01 फरवरी 2020
भारत मे वेलेंटाइन डे के कारण युवक-युवतियों को अत्यधिक नुकसान हो रहा है जिसके कारण कई सम्मानीय और सुप्रतिष्ठित हस्तियों ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का ऐलान किया है ।
आइये जानते हैं, क्या कह रही हैं सुप्रतिष्ठित हस्तियां…
सांस्कृतिक उत्थान के लिए ‘वैलेंटाइन डे को ‘माता-पिता पूजन दिवस’ में बदलने जैसे प्रयास निरंतर हों । – अभिनेत्री भाग्यश्री
मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाना बहुत ही अच्छा है । मैं जो बन पाया, वह माता-पिता का आशीर्वाद और गुरु की कृपा रही मुझ पर, उसी की बदौलत है । – गोविंदा, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता
“मातृ-पितृ पूजन दिवस निश्चित तौर पर बहुत ही अच्छी बात है।” मुख्तार अब्बास नकवी, भा.ज.पा.
“हम लोग ʹमातृ-पितृ-पूजन दिवसʹ मनायें तो यह दिवस एक महाकुम्भ बनकर हमारे घर में हमेशा-हमेशा के लिए विराजमान हो जायेगा।” – श्री देवकीनंदन ठाकुर जी
मैं हर बच्चे को कहना चाहूँगा कि 14 फरवरी के दिन ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ का अनुसरण कीजिये और धीरे-धीरे वेलेंटाइन डे को विदा कर दीजिये ।-श्री मुकेश खन्ना, (धारावाहिक महाभारत के भीष्म पितामह तथा शक्तिमान धारावाहिक के शक्तिमान)
माता-पिता के पूजन का सही रास्ता दिखा के संत आसारामजी बापू ने हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाया है और इस अभियान को पूरे विश्व में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई । -जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरिजी, जूना अखाडा
आनेवाले समय में संत आसाराम बापू का यह मातृ-पितृ पूजन दिवस जो क्रांति का शंखनाद है, यह इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ बनेगा । – श्री चिन्मय बापू महाराज, अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथाकार
संत आसारामजी बापू ने पिछले कई वर्षों से ‘वेलेंटाइन डे को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाना शुरू किया तबसे तमाम महँगे-महँगे गिफ्ट्स, ग्रीटिंग कार्ड्स बेचनेवाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के व्यापार पर अरबों रूपये का घाटा हुआ इसलिए बापूजी पर षड्यंत्र हो रहा है । – श्री सुरेश चव्हाणके, सुदर्शन चैनल
श्री आसारामजी बापू का जो यह कार्य है, वह स्तुत्य है, सुंदर है और संस्कृति-रक्षा के लिए है । हमें संस्कृति रक्षार्थ मातृ-पितृ पूजन दिवस को घर-घर मनाना है । – श्री रामगिरिजी महाराज, महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा
14 फरवरी, जो हम लोगों के लिए एक कलंक बनता जा रहा है, उसी कलंक को तिलक-टीका बनाकर हम वह दिन ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनायेंगे । – बाल योगेश्वर श्री रामबालकदासजी महात्यागी
“मातृ-पितृ पूजन दिवस” समूचे हिन्दुस्तान में नये इतिहास का सृजन करेगा।” – जैन समाज के आचार्य युवा लोकेश मुनिश्रीजी
मुझे पूरा विश्वास है कि बापूजी हमें एक नयी दिशा दिखा रहे हैं ।- महामंडलेश्वर स्वामी देवेन्द्रानंदजी गिरि, राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति
गाँव-गाँव, गली-गली में मातृ-पितृ पूजन होगा । भारतीय संस्कृति की इस उज्ज्वलता को हम पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे ।- युवा क्रांतिद्रष्टा संत दिनेश भारतीजी
समाजरूपी बगिया को गुलशन बनाना हो तो बापूजी की प्रेरणा अनुसार ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस जरूर मनाया जाये । – महंत श्री समाधानजी महाराज, वारकरी सम्प्रदाय
वेलेंटाइन-डे जो अब मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, यह सच्चे प्रेम की राह बापूजी ने दिखायी है । इसीलिए बापूजी को फँसाया जा रहा है । – साध्वी सरस्वतीजी, भागवताचार्या
वैलेंटाइन डे सिर्फ हिन्दुओं के लिए नहीं बल्कि मुसलमानों तथा पूरी दुनिया के इन्सानों के लिए एक मसला है । बापूजी ने एक बड़ी अच्छी शुरुआत की है । – हजरत मौलाना असगर अली साहब, अजमेर शरीफ के शाही इमाम
माता-पिता पूजन दिवस बहुत ही अच्छा प्रयास है । आजकल के युवक-युवतियों को इसका महत्त्व बताना बहुत जरूरी है ।- प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल
पूज्य बापूजी ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन का दिन घोषित किया, यह बहुत ही सुंदर प्रयास है, जो आज हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है । – श्री अरुण गोविल जी, (रामायण धारावाहिक में श्रीरामजी की भूमिका निभानेवाले)
14 फरवरी को हम लोग मातृ-पितृ पूजन दिवस मनायें, माता-पिता की आराधना करें, पूजा करें तो बहुत अच्छी सफलता मिलेगी । – फिरोज खान (महाभारत धारावाहिक के अर्जुन)
आज हम सभी दृढ़ निश्चय करें कि 14 फरवरी को माता-पिता का पूजन अवश्य करेंगे ।- श्री गजेन्द्र चौहानजी (महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठिर की भूमिका निभानेवाले)
परम पूज्य बापूजी के द्वारा मिली शिक्षाओं से हम अपने जीवन को सुंदर बनायेंगे । -प्रसिद्ध गायक श्री अनूप जलोटा ।
वैलेंटाइन डे नहीं, माता-पिता की पूजा होनी चाहिए । यह एक श्रेष्ठ मार्गदर्शन है जो बापूजी दे रहे हैं, इसे ही हम आगे लेकर जायेंगे । – श्री प्रमोद मुतालिकजी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीराम सेना
गौरतलब है कि पिछले 50 वर्षों से सनातन संस्कृति के सेवाकार्यों में रत रहने वाले तथा सनातन संस्कृति की महिमा से विश्व के जन-मानस को परिचित करवाने वाले हिन्दू संत आशारामजी बापू ने जब अपने देश के युवावर्ग को पाश्चात्य अंधानुकरण से चरित्रहीन होते देखा तो उनका हृदय व्यथित हो उठा और उन्होंने पिछले 13 वर्षों से एक नयी दिशा की ओर युवावर्ग को अग्रसर करते हुए एक विश्वव्यापी अभियान चलाया जिसका नाम है 14 फरवरी मातृपितृ_पूजन_दिवस
बापू आसारामजी के देश-विदेश में रहने वाले करोड़ों समर्थक उनके कथनानुसार दुनिया भर में स्कूलों, कॉलेजों, वृद्धाश्रमों में एवं जाहिर स्थलों आदि में जाकर मातृ-पितृ पूजन मना रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी उसके फोटोज खूब वायरल हो रहे हैं ।
कई मुख्यमंत्री और मंत्रियों और हिन्दू संगठन भी इस महान कार्य में जुड़ गए हैं और वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन मनाने का आह्वान कर रहे हैं ।
भारत जो विश्व में अपनी संस्कृति और संतो के लिए प्रसिद्ध है । उस देश में पाश्चात्य सभ्यता की गन्दगी न आने पाये इसके लिए हर हिंदुस्तानी का कर्तव्य बनता है कि वो भी वैलेंटाइन डे न मनाकर 14 फरवरी मातृपितृ_पूजन_दिवस अवश्य मनाएं।
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