6 April 2019
आज कल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर व्यक्ति फास्ट फुड, जंक फुड, कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक जैसे आधुनिक आहार के आदि हो चुके हैं । एेसे लोगों की आंखे खोलनेवाला, यह शाेध महत्त्वपूर्ण है । आजकल यंग जेनरेशन को एनर्जी ड्रिंक पीना बहुत भाता है, उनका मानना है इसे पीने से बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है और वह पढ़ाई या पार्टी बिना थके कर लेते हैं, लेकिन ये बात गलत है क्योंकि #एनर्जी #ड्रिंक्स का #सेवन #मानसिक स्वास्थ्य #समस्याओं, #रक्तचाप, #मोटापा और #गुर्दे की क्षति समेत कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है ।
लंदन : अगर आप भी एनर्जी ड्रिंक पीते हैं, तो सावधान हो जाइए ! दरअसल, एक नए शोध से पता चलता है कि एनर्जी ड्रिंक से युवाओं में नकारात्मक दुष्प्रभाव हो सकते हैं । कनाडा के #ओंटारियो में वाटरलू #विश्वविद्यालय में किए गए शोध में कहा गया है कि ऐसे ड्रिंक्स की बिक्री 16 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को करना प्रतिबंधित किया जाना चाहिए ।
हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 12 से 24 वर्ष के 55 प्रतिशत बच्चों को एनर्जी ड्रिंक पीने के बाद स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या मिली थी । इनमें हार्ट रेट तेज होने के साथ ही दिल के दौरे जैसी बीमारियां शामिल थीं । शोधकर्ताओं ने 2,000 से अधिक युवाओं से पूछा कि वे रेड बुल या मॉन्सटर जैसे एनर्जी ड्रिंक को कितनी बार पीते हैं ।
शोधकर्ताओं ने कहा कि अन्य कैफीनयुक्त पेय की तुलना में जिस तरह से एनर्जी ड्रिंक का सेवन किया जाता है, उसे देखते हुए एनर्जी ड्रिंक अधिक खतरनाक हो सकते हैं । शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने एनर्जी ड्रिंक का सेवन किया था उनमें से 24.7 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि उनके दिल की धड़कन तेज हो गई थी ।
वहीं 24.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसे पीने के बाद उन्हें नींद नहीं आ रही थी । इसके अलावा 18.3 प्रतिशत लोगों ने सिरदर्द, 5.1 प्रतिशत ने मिचली, उल्टी या दस्त और 3.6 प्रतिशत लोगों ने छाती के दर्द का अनुभव किया । हालांकि, शोधकर्ताओं के बीच चिंता का कारण यह था कि इन युवाओं ने एक या दो एनर्जी ड्रिंक ही लिए थे फिर भी उन्हें ऐसे प्रतिकूल प्रभावों का अनुभव हो रहा था ।
अध्ययन के बारे में प्रोफेसर डेविड हैमोंड ने कहा कि फिलहाल ऊर्जा पेय खरीदनेवाले बच्चों पर कोई प्रतिबंध नहीं है । किराने की दुकानों में बिक्री के साथ ही बच्चों को टार्गेट करते हुए इसके विज्ञापन बनाए जाते हैं । उन्होंने कहा कि शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि इन उत्पादों के स्वास्थ्य प्रभावों की निगरानी बढ़ाने की जरूरत है ! स्त्रोत : नई दुनिया
एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है । अध्ययन में यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि अक्सर एनर्जी ड्रिंक्स को शराब के साथ लिया जा रहा है । अधिकांश #एनर्जी ड्रिंक्स के अवयवों में पानी, चीनी, कैफीन, कुछ विटामिन, खनिज और गैर-पोषक #उत्तेजक पदार्थ जैसे #गुआरना, #टॉरिन तथा #जिन्सेंग आदि #शामिल रहते हैं ।
एनर्जी ड्रिंक्स में लगभग 100 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औसत होता है, जो नियमित कॉफी की तुलना में आठ गुना अधिक होता है । कॉफी में 12 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औसत होता है । एनर्जी ड्रिंक्स में उपरोक्त सभी स्वास्थ्य जोखिम इसमें मौजूद चीनी और कैफीन की उच्च मात्रा के कारण होते हैं ।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्म श्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, एनर्जी ड्रिंक्स शरीर के लिए नुकसानदेह हैं । उनमें कैफीन की अधिक मात्रा होने से युवाओं एवं बूढ़े लोगों में हृदय ताल, #रक्त प्रवाह और #रक्तचाप की #समस्याएं हो सकती हैं । इन पेय पदार्थो में तौरीन नामक एक तत्व होता है, जो कैफीन के प्रभाव को बढ़ाता है । इसके अलावा, जो लोग शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक्स पीते हैं, वे इसके प्रभाव में अधिक शराब पी जाते हैं । एनर्जी ड्रिंक्स लेने से शराब पीने का पता नहीं लग पाता, जिस कारण से लोग अधिक पीने के लिए प्रेरित होते हैं ।
18 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं, कैफीन के प्रति संवेदनशील लोगों, ए.डी.एच.डी. के लिए निर्धारित दवा जैसे एडर आदि लेने वालों के लिए एनर्जी ड्रिंक्स खास तौर पर अधिक नुकसानदेह होते हैं ।
अमेरिका में हुए एनर्जी ड्रिंक से संबंधित एक सर्वेक्षण के अनुसार कैफीन लेने से दौरा पड़ने और सनक की समस्या होती है व कई बार तो मौत भी हो जाती है । अगर इसे आप सॉफ्ट ड्रिंक मानते हैं तो ये गलत है । एनर्जी ड्रिंक में मिली कैफीन सीधे दिमाग पर असर करती है, ऐसे में बच्चों का इसे पीने पर पाबंदी होनी चाहिए ।
एनर्जी ड्रिंक में 640 मिग्रा कैफीन:-
विशेषज्ञों के अनुसार, हाई एनर्जी ड्रिंक के एक कैन में अमूमन 13 चम्मच चीनी और दो कप कॉफी के बराबर की कैफीन होती है । इस मात्रा से आप खुद अनुमान लगा सकते हैं कि एक बर में इतनी सारी कैलोरी और कैफीन मानव शरीर और दिमाग के लिए खतरा पैदा करने के लिए काफी है । जबकि कई बार तो युवा एक दिन में 3-4 कैन एनर्जी ड्रिंक पी लेते हैं । इसमें लगभग 640 मिग्रा कैफीन की मात्रा होती है, जबकि एक वयस्क भी एक दिन में केवल 400 मिग्रा कैफीन ही अवशोषित कर सकता है ।
एनर्जी ड्रिंक के दुष्प्रभावों को जानना जरूरी है:-
1) कैफीन पर निर्भरता : यह बात सामान्य है कि कैफीन की मात्रा, एनर्जी ड्रिंक में मिली हुई होती है । एनर्जी ड्रिंक को पीने से पता नहीं चलता है कि हमारे शरीर में कैफीन की कितनी मात्रा पहुंचती है । एक बार अगर शरीर को कैफीन की लत लग गई तो अन्य समस्याएं भी खड़ी हो सकती है। इसलिए इसे न पीना ही बेहतर विकल्प है ।
2) नींद न आना : एनर्जी ड्रिंक को पीने से ज्यादा एनर्जी आने के कारण रात में भी नींद न आने की समस्या पैदा हो सकती है । शरीर और दिमाग थक जाते हैं लेकिन नींद नहीं आती है जिसके चलते उलझन होती है । जो लोग प्रतिदिन एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं, उन्हें ऐसी समस्या का सामना अक्सर झेलना पड़ता है ।
3) मूड पर प्रभाव : अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि एनर्जी ड्रिंक पीने से व्यक्ति के मूड पर प्रभाव पड़ता है और उसका मूड स्वींग होता रहता है । इसके सेवन से मस्तिष्क में सकारात्मक सोच उत्पन्न करने वाला सेरोटोनिन घट जाता है जिससे व्यक्ति को अवसाद हो जाता है या उसका मूड उखड़ा-उखड़ा रहता है।
4) शुगर बढ़ना : एनर्जी ड्रिंक में भरपूर मात्रा में शुगर मिली होती है । एक ड्रिंक में लगभग 13 चम्मच चीनी होती है जो शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा देती है जिससे कई प्रकार की गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता है । इसके सेवन से डिहाइड्रेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव, खराब दांत आदि होने की संभावना भी होती है।
5) अंगो पर तनाव : एनर्जी ड्रिंक के सेवन से शरीर के सभी अंगो पर स्ट्रेस पड़ता है क्योंकि वह थक जाते हैं और उन्हे आराम नहीं मिल पाता है । अगर आप शरीर को स्वस्थ और खुशहाल बनाना चाहते हैं तो एनर्जी ड्रिंक का सेवन न करें ।
एनर्जी ड्रिंक को हेल्दी ड्रिंक का विकल्प कभी न बनाएं और न ही इसे अपनी आदत बनाएं । इसकी जगह ताजे फल और फलों का जूस पीने से अधिक एनर्जी बढ़ती है और शरीर स्वस्थ्य रहता है ।
आज कल टीवी अखबारों, चलचित्रों, फिल्मों द्वारा पश्चिमी संस्कृति का महिमामंडन हो रहा है जिसके कारण आज बचपन से ही उनसे प्रभावित हो जाते हैं और अपने जीवन को निस्तेज कर देते हैं अतः आप ऐसी #पाश्चात्य #संस्कृति का #अंधानुकरण न #करें । ताजे फलों का रस, देशी गाय का दूध, घी, गौझरण आदि का उपयोग करके स्वस्थ्य, सुखी और सम्मानित जीवन जिएं ।
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