27 मई 2019
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राष्ट्र व धर्म के लिए जो भी व्यक्ति आगे आकर कार्य करेगा उसके पीछे कुछ असामाजिक तत्व पड़ जाते हैं क्योंकि उनको राष्ट्र और धर्म के हित के कार्य अच्छे नहीं लगते हैं । जैसे उल्लू सूर्य के अस्तित्व को नकार देता है क्योंकि वो उसे देख नहीं सकता, वैसे ही सनातन धर्म के लिए जो कार्य करेंगे उनके पीछे दुष्ट प्रकृति के लोग पड़ ही जाते हैं ।
आपको बता दें कि चुनाव का परिणाम आने से पहले एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी को पूछा था कि चीफ जस्टिस पर जो आरोप लगे हैं उसपर आपका क्या कहना है तो उन्होंने बताया था कि जो भी बड़े लोग हैं उनको फंसाने के लिए विदेश से भारी मात्रा में फंडिग आती है । इससे साफ सिद्ध होता है कि जो भी देश या धर्म के लिए कार्य करेगा उसको फँसाया जाएगा ।
हिंदू धर्म के लिए कार्य करने वाली सनातन संस्था को मिटाने के लिए विधर्मी अनेक प्रयास कर रहे हैं, यही कारण है कि सनातन संस्था के धर्मनिष्ठ लोग प्रताड़ित किये जा रहे हैं ।
आपको बता दें कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सीबीआई ने हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सचिव अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर और परिषद के सूचना अधिकार कार्यकर्ता श्री विक्रम भावे को बंदी बनाया गया है ।
सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने बताया कि इस प्रकार से धर्मनिष्ठ लोगों को बंदी बनाना यह निंदनीय है । इस कृत्य की हम कड़ी निंदा करते हैं । केंद्र में हिन्दुत्वनिष्ठ शासन होने पर भी अधिवक्ता पुनाळेकर और श्री विक्रम भावे को बंदी बनाने के पीछे कोई षड्यंत्रकारी, धर्मविरोधी शक्ति कार्य कर रही है ।
आगे बताया कि सनातन संस्था पर दबाव डालने की आधुनिकतावादियों की मांग के आगे सीबीआई झुक गई है । जिन्होंने मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण में भगवा आतंकवाद की असत्यता सिद्ध की, जिन्होंने समाज के हित में अनेक याचिकाएं दर्ज की, उन अधिवक्ता पुनाळेकर को बंदी बनाना गंभीर बात है । समाज, राष्ट्र और धर्म की निःस्वार्थ सेवा करनेवाले अधिवक्ता पुनाळेकर निर्दोष हैं, यह हमारी भावना है । अधिवक्ता पुनाळेकरजी का देश के सभी समाजसेवकों, देशभक्तों और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा अधिवक्ताआें ने समर्थन किया है ।
बता दें कि दाभोलकर की हत्या प्रकरण में पहले डॉ. वीरेंद्रसिंह तावड़े को बंदी बनाया गया था उसका विरोध हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता श्री संजीव पुनाळेकरजी ने विधर्मियों का बुरखा फाड़ते हुए कहा था कि, ‘अंनिस के डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के न्यास ने अनेक वर्षों से शासन को अपना आयकर प्रस्तुत नहीं किया है । अंनिस के न्यास द्वारा अवैधानिक रूप से विदेश से धन एकत्रित कर उससे चारपहिया वाहन खरीदे गए थे ।
डॉ. दाभोलकर को अंतिम छः मास में यह निश्चित ज्ञात था कि उन्हें कारावास भोगना पड़ सकता है । यदि डॉ. दाभोलकर के वास्तविक हत्यारे मिल जाते हैं, तो ‘परिवर्तन न्यास’ के 4-5 करोड़ रुपये दाभोलकर परिवार को नहीं मिलेंगे ।
इसलिए दाभोलकर परिवार प्रभावी रूप से हिन्दू धर्मप्रसार करनेवाली सनातन संस्था को लक्ष्य बनाकर वास्तविक हत्यारों को छिपा रहा है ।
परिणामस्वरूप धर्म का कार्य करने से जिन्हें हानि होने वाली है, जो भ्रष्टाचार नहीं कर पाएंगे, ऐसे लोगों ने ही मिलकर सनातन के विरोध में षड्यंत्र रचा है ।
श्री पुनाळेकर बोले थे कि पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के घोटाले हमने बाहर निकाले हैं । उसका प्रतिशोध लेने के लिए सनातन के विरोध में षड्यंत्र चल रहा है ।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अंधेरे में रखकर सीबीआई यह सम्पूर्ण षड्यंत्र रच रही है, ऐसा आरोप भी पुनाळेकर ने उस समय लगाया था ।
हमारे देश में आतंकवादीयों की पैरवी करने वाले वकील माजिद मेमन बन जाते है, राज्यसभा के सांसद और हिंदुओं के लिए लड़ने वाले को हो रही है जेल ।
एक के बाद एक हिंदुत्व का कार्य करने वाले हिंदुनिष्ठ लोगों को टारगेट किया जा रहा है यह देश के लिए शुभ नहीं है । इस षड्यंत्रों को रोकने के लिए देशवासियों को आगे आना चाहिए ।
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