 में सामने आया था।

मुस्लिम टीचर ने गीता कचरे में फेंका, शिकायत पर SP ने कहा था – किसी और स्कूल में नाम लिखवा लो… अब दबाव में FIR दर्ज

🚩डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा था, “मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है।”

🚩स्वामी विवेकानंद जी ने बताया था कि हिन्दू समाज में से कोई मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा।

🚩सभी हिंदुस्तानी सतर्क रहें, देश की सुरक्षा के लिए धर्मपरिवर्तन के खेल के चक्कर में नहीं आएं। देश सुरक्षित है तभी सभी देशवासी सुरक्षित हैं। केंद्र सरकार से भी अपील है कि धर्मपरिवर्तन पर रोक के लिए जल्द से जल्द कड़ा कानून बनाया जाए।

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