20 जनवरी 2020
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जब से भारत में सीएए लागू किया गया है, तब से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों ने राहत की सांस ली है। सीएए के राजनीतिक विरोध के बावजूद, देश के लोगों और शरणार्थियों ने खुद इस कानून के महत्व को समझा है। इसके अलावा, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और सिखों के उत्पीडन की हाल ही की घटनाएं सीएए और उसके इरादों को पुष्टि देती हैं।*
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ननकाना साहिब में गुरुद्वारा पर सिखों पर हमले और पथराव के बाद पाकिस्तान में इस्लामिक चरमपंथ उजागर हुआ, पाकिस्तान में हाल ही में तीन हिंदू बच्चियों के अपहरण की खबर आई है, सिख लड़की का भी बंदूक के नोक पर अपहरण किया गया है। बांग्लादेश में हिंदू वहां जिहादियों का खामियाजा भुगत रहे हैं।*
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बांग्लादेश से प्राप्त समाचारों से संकेत मिलता है कि, दो अलग-अलग घटनाओं में हिंदुओं के घर पर हमला किया गया और देवी मां काली की मूर्ति को जिहादियों ने तोड दिया। अन्य हिंदू देवताओं की मूर्तियों को भी तोड दिया गया ।*
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बांग्लादेश में फरीदपुर जिला के बोआलमारी अपोजिला के रूपपत बाजार से सामने आई घटनाओं में कहा गया है कि, जिहादियों की भीड ने एक लक्ष्मण दत्त नामक हिन्दू के घर पर दो बार हमला किया। 3 जनवरी, 2020 को हुई पहली घटना में, उनके घर में तोडफोड की गई, जो एक चेतावनी की तरह लग रहा था। घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।*
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प्रशासन की निष्क्रियता के कारण, लक्ष्मण के घर पर 16 जनवरी को जिहादियों की भीड ने फिर हमला किया। इस हमले में, देवी मां काली की मूर्तियों को तोड दिया गया था और मूर्ति के हिस्सों को आंगन में फेंक दिया गया था। इन हमलों के बाद हुए हमलों के कारण लक्ष्मण दत्त और उनका परिवार भय में जी रहा है। ढाका के मानवाधिकार कार्यकर्ता जोयना कर्मकार ने बताया कि, बांग्लादेश पुलिस ने अभी तक हमले पर मामला दर्ज नहीं किया है ।*
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एक हिंदू के घर पर हुए दोहरे हमलों के बावजूद, बांग्लादेश पुलिस और प्रशासन ने वहां के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर आंखें मूंद लीं। बांग्लादेश पुलिस ने जानबूझकर इस घटना को अनदेखा कर अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। यहां तक कि बांग्लादेश की मीडिया भी इस घटना पर चुप्पी साधे हुए है और उसने उतनी दृढ़ता से रिपोर्ट नहीं की है जितनी होनी चाहिए थी।* *स्त्रोत : Organiser*
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आपको बता दें कि अफगानिस्तान में भी हिंदुओं का बुरा हाल है इन सभी को मध्य नजर रखते हुए ही केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में प्रताड़ित हो रहे हिंदुओं को शरण देने के लिए CAA का कानून लाये लेकिन विपक्ष, सेक्युलर और कुछ बिकाउ मीडिया और राजनीतिक हथकण्डे बने कुछ मुसलमान विरोध करने लगे पर 1990 में लाखों कश्मीर पंडितों को भगा दिया तब ये लोग चुप रहे, पाकिस्तान में 23% हिंदू थे आज 2% बचे है। बांग्लादेश में 31%हिन्दू थे आज 8% बचे है। अफगानिस्तान में 22000 हिंदू परिवार थे वे आज मात्र 220 बचे है।*
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आपको ये भी बता दें कि ये तीनो देश पहले अखण्ड भारत मे ही थे मुगल आक्रमणकारियों ने आकर देश मे तलवार की नोक पर धर्मपरिवर्तन करवाया और देश का विभाजन किया गया बाकी तो पहले सिर्फ हिंदू ही थे। आज ईसाई सम्प्रदाय के 172 देश हो गए है और मुस्लिम के 58 देश है हिंदुओं के लिए एक भी देश नही है ।*
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सरकार ने सिर्फ प्रताड़ित हिंदुओं को भारत मे शरण देने के लिए CAA का कानून बनाया तो विरोध करने लगे ये कहा कि न्याय है? कुछ सेक्युलर हिंदू, सिख और दलित हिंदू भी उनकी बातों में आकर सरकार का विरोध करने लगे पर वे वो नही देख रहे हैं कि अन्य देशों में हिंदु नरक जैसा जीवन जी रहे हैं और आप तब तक सुरक्षित हैं जबतक उनका मकसद गजवा-ए-हिंदू का सपना पूरा नही होगा फिर तो उनके लिए हर हिंदू काफिर ही है सेक्युलर भी जिंदा नही रहेगा, दूसरे देशों में दलित हिंदू ही सबसे ज्यादा है उनको ही अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है फिर भी भारत के कुछ मूर्ख दलित भीम-मीम भाई-भाई बके जा रहे है।*
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सावधान होने की बहुत आवश्यकता है नही तो ये लोग हमें जाति-पाती में बांट देंगे और देश को तोड़ देंगे।*
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