सनातन (हिन्दू) संस्कृति में भगवान व ऋषि-मुनियों ने ऐसी दिव्य व्यवस्था की है कि उसका पालन करके हर मनुष्य महेश्वर तक कि यात्रा कर सकता है, हर मनुष्य स्वस्थ, सुखी और सम्मानित जीवन जी सकता है।
मनुष्य मात्र का दुर्भाग्य ये रहा कि हर युग मे आसुरी शक्तियां भी उत्पन्न हुई और उन्होंने हमेशा सनातन (हिन्दू) संस्कृति को तोड़ने के काम किया जैसे कि सतयुग में बलि नाम का दैत्यराज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया था और खुद को ही भगवान मान लिया फिर भगवान ने वामन का अवतार लेकर उसका उद्धार किया, त्रेता युग मे राक्षस रावण उत्पन्न हुआ जिसको भगवान श्री राम ने परलोक भेज दिया, द्वापर युग मे कंस आया जिसका नाश भगवान श्री कृष्ण ने किया और आज कलयुग में तो मिशनरियां, विदेशी कंपनियां, वामपंथी, आतंकवादी, बॉलीवुड, मीडिया, भीम-मीम आदि दुष्ट प्रकृति के लोग सनातन (हिन्दू) संस्कृति का नाश करने में लगे हैं।
इतनी सारी दुष्ट शक्तियां लगी है फिर भी सनातन संस्कृति को मिटा नही सके, यही विशेषता है। उस महान संस्कृति के बारे में आप भी जानिए…
दो पक्ष – कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष!
तीन ऋण – देव ऋण, पितृ ऋण एवं ऋषि त्रण!
चार युग – सतयुग, त्रेता युग, द्वापरयुग एवं कलयुग!
चार धाम – द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथपूरी एवं रामेश्वरम धाम!
108 उपनिषद् – (१) ऋग्वेदीय — १० उपनिषद्, (२) शुक्ल यजुर्वेदीय — १९ उपनिषद्, (३) कृष्ण यजुर्वेदीय — ३२ उपनिषद्, (४) सामवेदीय — १६ उपनिषद्, (५) अथर्ववेदीय — ३१ उपनिषद्
वर्तमान में जो सनातन संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात को रोकने के लिए जो हिन्दू कार्यकर्ता या हिन्दू साधु-संत इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनको जेल भेज दिया जाता है या हत्या करवा दी जाती है।
एक तरफ ईसाई मिशनरियाँ और दूसरी ओर मुस्लिम देश मीडिया, बॉलीवुड, विदेशी कम्पनियों द्वारा दिन-रात हिंदुस्तान और पूरी दुनिया से हिन्दुओं को मिटाने में लगे हैं।
अभी भी समय है अपनी महान संस्कृति की महानता पहचाने एवं हिन्दू एक होकर हो रहे प्रहार को रोके तभी हिन्दू बच पायेंगे।हिन्दू बचेगा तभी सनातन संस्कृति भी बचेगी।
अगर सनातन संस्कृति नही बचेगी तो दुनिया में इंसानियत ही नही बचेगी क्योंकि हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने “वसुधैव कुटुम्बकम्” का वाक्य चरितार्थ करके दिखाया है।
प्राणिमात्र में ईश्वरत्व के दर्शन कर, सर्वोत्कृष्ट ज्ञान प्राप्त कर जीव में से शिवत्व को प्रगट करने की क्षमता अगर किसी संस्कृति में है तो वो है सनातन हिन्दू संस्कृति।
हिंदुओं की बहुलता वाले देश हिंदुस्तान में अगर आज हिन्दू पीड़ित है तो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की निष्क्रियता और अपनी महान संस्कृति की ओर विमुखता के कारण !!
ये सब देखकर भी हिन्दू कब तक चुपचाप बैठा रहेगा..???
जागरूक होने का अभी भी समय है। याद रखे “अगर अभी नही तो फिर कभी नही”