05 फरवरी 2019
*प्रयागराज कुंभ मेले में करोड़ो की तादाद में भक्त लोग जा रहे हैं, स्नान करके अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं, लेकिन कुम्भ स्नान के अलावा एक और खास चर्चा का विषय रहा, वो था हिंदू संत आसाराम बापू का, क्योंकि एक तरफ तो उन्होंने देश, धर्म और संस्कृति की सेवा में अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया लेकिन दूसरी तरह उन्हें एक तथाकथित झूठे आरोप के आधार पर उम्रकैद हुई तो ऐसे में अब उनके बारे में जनता क्या सोचती है यह जानना बहुत जरूरी है ।*
*कुम्भ मेले में गुजरात से आई प्रज्ञा ने बताया कि मुझे संत आसाराम जी बापू के बारे में जानने को मिला, हालांकि मैं इनके बारे में पहले से भी जानती थी, मैं इनके आश्रम भी गई हूँ हरिद्वार में । काफी कुछ देखने को, सीखने को और हर जगह जो बोर्ड लगे हुए थे उससे ये चीज जानने को मिली कि हम जैसे कि खाना खाते हैं तो किस तरीके से हमें कितनी देर बाद पानी पीना चाहिए, इन सब चीजों का जो नियम होता है, जीवन से सम्बंधित उन सारी चीजों के बारे में जानने को मिला ।*
*प्रज्ञा ने आगे कहा कि आश्रम में आयुर्वेदिक दवाईयां भी काफी सस्ती थी, एक दो मैंने अमृतद्रव्य लिया था जो मुझे अच्छा सूट किया, अभी सब दुनिया कहती है कि भई! पतंजलि बाबा रामदेव से योग सीखते हैं लेकिन मैंने फर्स्ट टाइम जो योग सीखा है, वह संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा योगासन साहित्य से सीखा, उस समय न मेरे पास वीडियोज थे, न उस टाइम मोबाइल था, न लैपटॉप था, न मेरे पास कोई ऐसे सी.डी. कैसेट्स थे जिस वजह से मैं सीख पाऊं । उस साहित्य में हर चीज को इतनी बारीकी से लिखा हुआ था कि मैं बहुत सारे आसन सीख गई और भी काफी कुछ सीखने को मिला, बहुत अच्छा लगा ।*
*प्रज्ञा ने आगे बताया कि जब मुझे ये फर्स्ट टाइम पता चला कि इनके ऊपर आरोप लगा है, सुनकर बहुत बुरा लगा, मैं उसे बोल भी नहीं सकती । फिलहाल जो सच्चाई मैं वहाँ देखकर आई हूँ, कहीं न कहीं, मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं था कि ये इस तरह का काम कर सकते हैं, जिनकी काफी उम्र सत्कर्म में गुजर चुकी है । मुझे लगा कि ये केवल आरोप ही हैं ।
मेरी सभी से बस यही गुजारिश है कि कम से कम जो मीडिया परोस रही है, हम लोगों को जो मीडिया दिखाना चाह रही है उसके पीछे ना भागे, सच्चाई को जाने । ये सारी राजनेताओं की और षड्यंत्रकारियों की एक चाल है ।*
*उन्होंने आगे कहा कि मीडिया हमें वो दिखाना चाह रही है जो हमको नही जानना चाहिए, मीडिया हम लोगों की जो पुरानी परम्पराएं, जो ऋषि महात्माओं, संतों के द्वारा चली आ रही हैं, जो हम आम आदमी आम जीवन में नही कर सकते, जैसे साधु-संत बिना कपड़ों के सर्दियों में भी रह लेते हैं उनका तप ही है । आम आदमी के बस की बात नही है कि सर्दियों में भी बिना ऊनी कपड़े पहने रह सकें, तो कहीं न कहीं इनसब चीजो को देखो, साधु-संतों में तप बल है, उनके अंदर प्राणशक्ति है तभी वो रह रहे हैं। लेकिन मीडिया इन सब चीजों को नहीं दिखाती है ।*
*बलात्कारी पुरुषों के अंदर ये चीजें नही हो सकती क्योंकि उनका मन तामसिक होता है, भोजन तामसिक होता है हर तरीके से इन सब चीजों से घिरे होते हैं इसलिए वो ज्यादा इन सब चीजों पर कंट्रोल नही कर पाते हैं, इसलिए वो कहीं न कहीं जाकर औरतों का अपनी इस गन्दी मानसिकता का शिकार बना देते हैं जिसमें कि बलात्कार कर दिया जाता है, और वो बच्चों को भी नही देखते, किसी को भी अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं ।
मैं देशवासियों को यही कह सकती हूँ कि अगर आपकी खुली सोच है, विचार कर सकते हैं तो ये देखिये जिनके अंदर प्राणशक्ति होती है, वही दुनिया में सबसे अलग होते हैं न कि तामसिक पुरुष। जिनकी तामसिक मानसिकताएं होती हैं वो ही ऐसी हरकतें कर सकते हैं । मेरा सभी से यही कहना है कि प्लीज आपलोग सच्चाई को देखे, सच्चाई को जाने, लोगों के कहने पर ना जाएं ।*
*मैंगजीन :
‘‘जागो भारतवासियों! जानो हकीकत…’’
जो है इसमें बापू आसारामजी के बारे में सारी चीजें, सारी सच्चाई दी हुई है, सभी देशवासी इसको प्लीज पढें और आजकल जो मीडिया द्वारा परोसा जा रहा है उसके चक्कर में ना रहें । कृपया इन सब चीजों को देखें, मैंने भी देखा। मुझे यह मैंगजीन बहुत अछि लगी ।
मैंने जब इन सब चीजों को पढ़ा तो मेरा दिल किया कि मैं इसपे कुछ बोलूं, इसलिए मैं आप लोगों के सामने ये सब बातें रख रही हूं कि इसमें बहुत ही अच्छी चीज है, इसे कम से कम एकबार जरूर पढ़ें । जो हमारे सामने हमारी ही चीजों की बेइज्जती की जा रही है, हमारे ही समाज की बेइज्जती की जा रही है, हमारे ऋषि-मुनियों की बेइज्जती की जा रही है, उनकी बेइज्जती ना हो, कम से कम हम अवेयर हों, ताकि अपनी आने वाली जेनरेशन को अवेयर कर सकें, अपने बच्चों को अवेयर कर सकें और उनके सामने मुंह दिखाने लायक बन सके कि हाँ, हमारे दिनों में ये हुआ करते थे न कि वो कहें कि अरे बाबा सैंटा क्लाजी हमारे सब कुछ थे।*
*सोनभद्र उत्तरप्रदेश से आए प्रवेश ने बताया कि संत आसारामजी बापू पर पूर्ण रूप से षड्यंत्र तो है ही इसमें कहीं से कोई संदेह नहीं है । एक व्यक्ति सर्वस्व छोड़ने के बाद तप व धर्म के मार्ग पर अग्रसर होता है और उसके लाखों करोड़ों लोग अनुयायी होते हैं। आखिर एक साधारण व्यक्ति के अनुयायी क्यों नही होतें ?
24 घण्टे का समय हर व्यक्ति को मिलता है, उसकी क्रियाकलाप के लिए भी समय मिलता है, लेकिन उसी में कोई व्यक्ति होता है कि उसे देखने वालों की भीड़ लगी होती है, एक व्यक्ति वह भी होता है जिसे किसी को देखने की कोई आवश्यकता नही। तो मैं अपने आप को बहुत ही गौरान्वित और सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मुझे
‘जागो भारतवासियों! जानो हकीकत…’’ पुस्तक प्राप्त हुआ।*
*एक अन्य नवयुवक ने बताया कि हमारी सोच यही होनी चाहिए कि जो साधु संत हैं वे गलत नही हो सकते हैं, जिस प्रकार से मैंने संत आसाराम बापू के बारे में देखा, मुझे सुनकर बहुत बुरी खबर लगी, “जागो भारतवासियों ! जानो हकीकत…” पुस्तक में बापू आसारामजी के बारे में सच्चाई को बताया गया है। इस पुस्तक को हम सभी को पढ़ना चाहिए, जो चीजें मीडिया द्वारा नही दिखाई जाती हैं, जो प्रॉस्टिट्यूट मीडिया है जो सिर्फ पैसा लेकर दिखाती है, लोगों को बदनाम करने के लिए नए नए जो एडिटिंग करके विजीवल इफ़ेक्ट में एनिमेटेड करके वीडियोज को दिखाया जाता है, लेकिन हमको लगता है कि ऐसी चीजों की सच्चाई को भी कहीं न कहीं मीडिया के अंदर में तथा और लोगों के बीच में आना चाहिए, आम जनमानस के बीच में आना चाहिए, जिससे कि वो जान सके कि हमारी संस्कृति सैंटा क्लॉज की संस्कृति नही अपितु हमारी संस्कृति साधु संतों की संस्कृति है। हम जो टोपी पहनकर लाल रंग की और केक काटे और हम मोमबती फूंके और कहें कि हैप्पी बर्थडे मना रहे हैं तो ये गलत है, हमारी संस्कृति जो है भारतीय संस्कृति के अनुसार होनी चाहिए और भारतीयता के अनुसार होनी चाहिए ।*
*साधु संतों ने बताया कि संत आसाराम बापू अवतारी पुरुष हैं, उनको षड्यंत के तहत फंसाया गया है ।*
*इस तरह से जब हजारों भक्तों और साधु-संतों की राय ली गई, तो सभी का यही कहना था कि संत आसाराम बापू पूर्णरूपेण निर्दोष संत हैं, उनको षड्यंत के तहत फँसाया गया है और कुछ बिकाऊ मीडिया द्वारा बदनाम किया जा रहा है लेकिन अब हर हिंदुस्तानी का कर्तव्य बनता है कि देश में हो रहे षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए सभी तक “जागो भारतवासियों ! जानो हकीकत…” पुस्तक पहुंचानी चाहिए ।*
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Sant Shri Asaram Bapu Ji निर्दोष संत है उनको षड्यंत के तहत फँसाया गया है और कुछ बिकाऊ मीडिया द्वारा बदनाम किया जा रहा है लेकिन सभी को सच्चाई जाननी चाहिए ।
Kumbh without the presence of a Self-realized Saint is of no meaning
जनता जनार्दन सब समझती है,जो अपना पूरा जीवन समाज के हित में लगा दिया क्या वो ऐसा कुकर्म करेगा ??? Sant Shri Asaram Bapu Ji ने धर्मान्तरण का खुलकर विरोध किया इसिलिये धर्म विरोधियों उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचा ।जिनमे पेड मीडिया ,और कानून दोनों साथ दे रहे हैं।
Evidences rebutted in case of Sant Shri Asaram Bapu Ji ❗
BIASED JUDICIARY ❗BIASED VERDICTS❗
SAVE DEMOCRACY ❗❗
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