05 Sep 2019
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जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे या आज अपनाए जा रहे हैं ।
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उस समय कार्तिक उरांव, जो वनवासियों के समुदाय से थे एवं कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समकक्ष नेता थे ने इसका बहुत ही कड़ा और कारगर विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार इस बात को निश्चित करे कि बाहर से कौन आया था ? यदि हम यहाँ के मूलवासी हैं तो फिर हम ईसाई कैसे हुए क्योंकि ईसाई पन्थ तो भारत से नहीं निकला और यदि हम बाहर से आये ईसाईयत को लेकर, तो फिर आर्य यहाँ के मूलवासी हुए। और यदि हम ही बाहर से आये तो फिर ईसा के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व हमारे समुदाय में निषादराज गुह, शबरी, कणप्पा आदि कैसे हुए ? उन्होंने यह कहा कि हम सदैव हिन्दू थे और रहेंगे।
उन्होंने हम से कहा – “आँख बंद कर प्रार्थना करो ।”
जब हमारी आंखें खुलीं तो हमने देखा कि उनकी बाइबिल हमारे पास थी और हमारी धरती उनके पास।
गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग किया जाता है वह विचारणीय है । क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम आज तक इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान क्यों है । कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का) कानून बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।
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