16 जून 2020
आचार्य श्री कौशिकजी महाराज राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज हमेशा उठाते आये है, उन्होंने अभी हाल ही में वृंदावन से एक लाइव कथा में बताया कि मुझे एक दिव्य संत महात्मा मिले थे उन्होंने बताया कि मुझे एक निजी मीडिया चैनल वाले ने कहा कि हिंदू संत आशारामजी बापू के खिलाफ बोलने के लिए अभी इतने पैसे ले लो और दूसरे पैसे हमारी न्यूज़ चैनल पर बोलने के बाद ले लेना।
महाराज जी ने आगे बताया कि मैं उनका नाम नही लेना चाहता हूँ, लेकिन यह बात मैं डंके की चोट पर छाती ठोककर कह रहा हूँ। आगे कहा कि इस देश का क्या होगा कि संतो को बदनाम करने की साजिश रचाई जा रही है क्या भला होगा यहाँ का। ये बहुत बड़ी साजिश है आप इन अफवाह से निकलकर अपनी बेहतर जिंदगी जियें, ये जो सब चलता है वो सही नही होता है कुछ पर्दे के पीछे भी होता है।
महराज श्री ने आगे बताया कि मैं धर्म के लिए था हूँ और धर्म के लिए जियूँगा और धर्म के लिए आवाज उठाऊंगा, हम संतों का अपमान सहन नही करेंगें।
भारत वो देश है जहाँ गुरुओं ने जीवन जीने की कला सिखाई है। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण शिष्य बनकर सांदीपनी गुरु के पास बैठते थे। भगवान श्री राम महात्मा श्री वशिष्ठजी महाराज के चरणों मे बैठकर बात करते थे। यहाँ गुरू परम्परा का बहुत बड़ा स्थान रहा हैं इसलिए इस गुरू परम्परा पर किसी प्रकार का कोई छींटा न छिड़के तो ज्यादा ठीक है। मैं आपको प्रार्थना करना चाहूंगा कि साधु-संतों की आलोचना से बचें, संतो ने हमें और देश-दुनिया को इतना दिया है की हम उनका ऋण कभी नही चुका पायेंगे। अगर ये महापुरुष नही रहेंगे तो विधर्मी लोग हावी हो जायेंगे हमारे देश पर।
उन्होंने बताया कि मैं हर जगह जाता हूं और 6-7 साल में कई लोगों ने धर्मपरिवर्तन कर लिया। जब बापू आशारामजी बाहर थे तब उन सबको हिंदू धर्म मे वापिस लाते थे और कितने लोगों के शराब, व्यसन छुड़ाये उनकी माताएं खुश हो गई उनके परिवार बस गए ये बात हमें कभी नही भूलनी चाहिए।
पहले भी कौशिकजी महाराज ने बताया था कि
कितने शराबियों की शराब छूटी, कितने जुआरियों का जूआ छूटा, कइयों का मांसाहार छूटा तो कइयों का काम-विकार छूटा ! बिखरे हुए घरों को बसाया है इन महापुरुष (बापू आशारामजी) ने !
जिन्होंने (बापू आशारामजी) समाजोत्थान के बड़े-बड़े काम किये हैं, उन्हें जेल का मुँह देखना पड़ा है। वर्तमान समय में जो संतों के साथ हो रहा है यह देश के लिए शुभ नहीं है, बढ़िया संकेत नहीं है।
बापू आशारामजी ने राष्ट्र-धर्म के लिए क्या-क्या किया?
1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री, मकान, पैसे, दवाइयां आदि दी जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।
2). कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।
3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।
4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया।
5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया।
6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया, पाकिस्तान में तो कराची में गाजी दरगाह में दोपहर की अजान के समय भी वे हरि कथा करते रहे।
7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके “मातृ-पितृ पूजन दिवस” का प्रारम्भ करवाया।
8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया।
9). करोड़ों लोगों को अधर्म से सनातन धर्म की ओर मोड़ दिया।
10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा करोड़ों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया।
11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए।
12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के “शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी”, बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया।
13). ‘युवाधन सुरक्षा’ अभियान चलाया गया तथा ‘युवा सेवा संघ’ एवं ‘महिला उत्थान मंडल’ की स्थापना की गयी है। इन संगठनों द्वारा भारत भर में ‘संस्कार सभाएँ’ चलायी जा रही हैं, जिनका लाभ लेकर युवक-युवतियाँ अपना सर्वांगीण विकास कर रहे हैं।
14). समाज के पिछडे, शोषित, बेरोजगार व बेसहारा लोगों की सहायता के लिए बापू आशारामजी द्वारा ‘भजन करो, भोजन करो, दक्षिणा पाओ’ योजनायें चलायी जा रही है।इसके अंतर्गत उन्हें कहा जाता है कि वे आश्रम में अथवा आश्रम द्वारा संचालित समितियों के केन्द्रों में आकर दिनभर केवल भजन, कीर्तन और ध्यान करें। उन्हें दिन का भोजन और शाम को घर जाते समय 50 रुपये तक की नकद राशि दी जाती है। इसमें भाग लेनेवालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिससे ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण में रोक लग रही है और जहाँ लोगों को भोजन की विकट समस्या से निजात मिलती है, वहीं उनका आध्यात्मिक उत्थान भी हो रहा है। इससे बेरोजगार लोगों में आपराधिक प्रवृत्ति को रोकने में बहुत मदद मिल रही है।
ऐसे अनेक राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति के उत्थान के सेवाकार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।
डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने तो यह भी बताया कि हिन्दू संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी और करोड़ो लोगों को सनातन धर्म की तरफ ले आये इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गाँधी को कहकर झूठे केस में फँसाया। उनके आश्रम में फेक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो जेल जाने को तैयार रहो इससे साफ होता है कि उन पर अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र हुआ है।
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