मीडिया सिर्फ एकतरफा खबरें दिखाती है जिससे जनता से अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है और यही वजह है कि आज मीडिया को सोशल मीडिया पर जनता आए दिन लताड़ लगाती रहती है । मीडिया अब कोई खबर अत्यधिक एवं बनावटी तरीके से दिखाती है तो जनता को ये समझते देर नहीं लगती कि ये टीआरपी या पैसे का खेल है, उस खबर का सत्य से कोई संबंध नहीं है।
आपको बता दें कि 2008 में हिंदू संत आसाराम बापू के अहमदाबाद गरुकुल में पढ़ने वाले दो बच्चे दीपेश ओर अभिषेक की दुःखद मौत हुई और लाश आश्रम के पीछे नदी तट पर मिली उसके बाद मीडिया ने इतना शोर मचाया कि तांत्रिक विधि से बच्चों को मारा गया आदि-आदि । पर अब आप ही बताइये कि अगर कोई किसी की हत्या करे तो अपने घर या आश्रम के पास लाश क्यों रखेगा ? ये तो बस एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत कहानियां बनाकर जनता को मीडिया के द्वारा गुमराह किया जा रहा था, उस समय बापू आसारामजी और उनके आश्रम व गुरुकुल की खूब बदनामी की गई, यहाँ तक कि गुंडे भेजकर आश्रम में आए साधकों को पिटा गया । कुछ प्रतिशत जनता भी मीडिया की बातों को सत्य मानकर गुमराह हो गई थी ।
इस विषय पर गुजरात के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि आश्रम को बदनाम करने के लिए कोंग्रेस द्वारा षडयंत्र रचा गया था । आज 11 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जब उनको क्लीनचिट मिल गई कि कोई तांत्रिक विधि से मौत नहीं हुई है और ना ही कोई अंग निकाले हैं तो मीडिया ने इस खबर को ज्यादा हाईलाइट नहीं किया, जिससे आक्रोशित जनता ने ट्वीटर पर #CleanChitToAsaramBapuji हैशटैग के माध्यम से लाखों ट्वीट करके ट्रेंड लाया और मीडिया को खूब लताड़ा।
आइये जानते है क्या कहा जनता ने…
2. प्रेम चौधरी ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट व डीके त्रिवेदी के निर्णय ने संत आशारामजी बापू की पवित्रता पर लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और उनके आश्रम के विरुद्ध कुप्रचार अभियान छेड़नेवालों के मुँह पर भी करारा तमाचा जड़ दिया है।
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6. रवि ने लिखा कि 2008 में दीपेश अभिषेक की मौत को काला जादू बताना, तांत्रिक विद्या के शिकार बताना वास्तव में Sant Shri Asaram Bapu Ji को फंसाने और बदनाम करने का बहुत बड़ा षड़यंत्र था
पर अब #CleanChitToAsaramBapuji ने इस षड़यंत्र के चिथड़े उड़ा दिए है।*
https://twitter.com/Rv_im_/status/1155438030481575937?s=19
9. रेशु लिखती हैं किसच्चे का बोलबाला, झूठे का मुंह काला
जी हाँ ऐसा ही हुआ 26 जुलाई 2019 को। #CleanChitToAsaramBapuji से सच्चे निर्दोष और महान Sant Shri Asaram Bapu Ji का बोलबाला हुआ
ऐसे लाखों ट्वीट्स के जरिये जनता ने मीडिया की सारी पोल खोल दी, अब मीडिया कोई भी झूठी खबर दिखाए तो सोशल मीडिया पर सही खबर आ जाती है जिसके कारण मीडिया की झूठी कहानियों की असलियत सामने आती है।
रिपोर्ट आने के बाद मृतकों के पिता को एक लोकल टीवी चेनल द्वारा एक इंटरव्यू में तांत्रिक विधि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “तांत्रिक विधि कि बात तो जाने दो, भाजपा सरकार ने इन लोगो को बचाने का काम किया है , कोंग्रेस सरकार होती तो हमें न्याय मिलता” इस स्टेटमेंट से साबित होता है कि ये लोग कौन सी पार्टी से मिले हुए हैं । सालों से तांत्रिक विधि का आरोप लगाते हुए जिनका कंठ नहीं सूखता था वो आज बोल रहे है कि तांत्रिक विधि कि बात तो जाने दो। गजब है !!! दरअसल इन लोगों संपति की भी जांच होनी चाहिए। और उनके पीछे कौन लोग है उसकी भी जाँच होनी चाहिए।
क्योंकि करोड़ो लोगों का मानना है कि पूज्य आशारामजी बापू एवं उनके परिवार को निर्दोष होते हुए भी एक या दुसरे झूठे केसों में फँसाया गया है। जिसके लिए विदेशी एवं विधर्मी ताकतों ने अरबों रुपए लगा दिए हैं । परंतु हर मामले में बापू निर्दोष पाए गए है और आगे भी निर्दोष ही साबित होगे। किंतु 83 वर्षीय संत को जो कष्ट पहुँच रहा है , उनकी जो मानहानि हो रही है, उनका जो कीमती समय व्यर्थ हो रहा है , उसका भुगतान कौन करेगा ? शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वतीजी , साध्वी प्रज्ञासिंह , असीमानंदजी, केशवानंदजी जैसे कई सनातनी संतो को झूठे केसों में फँसया गया , यातनाएँ देकर जेल में रखा गया और अंत में निर्दोष पाए गए ! क्या हिंदु संत होना और 50+ वर्षो से राष्ट्र व समाज कि निःस्वार्थ सेवा करना गुनाह है ?
अब जनता को जागरुक होकर इन षडयंत्र का भांडाफोड़ करके निर्दोष संतो को न्याय दिलाना चाहिए।

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