01 सितंबर 2021
azaadbharat.org
🚩 न्यायालय में बुजुर्ग हिन्दू संत आशाराम बापू के पक्ष की तरफ से कई चौंकाने वाले तथ्य रखे गए हैं। इनमें से कुछ मीडिया द्वारा भी प्रकाशित-प्रसारित हुए हैं। इससे बापू आशारामजी के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर रचे गए षड्यंत्र की परतें स्पष्ट तौर पर उजागर हुई हैं।
🚩 वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा द्वारा बापू आशारामजी को एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत फंसाए जाने की पुष्टि करने वाले एक से बढ़कर एक ऐसे आश्चर्यकारक तथ्य न्यायालय में सामने लाये गये थे, जिसका अभियोजन पक्ष के पास कोई जवाब नहीं है।
🚩 सबसे बड़ा सनसनीखेज खुलासा ये हुआ था कि लड़की कमरे में गई ही नहीं…
https://youtu.be/HV6fEw5yq8Q
🚩 अधिवक्ता सुराणाजी ने न्यायालय में बताया था कि लड़की ने रात 10:30 बजे बापू आशारामजी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है लेकिन न्यायालय में गवाह पेश हुए जिन्होंने बताया था कि बापू आशारामजी रात को 9:00 बजे से 11:45 तक नीम के पेड़ के नीचे बैठे थे, उनके सामने 50-60 लोग और भी बैठे थे, वहां सत्संग के बाद पूना व सुमेरपुर के परिवार के बीच हुई सगाई के निमित्त झुलेलालजी की झाँकी निकाली गयी थी, जिसमें बापू आशारामजी भी उपस्थित थे और दोनों परिवारवालों को रात को 11:30 बजे आशीर्वाद दे रहे थे। उस सत्संग के समय के कई फोटोज भी हैं जो न्यायालय के सामने सन 2014 से हैं तथा उसमें उपस्थित परिवारवालों की गवाही भी न्यायालय में हो चुकी है। वहाँ पर जो सिक्योरिटी गार्ड था वो भी इस बात का गवाह है।
🚩 दूसरी ओर कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि रातभर लड़की अपने मित्र (पुरुष) को मैसेज करती रही। न्यायालय में मनीषा नाम की महिला के बयान हुए, उसने बताया कि मैं उसके (लड़की) पास ही सोई थी और उसको बोला भी था कि सो जा लेकिन वो सो नहीं रही थी और अपने मित्र से मैसेज द्वारा देर रात तक बातें करती रही।
🚩 संदिग्ध तरीके से दर्ज हुई एफ.आई.आर…
https://youtu.be/FmVcGKwEE30
🚩 अभियोजन पक्ष द्वारा तथाकथित घटना 14 व 15 अगस्त 2013 की दरमियानी रात्रि की बतायी गयी। जोधपुर की इस तथाकथित घटना के संबंध में एफ.आई.आर. न जोधपुर, न शाहजहाँपुर और न ही छिंदवाड़ा बल्कि 600 कि.मी. दूर कमला नेहरु मार्केट पुलिस थाना, नई दिल्ली में करवाई गई।
🚩 एफ.आई.आर. की विडियो रिकॉर्डिंग गायब की गयी
एफ.आई.आर. लिखते समय की गई विडियोग्राफी की रिकॉर्डिंग, सी.डी. एवं अन्य संबंधित दस्तावेज न्यायालय में पेश नहीं किये गये तथा संबंधित गवाहों- थाना प्रभारी प्रमोद जोशी व कान्स्टेबल पंकज को भी न्यायालय में पेश नहीं किया गया। संदेहास्पद तरीके से उस विडियोग्राफी को गायब कर दिया गया। ए.एस.आई. पुष्पलता ने न्यायालय में इस बात को स्वीकार भी किया है कि एफ.आई.आर. लिखते समय विडियोग्राफी की गयी थी किंतु उन्होंने उसे न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत नहीं किया।
🚩 ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल डाला
अधिवक्ता सुराणा ने बताया कि ओरिजिनल एफ.आई.आर.को बदल दिया गया, यहाँ तक कि एफ.आई.आर. पर लड़की के दस्तखत भी नहीं करवाये गए जो धारा 154 में अनिवार्य प्रावधान है। रजिस्टर के ऊपर लिखा रहता है कि ‘यह पढ़ लिया है और सही है’ (read over and accepted to be correct)। जब ऐसा कॉलम है तो फिर हस्ताक्षर क्यों नहीं करवाये गए?
🚩 FIR व FIR की कार्बन कॉपी में भी अंतर पाया गया है। जिसका स्पष्टीकरण सम्बन्धित पुलिसकर्मी न्यायालय के सामने हुई अपनी गवाही में नहीं दे पाया है।
🚩 मेडिकल जाँच में मिली क्लीनचिट
लोकनायक अस्पताल, दिल्ली की डॉ. शैलजा वर्मा एवं डॉ. राजेन्द्र कुमार ने लड़की की मेडिकल जाँच की थी। मेडिकल रिपोर्ट पूर्णतया नॉर्मल है। दोनों ही डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का सेक्चुअल असॉल्ट (यौन-उत्पीड़न) अथवा फिजिकल असॉल्ट (शारीरिक उत्पीड़न) नहीं पाया गया। चोट का कोई निशान भी नहीं था। अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा से जिरह के दौरान जब यह पूछा गया कि चोट का निशान नहीं था तो मामला कैसे बना? तो इसका उसके पास कोई जवाब नहीं था।
🚩 अनुसंधान अधिकारी भी नहीं थी निष्पक्ष
न्यायालय में ऐसे कई तथ्य उजागर हुए थे जिन्हें पुलिस द्वारा दबाया गया था। अनुसंधान पक्षपातपूर्ण किया गया तथा बापू आशारामजी पर नाजायज धाराएँ लगायी गईं। अनुसंधान के दौरान जिन व्यक्तियों ने सत्य को उजागर किया उनके महत्त्वपूर्ण बयान अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा ने चार्जशीट में लगाये ही नहीं। चंचल मिश्रा ने अपनी गवाही में इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने केस से संबंधित कई गवाहों के बयान आरोप-पत्र के साथ पेश नहीं किये हैं।
🚩 पोक्सो एक्ट किस आधार पर
जिस पोक्सो एक्ट के कारण ट्रायल के दौरान आसारामजी बापू को बेल तक नहीं मिल पाई, वह नाजायज तरीके से लगाया गया क्योंकि उस तथाकथित घटना के समय लड़की नाबालिग नहीं, बालिग थी। अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने अपनी दलीलों को कोर्ट के सामने जारी रखते हुए कहा कि LIC Policy फॉर्म को लड़की की माँ ने खुद स्वीकार किया है और उसने उसके पैसे भी उठाए हैं। LIC Policy के संबंध में लड़की की माँ ने उक्त दस्तावेजों में भरे गए सभी तथ्यों के सही होने को स्वीकार करते हुए उस पर तीन जगह हस्ताक्षर किये हैं जिसमें लड़की की जन्मतिथि 1.7.94 भरी गई है जिसके हिसाब से लड़की कथित घटना के समय 19 साल से अधिक की हो जाती है।
🚩 50 करोड़ की फिरौती के लिए रचा गया षड्यंत्र..
2008 में योग वेदान्त सेवा समिति अहमदाबाद आश्रम को एक फैक्स भेजा गया था जिसमें अमृत प्रजापति व उसके साथियों के द्वारा ये कहा गया था कि 50 करोड़ रुपये दो वर्ना उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। हम झूठी लड़कियां तैयार करेंगे, प्लांट करेंगे जिसके कारण बापू जिंदगी भर जेल में रहेंगे और कभी बाहर नहीं आ सकेंगे।
🚩 इस बात के लिए conspiracy वडोदरा (गुजरात) में की गई थी। जिसमें दीपक चौरसिया (इंडिया न्यूज़ वाला) भी शामिल था जो मीडिया के ऊपर प्रचार प्रसार कर रहा था और कर्मवीर (परिवादिता का पिता) भी शामिल था। इन सबका जो एक motive था, वो 50 करोड़ की ब्लैकमेलिंग का था। 50 करोड़ नहीं देने के कारण से मणई गाँव का पूरा घटनाक्रम बनाया गया है।
🚩उत्तर प्रदेश के पूर्व महानिदेशक सुव्रत त्रिपाठी जी ने ट्वीटर के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू केस में…
– FIR की वीडियो रिकॉर्डिंग को गायब कर दिया
– FIR और उसकी कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया
– रजिस्टर के कई पन्ने फाड़े गए
– बर्थ सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र
– मेडिकल में नहीं मिला एक भी खरोंच का निशान
क्या ये उनको फंसाने की साजिश नहीं..??
संत आशारामजी बापू केस में…
– FIR की वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दिया
– FIR और उसकी कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया
– रजिस्टर के कई पन्ने फाड़ें गए
– बर्थ सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र
– मेडिकल में नहीं मिला एक भी खरोंच के निशानक्या ये उनको फंसाने की साजिश नहीं..??
— Suvrat Tripathi Mobile no 6393615553 (@ips_suvrat) August 25, 2020
🚩दूसरी ट्वीट के माध्यम से बताया कि संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई।
करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया।
वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को दिव्य संस्कार दिए।
कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।
वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया।
संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी करवाई।
करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया।
वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को दिव्य संस्कार दिए।
कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।
वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन शुरू करवाया।— Suvrat Tripathi Mobile no 6393615553 (@ips_suvrat) September 20, 2020
🚩 इन सब बातों से स्पस्ट होता है कि हिंदू संत आशाराम बापू को षड्यंत्र के तहत फसाया गया है, आतंकवादियों को भी जमानत मिल जाती है पर 8 साल से 85 वर्षीय हिंदू संत आशाराम बापू को जमानत नही मिलना क्या ये बड़ी साजिश नही है?
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