17 मार्च 2019
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दुनिया में सनातन हिन्दू धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें एक के बाद एक त्यौहारों की झड़ी सी लगी होती है । एक पर्व समाप्त हुआ नहीं कि दूसरा आने की बाट जोहता है और इन सभी त्यौहारों की खासियत ये है कि इन सबके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर छिपा होता है ।
हिन्दू धर्म के पर्वों को हर्ष, उल्लास और पवित्रता के साथ मनाने का विधान है और ये भी एक कारण है कि हिंदुओं के जीवन में जितनी शांति, जितना उत्साह देखने को मिलता है वो किसी अन्य धर्म-मजहब वालों में नहीं मिलता ।
होली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, बाजारों में रंग, पिचकारियों की दुकानें भी सज चुकी हैं ऐसे में हमारी सोशल मीडिया इस रंग-बिरंगे त्यौहार होली के रंगों से अछूती कैसे रह सकती है । ट्विटर पर आए-दिन होली के स्वागत में कोई न कोई ट्रेंड देखने को मिलता है, लेकिन आज हमारी नज़र टॉप 10 में चल रहे एक अनोखे ट्रेंड पर गई । टैग था “#IdealHoliVedicHoli” । “वैदिक होली” इस शब्द ने मन में एक उत्सुकता उत्पन्न की और हाथ सहज ही उस टैग की ओर चले गए ।
जब उस टैग को ओपन किया तो उसमें हज़ारों ट्वीट्स थे जो बता रहे थे कि आखिर क्या होती है वैदिक होली ।
उनमें से कुछ ट्वीट्स आपके सामने भी रख रहें हैं:
(1.) स्वाति लिखती हैं कि प्राचीनकाल में होली प्राकृतिक रंगों से ही खेली जाती थी। जिससे स्वास्थ्यलाभ व आध्यात्मिक लाभ मिलता था और सात्विकता बढती थी।आइये हम सब मिलकर मनाएँ वैदिक तरीके से होली। #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/swati_ avhad/status/ 1107216165036654592?s=19
https://twitter.com/swati_
(2.) शालिनी ने लिखा है कि #IdealHoliVedicHoli की परंपरा प्राचीनकाल से हिन्दू त्यौहारों में सम्मलित है, लेकिन बिकाऊ मीडिया इस पर्व को बहुत ही भद्दे तरीके से दिखाकर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करती है..
https://twitter.com/ Shalini19827373/status/ 1107221590083698688?s=08
https://twitter.com/
(3.) मकरन्द लिखते हैं कि आजकल होली जैसे पवित्र त्यौहारों में भी लोग शराब इत्यादि का सेवन करते हैं और वही शराब बनाने में कई लीटर पानी भी बर्बाद होता है । उन्होंने आगे प्रधानमंत्री जी को टैग करते हुए लिखा कि मोदी जी आद्यौगिक स्तर पर हो रही पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए ताकि उस पानी का उपयोग वैदिक होली मनाने में किया जा सके ।
https://twitter.com/ makarandmsgs/status/ 1107221856480694272?s=19
https://twitter.com/
(4.) कीर्ति लिखती हैं कि Asaram Bapu Ji से प्रेरित #IdealHoliVedicHoli के लाभ अनेक:
पानी की बचत..
रासायनिक रंगों से रहोगे दूर..
मिलेगा वर्ष भर स्वास्थ्य भरपूर!
https://twitter.com/ spiritualS0UL/status/ 1107217335117582337?s=19
पानी की बचत..
रासायनिक रंगों से रहोगे दूर..
मिलेगा वर्ष भर स्वास्थ्य भरपूर!
https://twitter.com/
(5.) ज्योत्स्ना लिखती हैं कि Sant Shri Asaram Bapu Ji ने समाज सेवा के लिए कई कार्य किए हैं। उनमें से एक है वैदिक संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना पर मिडिया इस पर भी सिर्फ झूठी खबरें दिखाती है।आओ इस वर्ष खेलें #IdealHoliVedicHoli और अपनी संस्कृति का सम्मान बढ़ायें।
https://twitter.com/Jyot_s76/
(6.) राजेश ने लिखा है कि कई बीमारियाँ व त्वचा का कैंसर करती,जहरीले रसायनिक रंगों की होली,जान जोखिम में इज्जत भी दांव पर,मत खेलो ऐसी गंदी होली।लेकिन अब तुम भूल न जाना स्वास्थ्य लाभ व भक्ति लाभ से भरने वाली, Sant Shri Asaram Bapu Ji द्वारा प्रेरित पलाश फूलों के रंगों की #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/ rajeshmadaan13/status/ 1107231507846819840?s=08
https://twitter.com/
(7.) उज्ज्वला पलाश की महिमा बताते हुए लिखती हैं कि पलाश के फूलों से बना रंग शरीर की सप्तधातुओं को विकृत नहीं होने देता, उनमे संतुलन बनाये रखता है । #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/ UjwalaPPatil1/status/ 1107243694011219970?s=19
https://twitter.com/
(8.) अशोकि कहते हैं कि हमारे ऋषि मुनियों ने होली पर पलाश के फुलों से होली खेलने की सुंदर प्रथा शुरू की जिससे हर किसी के जीवन में आरोग्यता बनी रहें। Sant Shri Asaram Bapu Ji ने हमें हसते खेलते जीवन के दुखो को भूलाकर आगे बढ़ने का समय है होली। #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/ ashokihariom/status/ 1107244346196156417?s=19
https://twitter.com/
(9.) संजू ने कहा कि होली त्यौहार है खुशियों का
होली त्यौहार है प्रेम और विश्वास का
इसमें रासायनिक रंगों की जहर न मिलाएं..
#IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/Sanju_
(10.) अजय ने लिखा कि संतो द्वारा बताई गई #IdealHoliVedicHoli है ।
केमिकल भरे रंगों से स्वास्थ्य चौपट हो जाता है ।
पूज्य #Bapuji कहते हैं केमिकल से बने रंगों का शरीर पर बहुत खतरनाक असर पड़ता है । इसके स्थान पर पलाश के फूल से अथवा प्राकृतिक फूलों से बने रंगों से होली खेलनी चाहिए ।
https://twitter.com/Ajaykshu/ status/1107247823387451393?s= 19
केमिकल भरे रंगों से स्वास्थ्य चौपट हो जाता है ।
पूज्य #Bapuji कहते हैं केमिकल से बने रंगों का शरीर पर बहुत खतरनाक असर पड़ता है । इसके स्थान पर पलाश के फूल से अथवा प्राकृतिक फूलों से बने रंगों से होली खेलनी चाहिए ।
https://twitter.com/Ajaykshu/
(11.) दीपक कह रहे थे कि होली आने वाली है केमिकल रंगों से बचिए उसके बदले प्राकृतिक पलाश के फूलों से बना रंग का उपयोग कीजिये ये स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है पलाश के फूलों से बना रंग शरीर की सप्तधातुओं को विकृत नहीं होने देता, उनमे संतुलन बनाये रखता है । #IdealHoliVedicHoli
https://twitter.com/deepak_ hariom/status/ 1107207488556793856?s=19
https://twitter.com/deepak_
तो इस तरीके के हज़ारों ट्वीट्स वैदिक होली के विषय में देखने को मिले । मन मे एक उत्सुकता इस बात को जानने की हुई कि आखिर इस वैदिक होली की शुरुआत किसने की ?
ट्वीट्स को गौर से देखा तो पता चला कि अब से सालों पहले लोगों को कैमिकल रंगों के जहर से बचाने के लिए और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से हिंदू संत आसाराम बापू ने इस अनोखी होली की शुरुआत की ।
कितनी सहीं बात है कि आज पाश्चात्य अंधानुकरण में हम अपनी संस्कृति को भी भूलते जा रहे हैं । यहां के पवित्र त्यौहारों में अश्लीलता और अपवित्रता डालते जा रहे हैं । जो त्यौहार मिलजुल कर हँसी खुशी से मनाने का होता है, उसे राग-द्वेष से मनाते हैं ।
अंत में यही लिखना चाहेंगे कि
तीज त्यौहार नहीं केवल , जीने की रीति हो होली।
रसायनिक हानिकारक रंग नहीं , स्वास्थ्यवर्धक रंगों की हो होली।
रसायनिक हानिकारक रंग नहीं , स्वास्थ्यवर्धक रंगों की हो होली।
हल्की मान्यताओं के दहन , मंगल भावों के विकास का पर्व बने होली।
प्रेम रंग बरसे हर घर में , आओ मनाएँ ऐसी होली।।
प्रेम रंग बरसे हर घर में , आओ मनाएँ ऐसी होली।।
आओ मनाएं वैदिक होली..
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