26 अगस्त 2022
🚩200 वर्ष पहले भारतीय घरों में चाय नहीं होती थी। पहले घर पर अतिथि आते थे, तो देशी गाय का दूध-लस्सी ,छाछ,नींबू पानी,आदि दिया जाता था, लेकिन आज कोई भी घर आये अतिथि को पहले चाय पूछते हैं। ये बदलाव अंग्रेजों की देन है।
🚩 कई लोग घर, दुकान, ऑफिस या यात्रा के दौरान दिन में कई बार चाय लेते रहते हैं, यहाँ तक कि उपवास में भी चाय लेते हैं! किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब-सिगरेट-तम्बाखू छोड़ने को कहेगा, पर चाय नहीं, क्योंकि यह उसे पढ़ाया नहीं गया और वह भी खुद चाय का गुलाम है। परन्तु किसी अच्छे वैद्य के पास जायेंगे तो वह पहली सलाह देगा- चाय ना पीयें।
🚩चाय और कॉफी में 10 प्रकार के जहर होते हैं…
🚩1).’टैनिन’ : यह विष 18 प्रतिशत होता है। यह पेट में छिद्र और वायु उत्पन्न करता है और एसिडिटी करता हैं ।
🚩2). ‘थिन’ : यह विष 3 प्रतिशत होता है। इसके कारण मानसिक विकार उत्पन्न होते हैं तथा यह विष फेफड़ों और मस्तिष्क में जड़ता को निर्मित करता है।
🚩3). ‘कैफिन’ : यह विष 2.75 प्रतिशत होता है। यह गुर्दों (किडनियों) को दुर्बल बनाता है।
🚩4). ‘वॉलाटाइल’ : यह विष आंतों को हानि पहुंचाता है।
🚩5). ‘कार्बोनिक अम्ल’ : अम्लपित्त (एसिडिटी) बढ़ाता है,पेट में जलन पैदा करता हैं ।
🚩6). पैमिन’ : पाचनशक्ति को दुर्बल करता है,भूख को भी खत्म कर देता हैं ।
🚩7). ‘एरोमोलीक’ : आँतों पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
🚩8). ‘सायनोजन’ : अनिद्रा और पक्षाघात जैसे भयंकर रोग उत्पन्न करता है।
🚩9). ‘ऑक्सेलिक अम्ल’ : यह शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है।
🚩10). ‘स्टिनॉयल’ : रक्तविकार और नपुंसकता उत्पन्न करता है।
🚩इसीलिए चाय अथवा कॉफी का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
🚩हमारे गर्म देश में, चाय और गर्मी बढ़ाती है, पित्त बढ़ाती है। चाय के सेवन करने से शरीर में उपलब्ध विटामिन्स नष्ट होते हैं। इसके सेवन से स्मरण शक्ति में दुर्बलता आती है। चाय का सेवन लिवर पर बुरा प्रभाव डालता है।
🚩चाय से भूख मर जाती है, एसिडिटी होती है, दिमाग सूखने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं। डायबिटीज़ जैसे रोग होते हैं। दिमाग सूखने से उड़ जाने वाली नींद के कारण आभासित कृत्रिम स्फूर्ति को स्फूर्ति मान लेना, यह बड़ी गलती है। चाय-कॉफी के विनाशकारी व्यसन में फँसे हुए लोग स्फूर्ति का बहाना बनाकर हारे हुए जुआरी की तरह व्यसन में अधिकाधिक गहरे डूबते जाते हैं। वे लोग शरीर, मन, दिमाग और पसीने की कमाई को व्यर्थ गँवा देते हैं और भयंकर व्याधियों के शिकार बन जाते हैं।
🚩चाय का सेवन रक्त आदि की वास्तविक ऊष्मा को नष्ट करने में भारी भूमिका निभाता है।
🚩चाय में उपलब्ध कैफीन हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है, अत: चाय का अधिक सेवन प्राय: हृदय के रोग को उत्पन्न करने में सहायक होता है।
🚩जो लोग चाय बहुत पीते हैं उनकी आंतें जवाब दे जाती हैं,खराब हो जाती हैं, कब्ज घर कर जाती है और मल निष्कासन में कठिनाई आती है। चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी रहती है।
🚩चाय पीने से अनिद्रा की शिकायत भी बढ़ती जाती है, न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ियां आ जाती हैं। चाय में उपलब्ध यूरिक एसिड से मूत्राशय या मूत्र नलिकायें निर्बल हो जाती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को बार-बार मूत्र आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। अधिक चाय पीने से खुश्की आ जाती है और दांत भी खराब होते हैं।
🚩यह सावधानी अवश्य रखें:रेलवे स्टेशनों या टी-स्टॉलों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किए बिना,कई बार इसी बर्तन में चाय बनाते रहते हैं, जिस कारण कई बार चाय विषैली हो जाती है। चाय को कभी भी दोबारा गर्म करके न पिएं तो बेहतर होगा। बाज़ार की चाय अक्सर एल्यूमिनियम के बर्तन में, भगोने में खदका (उबाल) कर बनाई जाती है, जो बहुत नुकसान करता है। कुछ जगह पर तो दूध भी कलर से बनाकर उसकी चाय बनाई जाती है जो शरीर को अत्यंत नुकसान पहुँचाती है।
🚩कई बार हम लोग बची हुई चाय को थरमस में डालकर रख देते हैं,लेकिन भूलकर भी ज्यादा देर तक थरमस में रखी चाय का सेवन न करें। जितना हो सके चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को फेंक दें।
🚩 सुखी,स्वस्थ रहना हैं तो चाय-कॉफी को हमेशा के लिए त्याग दें,क्योंकि चाय, कॉफी के हर कप के साथ एक चम्मच या उससे अधिक शक्कर ली जाती है, जो पेट की चर्बी बढ़ाती है और अनेक बीमारियां को बुलाती है। अगर पीनी ही पड़ी तो गुड़, नींबू मिलाकर काली चाय पीएं, पर ध्यान रहें काली चाय में शक्कर और दूध नहीं मिलाएं। चाय के साथ नमकीन, खारे बिस्कुट, पकौड़ी आदि लेते हैं, यह विरुद्ध आहार है; इससे कई प्रकार के त्वचा रोग होते हैं।
🚩चाय का विकल्प
🚩संकल्प कर लें कि चाय नहीं पियेंगे। 2 दिन से 7 दिन तक याद आएगी ; फिर सोचेंगे अच्छा हुआ छोड़ दी। 1 या 2 दिन तक सिर दर्द हो सकता है,फिर नार्मल हो जाओगे ।
🚩सुबह ताजगी के लिए गर्म पानी लें, चाहे तो उसमें आंवले के टुकड़े मिला दें तो और स्फूर्ति आ जाएगी।
🚩5 पत्ते तुलसी के पत्ते का गर्म पानी, गुड़ का गर्म पियें तो चाय की लत भी छूट जाएगी और शरीर निरोग होने लगेगा।
🚩चाय की जगह देशी गाय के दूध , लस्सी, छाछ,नींबू पानी,का उपयोग करना चाहिए,इससे स्वास्थ्य में चार चांद लग जायेंगे और सभी बीमारियां भी भाग जाएंगी।
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