17 फरवरी 2019
भारत की मीडिया ऐसी है कि किसी भी हिंदुनिष्ठ या हिन्दू साधु-संत पर कोई भी यदि षड्यंत्र के तहत झूठा आरोप भी लगा दे तो उसको चौबीसों घण्टे इतना बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं मानो सृष्टि का प्रलय हो रहा हो, लेकिन जैसे ही किसी ईसाई या मुस्लिम धर्मगुरु पर आरोप सिद्ध भी हो जाता है तो उसपर मौन रहते है खबरों को छिपाने की पुरजोर कोशिश करते हैं ।
मीडिया इन खबरों को कितना भी छुपाए, लेकिन ईसाई धर्म के सर्वोच्च पोप ने सबके सामने स्वीकार किया है कि “कई पादरी(बिशप) बच्चे-बच्चियों और ननों का यौन शोषण करते हैं उसके लिए हम शर्मिंदा है ।”
वेटिकन के सर्वोच्च पोप ने भले स्वीकार कर लिया हो और रिपोर्ट के अनुसार हजारों पादरियों ने भले बलात्कार किये हो, लेकिन भारतीय मीडिया इसे नहीं मानेगी और ना ही इससे संबंधित खबर दिखाएगी क्योंकि उसे फंडिंग मिलती है ईसाई पादरियों के कुकर्मों की खबरें छुपाने की और हिन्दू धर्मगुरुओं के खिलाफ खबर छापने की ।
बता दें कि अभी हाल ही में एक पादरी को 60 साल की सजा सुनाई गई है पर 2-4 को छोड़कर किसी भी मीडिया चैनल में ये खबर नहीं । 2-4 मीडिया ने कवर किया है वे भी एकदम छोटा सा किसी कोने में जो पता ही न चले ।
आपको बता दें कि कन्नुर(केरल) में 16 फरवरी (आई.ए.एन.एस.) केरल के एक 51 वर्षीय कैथोलिक पादरी रोबिन वडक्कुमचेरी को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और यौन उत्पीड़न के तीन अलग-अलग मामलों में 60 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है । थालासेरी के न्यायाधीश पी.एन. विनोद ने वायनाड जिले के मनान्थवाडी डिओसिस के पादरी पर 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले (जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी) में 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है । लड़की ने 7 फरवरी 2017 को बच्चे को जन्म दिया था उसके बाद उसका डीएनए करवाया तो बच्चे और पादरी का एक ही था जिसके कारण 60 साल की सजा सुनाई है ।
ईसाई पादरी पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के अंतर्गत मामला चलाया गया था ।
आपको बता दें कि पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जिसमें पादरियों ने यौन शोषण करके छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर दी है, ऐसे हजारों मामले सामने आ चुके हैं पर मीडिया इस पर खबर दिखाने और बहस करने से परहेज कर रही है । मीडिया केवल निर्दोष पवित्र हिन्दू साधु-संतों को ही बदनाम करने में लगी रहती है क्योंकि उसका मकसद है भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ साधु-संतों के प्रति श्रद्धा नष्ट करके भारतीय संस्कृति को मिटाने का और इस कार्य के लिए उसको भारी फंडिग भी मिलती है ।
भारत में यही बलात्कारी पादरी भोले-भाले हिंदूओं का धर्मान्तरण करवाते हैं, हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां देते हैं । अब समय आ गया है इनको सबक सिखाने का, सभी इनका बहिष्कार करें ।
गांधीजी कहा करते थे….
“हमें गौमांस भक्षण और शराब पीने की छूट देने वाला ईसाई धर्म नहीं चाहिए । धर्म परिवर्तन वह ज़हर है जो सत्य और व्यक्ति की जड़ों को खोखला कर देता है । मिशनरियों के प्रभाव से हिन्दु परिवार का विदेशी भाषा, वेशभूषा,रिति रिवाज़ के द्वारा विघटन हुआ है । यदि मुझे क़ानून बनाने का अधिकार होता तो मैं धर्म परिवर्तन बंद करवा देता । इसे तो मिशनरियों ने व्यापार बना लिया है पर धर्म आत्मा की उन्नति का विषय है । इसे रोटी, कपड़ा या दवाई के बदले में बेचा या बदला नहीं जा सकता ।”
हिन्दू समाज से एक हिन्दू, मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा । -स्वामी विवेकानन्द
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