30 मई 2019
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गौशालाओं में प्रबंधन की लापरवाही से गौमाता का हालत बेहाल है। इस तरफ बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है । जिन गौमाता के पीछे-पीछे भगवान श्री कृष्ण स्वयं नंगे पैर दौड़ा करते थे तथा उनकी देखभाल करते थे, आज उन्हीं गौमाता की दयनीय स्थिति है।
उत्तर प्रदेश में गौशालाओं का बेहद बुरा हाल है ! गौशालाओं में बेहद दिक्कतों का सामना कर रही गायों की भूख–प्यास से बेहाल होकर हड्डियां निकल गई है। इस कड़कती धूप में रहने को मजबूर इन गायों को खाने में सूखा भूसा मिलता है। पानी समय से मिलता भी है या नहीं, ये बताया नहीं जा सकता !
लखीमपुर खीरी की तहसील निघासन में बने गौशाला की तस्वीर अलग कहानी बयां कर रही है ! यहां बने गौशाला में 50 गाय ही आ सकती हैं, लेकिन जगह 400 को दी गई है, जिस कारण गायों को रेतीली जमीन पर कड़कती धूप में खुद को तपाना पड़ता है। इस वजह से कई गायों ने अपना दम तोड़ दिया तो वहीं कुछ अपनी दुर्दशा को देख आंसू बहाने को मजबूर हैं ! इस गौशाला में न तो एक भी पेड़ लगा है, न ही ऐसी कोई छाया की व्यवस्था। मात्र छोटे से टीन का सेड है !
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन-
भारतीय किसान संघ के मंडल अध्यक्ष अविनाश दीक्षित, जिलाध्यक्ष बद्री प्रसाद मौर्य, मंडल मंत्री नंदकिशोर गुप्ता ने छुट्टा पशु से किसानों की फसल का नुकसान देखते हुए व गौशालाओं में उचित चारे और छाया की व्यवस्था करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित करते हुए ज्ञापन एसडीएम निघासन को सौंपा। उन्होंने किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे छुट्टा पशुओं का उचित प्रबंधन किएजाने की बात कही है। ज्ञापन में यह भी कहा किया गया कि, गायों के लिए उचित चारे की व्यवस्था के साथ छाया की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि, अगर इन मांगों पर शासन द्वारा जल्द विचार नहीं किया गया, तो पूरे किसान संघ के पदाधिकारी धूप में बैठकर आंदोलन करेंगे ! वहीं उपजिलाधिकारी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जल्द गौशालाओं में चारे की व्यवस्था व पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से चालू कराने की बात कही !
स्त्रोत : पत्रिका
देश मे गायों की कैसी दशा हो रही है इस गौशाला की व्यवस्था से देख सकते हैं, पहले भी राजस्थान आदि में अनेक गौशालाओं में खराब व्यवस्था के कारण गायों की मृत्यु हुई है। एक तरफ गौशालाओं मेंगायों की हालत खराब होती जा रही है दूसरी तरफ कत्लखानों में गाये कटी जा रही हैं । गाय माता की दुर्दशा हो रही है उसके जिम्मेदार कहीं न कहीं हम भी है क्योंकि हम गाय की जगह कुत्ते पालने लगे और अधिक दूध लेने की लालच में देशी गाय की जगह जर्सी गाय पालने लगे जिससे देश गौ माता दर-दर भटक रही है।
एक खुशी की खबर है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्त वर्ष 2019-2020 के बजट में एक विशेष कोष के साथ गौशाला निर्माण के लिए 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया है । इस विशेष कोष का इस्तेमाल राज्य में अस्थाई गौशालाओं में चारा मुहैया कराने के लिए किया जाएगा।
कुछ सरकार तो अपना दायित्व निभा रही है पर हमें भी गाय माता के प्रति समर्पित होना पड़ेगा तभी गाय माता बच सकेगी।
भारत देश मे कत्लखाने अंग्रेजों ने चालू किये थे, देश से अंग्रेज गये 72 साल हो गये, लेकिन आजतक न कत्लखाने बंद हुए और ना ही गौरक्षा के लिए कोई कानून पास हुआ, कत्लखानों में दिन-प्रतिदिन पशु हत्या बढ़ती ही जा रही है यह मानव जीवन के लिए खतरे की घन्टी है क्योंकि पशु हत्या समय जो उनकी चीखें, आहें निकलती हैं वे ज्यादा दिन धरती माता सहन नहीं कर पाती है जिससे भुकंप जैसा भयंकर प्रकोप आएगा तथा समस्त मानव जाति को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
गाय की उपयोगिता-
देशी गाय का दूध, दही, घी, गोबर व गौमूत्र सम्पूर्ण मानव-जाति के लिए वरदानरूप हैं । दूध स्मरणशक्तिवर्धक, स्फूर्तिवर्धक, विटामिन्स और रोगप्रतिकारक शक्ति से भरपूर है । घी ओज-तेज प्रदान करता है । इसी प्रकार गौमूत्र कफ व वायु के रोग, पेट व यकृत (लीवर) आदि के रोग, जोड़ों के दर्द, गठिया, चर्मरोग आदि सभी रोगों के लिए एक उत्तम औषधि है । गाय के गोबर में कृमिनाशक शक्ति है । जिस घर मेंगोबर का लेपन होता है वहाँ हानिकारक जीवाणु प्रवेश नहीं कर सकते ।
देश की सरकार से हम प्रार्थना करते हैम कि समस्त देशवासियों कि भावनाओं का सम्मान करते हुए गौशाला में गायों की अच्छी देखभाल के लिए व्यवस्था करें और गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाए एवं गौहत्या करने वाले को कठोर से कठोर दंड मिले।
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