आशाराम बापू के साथ जो हो रहा है वह किसी आतंकवादी के साथ भी नहीं हुआ है…

24 जून 2021

 
हिंदू धर्मगुरु आशाराम बापू की उम्र 85 वर्ष की है। वे 8 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। जोधपुर सेंट्रल जेल में काफी लोग कोरोना पोजिटिव पाये गए उसके कारण आशाराम बापू पिछले महीने कोरोना संक्रमित हो गए, उनका स्वास्थ्य इतना गिर गया कि उन्हें जोधपुर AIIMS अस्पताल के AICU में भर्ती किया गया। उनको एलोपैथी दवाई दी गई जिसके कारण उनका स्वास्थ्य और बिगड़ गया और हीमोग्लोबिन 3.7 तक आ गया जिससे किसी सामान्य इंसान की मौत भी हो सकती थी। उनको खून की 7 बोतलें चढ़ाई गईं। कुछ दिन के बाद उनका थोड़ा स्वास्थ्य सुधार हुआ और उन्हें वापिस सेंट्रल जेल ले जाया गया जिसके कुछ दिन के बाद फिर से उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और उन्हें वापिस जोधपुर के AIIMS अस्पताल के AICU में भर्ती किया गया। आज फिर उनको वापिस जेल भेज दिया गया जबकि उनका स्वास्थ्य अभी भी पूर्णरूप से ठीक नहीं हुआ है।
 

 

 
 
उनके करोड़ों भक्त न्यायालय और सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि बापू आशारामजी को अभी जेल नहीं भेजा जाए, उनकी पहले आयुर्वेदिक चिकित्सा कराई जाए लेकिन उनकी आवाज सरकार और न्यायपालिका को सुनाई नहीं दे रही है।
दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम बुखारी पर 65 वारंट हैं, उसमें कई गैरजमानती वांरट भी हैं लेकिन उसे गिरफ्तार करने से भी सरकार डर रही है कि कहीं दंगे न हो जायें।
आशारामजी बापू के करोड़ों भक्त केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा की मांग कर रहे हैं परन्तु उस बात को भी सरकार सुन नहीं रही है।
 
कितने बड़े-बड़े अपराधियों को जमानत मिल गई, आतंकवादी को भी जमानत मिल गई लेकिन एक हिंदू संत आशाराम बापू को अपना उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सा से कराने के लिए भी न्यायालय और सरकार की परमिशन नहीं है- इससे ज्यादा देश में क्या अन्याय हो सकता है?
 
आपको बता देते हैं कि जिस समय लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने मित्र से कॉल पर बात कर रही थी और बापू आशारामजी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे, वहाँ पर 50-60 लोग भी थे, उन्होंने कोर्ट में गवाही भी दी है, लड़की का कॉल डिटेल भी दिया गया है।
 
बता दें कि आरोप लगानेवाली लड़की ने रेप का आरोप नहीं लगाया है, बल्कि लिखाया है कि मेरे साथ छेड़छाड़ हुई है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि लड़की को टच भी नहीं किया गया है। इससे साफ होता है कि लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।
वीडियो में यह देख सकते हैं।
 
इन सब पुख्ता सबूतों के होते हुए भी उनको आजीवन कारावास की सजा देना और आजतक जमानत नहीं देना- ये हिंदू धर्मगुरु को खत्म करने का कोई बड़ा षड्यंत्र तो नहीं है?
 
बापू आशारामजी की तरफ से निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। कल को अगर हाईकोर्ट में आशारामजी बापू निर्दोष साबित होते हैं तो सरकार, मीडिया और न्यायालय अपनी गलती मानेंगे?? और मान भी लें तो इंसानियत का तो गला आपने घोंट ही दिया, बाद में माफी मांगने से क्या फायदा? इतना उनका समय, पैसा, इज्जत और स्वास्थ्य गया उसका जिम्मेदार कौन होगा?
 
संत आशाराम बापू ने करोड़ों लोगों को सनातन धर्म के प्रति आस्थावान बनाया। लाखों लोगो की घर वापसी करवाई, आदिवासियों को धर्मांतरित होने से बचाया। विदेशों में भी सनातन धर्म का परचम लहराया।
 
करोड़ों लोगो के व्यसन छुड़वाए, एलोपैथी से देशवासियों को आयुर्वेद पर लेकर आये।
 
वैदिक गुरुकुल और बाल संस्कार केंद्र खोलकर बच्चों को सनातन संस्कृति के दिव्य संस्कार दिए।
 
कत्लखाने जाती हजारों गायों को बचाकर गौशालाएं खोल दी।
 
वेलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन और क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन दिवस शुरू करवाया।
 
क्या राष्ट्र और सनातन धर्म की सेवा करने के परिणामस्वरूप उनको षड्यंत्र करके जेल भिजवाया? अब हिंदुओं को सोचना होगा कि अगर कोई अन्य धर्म के गुरु होते तो आज देश में आग लग जाती लेकिन हिन्दू सहिष्णुता के नाम पलायनवादी हो गए हैं जिसके कारण आज हिन्दू धर्मगुरु जेल में हैं।
 
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